सोनीपत: जिस समय पीपली में किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, उस समय किसी ने सोचा भी नहीं था, ये कार्रवाई सरकार को कितनी भारी पड़ेगी. इस लाठीचार्ज ने अब कहीं न कहीं किसानों के आंदोलन को और मजबूत कर दिया है. किसान अध्यादेश के विरोध में तो पहले से ही हैं, लेकिन लाठीचार्ज ने सरकार के खिलाफ आग में घी डालने का काम किया. तभी सोनीपत के किसान भी 20 सितंबर को सरकार ललकारने की तैयारी में लग गए हैं.
खरखौदा के सेहरी गांव की बड़ी चौपाल में बुधवार को भारतीय किसान यूनियन की स्थानीय इकाई की बैठक हुई, जिसमें 20 सितंबर को चक्का जाम की रणनीति बनाई गई. किसानों से आंदोलन में हिस्सेदारी दर्ज करने की अपील भी की गई है. ब्लॉक अध्यक्ष जयसिंह नकलोई ने का कि वो विशेष रूप से युवाओं से अपील करने आए हैं कि 20 सितंबर को ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपने ट्रैक्टर लेकर जक्का जाम करने में भागीदारी निभाएं.
ब्लॉक अध्यक्ष ने किसानों पर पrपली में हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि कृषि के तीनों अध्यादेशें के खिलाफ 20 सितबंर को पूरे हरियाणा में चक्का जाम होगा और खरखौदा में भी पूरी तैयारी है. किसान इस चक्का जाम सफल बनाएंगे और अपनी एकता दिखाएंगे. इस दौरान उन्होंने बरोदा उपचुनाव में बीजेपी-जेजेपी के खिलाफ प्रचार करने की बात भी कही.
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बता दें कि, बीते मंगलावार को दिल्ली के हरियाणा भवन में किसान संगठनों और केंद्रीय कृषि मंत्री के बीच बैठक होनी थी, लेकिन बात तब बिगड़ गई जब भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात से मना कर दिया. गुरनाम सिंह ने कहा कि जब तक सरकार कृषि अध्यादेश को वापस नहीं लेगी तब तक कोई बात नहीं होगी, जिसको लेकर हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने गुरनाम सिंह पर कांग्रेस से मिली भगत के आरोप भी लगा दिए