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किसान आंदोलन को मिला कई खापों का समर्थन, सैकड़ों ट्रैक्टर के साथ किया सिंघु बॉर्डर का रुख

सिंघु बॉर्डर पर डटे किसानों को अब प्रदेशभर की खापों का समर्थन मिलने लगा है. किसान आंदोलन को मजबूती देने के लिए एक बार फिर विभिन्न जिलों से किसानों का जत्था दिल्ली कूच करने लगा है.

khap support farmers movement
किसान आंदोलन को मिला कई खापों का समर्थन
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Published : Jan 29, 2021, 2:17 PM IST

Updated : Jan 29, 2021, 2:26 PM IST

सोनीपत: राकेश टिकैत की भावनात्मक अपील के बाद किसानों ने एक बार दिल्ली की तरफ कूच करना शुरू कर दिया है. सिंघु बॉर्ड पर चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए अब अंतिल खाप, दहिया खाप और मलिक खाप आगे आई हैं.

ये भी पढ़ें: देर रात फौगाट खाप ने की आपात बैठक, किसान आंदोलन को मजबूती देने का फैसला

जहां 26 जनवरी के बाद कुछ किसान संगठनों ने इस आंदोलन से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे वहीं एक बार फिर से हरियाणा के किसानों ने हुंकार भरी है और प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से सिंघु बॉर्डर पर ट्रैक्टर लेकर किसान पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हिसार: राकेश टिकैत की अपील का असल, नारनौंद से 6 महीना का राशन लेकर दिल्ली रवाना हुए किसान

टिकैत की अपील के बाद दादरी में फौगाट खाप ने गुरूवार देर रात आपातकालीन मीटिंग बुलाई और किसान आंदोलन को मजबूत करने का फैसला लिया. वहीं भिवानी जिले के कुंगड़ गांव के किसानों ने बैठक की जिसमें फैसला लिया गया कि गुरूवार रात को ही 50 ट्रैक्टर किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली की तरफ रवाना होंगे और सुबह के वक्त भी 200 ट्रेक्टर दिल्ली के लिए रवाना किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: 30 जनवरी को जींद में होगी 15 खापों की महापंचायत, किसान आंदोलन के समर्थन में लेगी बड़ा फैसला

इसी कड़ी में हिसार के नारनौंद के आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी किसानों जत्था 6 महीने का राशन लेकर सिंघु बॉर्डर की तरफ कूच कर चुका है. इन किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा किसानों को बदनाम किया जा रहा है लेकिन वो हार नहीं मानने वाले हैं. किसानों का कहना है कि जब तक कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

सोनीपत: राकेश टिकैत की भावनात्मक अपील के बाद किसानों ने एक बार दिल्ली की तरफ कूच करना शुरू कर दिया है. सिंघु बॉर्ड पर चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए अब अंतिल खाप, दहिया खाप और मलिक खाप आगे आई हैं.

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जहां 26 जनवरी के बाद कुछ किसान संगठनों ने इस आंदोलन से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे वहीं एक बार फिर से हरियाणा के किसानों ने हुंकार भरी है और प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से सिंघु बॉर्डर पर ट्रैक्टर लेकर किसान पहुंच रहे हैं.

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टिकैत की अपील के बाद दादरी में फौगाट खाप ने गुरूवार देर रात आपातकालीन मीटिंग बुलाई और किसान आंदोलन को मजबूत करने का फैसला लिया. वहीं भिवानी जिले के कुंगड़ गांव के किसानों ने बैठक की जिसमें फैसला लिया गया कि गुरूवार रात को ही 50 ट्रैक्टर किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली की तरफ रवाना होंगे और सुबह के वक्त भी 200 ट्रेक्टर दिल्ली के लिए रवाना किए जाएंगे.

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इसी कड़ी में हिसार के नारनौंद के आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी किसानों जत्था 6 महीने का राशन लेकर सिंघु बॉर्डर की तरफ कूच कर चुका है. इन किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा किसानों को बदनाम किया जा रहा है लेकिन वो हार नहीं मानने वाले हैं. किसानों का कहना है कि जब तक कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

Last Updated : Jan 29, 2021, 2:26 PM IST
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