सोनीपत: केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन पिछले ढाई महीने से जारी है. वहीं सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन पर अपनी बात रखी और ये भी कहा कि एमएसपी था, है और रहेगा. साथ ही पीएम मोदी ने अपने भाषण में आंदोलनजीवी शब्द का भी इस्तेमाल किया. इसी को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने कुछ किसान नेताओं से बातचीत की.
भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के राष्ट्रीय महासचिव शमशेर सिंह दहिया ने कहा कि नरेंद्र मोदी को भारत के किसान ने बड़ी चाहत से प्रधानमंत्री बनाया था, ताकि वो देश के किसानों का भला करे सके, लेकिन कल उन्होंने जिस तरह से राज्यसभा में भाषण दिया उसे सुनकर देश के किसानों को बड़ा आघात पहुंचा है.
उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों को 'आंदोलनजीवी' जमात बताकर पीएम मोदी ने पूरे देश के किसानों को ठेस पहुंचाई है. उन्होंने किसान आंदोलन को बहुत ठेस पहुंचाई है. कुछ देने की बजाय उन्होंने किसानों का मजाक बनाया है और आज पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस भाषण की चर्चाए हैं.
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शमशेर सिंह दहिया ने कहा कि प्रधानमंत्री एक तरफ से ये कह रहे हैं कि किसानों के लिए सरकार के साथ वार्तालाप के दरवाजे खुले हैं, लेकिन दूसरी तरफ कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर आखिरी बातचीत में ये कहकर उठे थे कि ये उनके साथ उनकी आखिरी बातचीत है और वो इन कानूनों को वापस नहीं लेने वाले हैं.
शमशेर सिंह दहिया ने कहा कि जब देश का प्रधानमंत्री कोई बात कहता है तो उसको सभी गौर से सुनते हैं और उसका एक मतलब होता है, लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में अपने भाषण में कहा कि ये तीनों कानून वापस नहीं होंगे और एमएसपी था, है और रहेगा तो फिर एमएसपी पर कानून क्यों नहीं बनाते.
भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश सिंह ने भी ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण किसानों के हित में नहीं था. राजेश सिंह ने कहा कि सरकार एमएसपी को लेकर झूठ बोल रही है. हरियाणा समेत जहां भी मंडी सिस्टम है वहां एमएसपी पर खरीद नहीं हो रही है.
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