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लंबी लड़ाई की तैयारी में किसान, सिंघु बॉर्डर पर ले गए वॉशिंग मशीनें - किसान कपड़े धोने की मशीन सिंघु बॉर्डर

17 दिन से किसान कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर डटे हैं. किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर हर तरह की सुविधाएं जुटा ली हैं. अब किसान कपड़े धोने की मशीन सिंघु बॉर्डर पर ले आए हैं.

Farmers washing machine Singhu border
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Published : Dec 12, 2020, 9:23 PM IST

सोनीपत: कृषि कानूनों के विरोध में किसान 17 दिन से सिंघु बॉर्डर पर डटे हैं. इस बीच किसान आंदोलन की अलग-अलग तत्वीरें भी सामने आ रही हैं. किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर जरूरत का सारा सामान इक्टठा कर लिया है. जुगाड़ का गीजर हो या फिर चार्जिंग स्टेशन किसानों को यहां हर सुविधाएं मिल रही हैं.

ईटीवी भारत हरियाणा लगातार आपको किसान आंदोलन से जुड़ी अलग-अलग तस्वीरों से रूबरू करवा रहा है. दरअसल किसानों ने पंजाब से कपड़े धोने की वाशिंग मशीन सिंघु बॉर्डर मंवाई है. एक मशीन की कीमत करीब 1 लाख 50 हजार है. इस मशीन में एक वक्त में 60 जोड़ी कपड़े धुल जाते हैं.

सिंघु बॉर्डर पर पहुंची कपड़े धोने की मशीन

किसानों का कहना है कि कपड़े धोने में उन्हें बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था. इसलिए कपड़े धोने की मशीन वो पंजाब से लाए हैं. अभी ऐसी 15 मशीन पंजाब से आनी हैं. जिसके बाद कपड़े धोने और सुखाने की समस्या का हल हो जाएगा. वहीं छोटी मशीनें भी लगभग 10 से 15 किसान आंदोलन में आ चुकी हैं. जो लगातार किसानों के कपड़े धोने का काम कर रही हैं.

ये भी पढ़ें- '48 घंटे के अंदर किसानों और सरकार के बीच जल्द होगी 7वें दौर की बातचीत'

किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती तबतक तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. किसानों ने कहा कि 6 दौर की बातचीत अभी तक बेनतीजा रही है. उन्होंने उम्मीद जाताई कि सातवें दौर की बैठक में कोई ना कोई समाधान तो जरूर निकलेगा.

सोनीपत: कृषि कानूनों के विरोध में किसान 17 दिन से सिंघु बॉर्डर पर डटे हैं. इस बीच किसान आंदोलन की अलग-अलग तत्वीरें भी सामने आ रही हैं. किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर जरूरत का सारा सामान इक्टठा कर लिया है. जुगाड़ का गीजर हो या फिर चार्जिंग स्टेशन किसानों को यहां हर सुविधाएं मिल रही हैं.

ईटीवी भारत हरियाणा लगातार आपको किसान आंदोलन से जुड़ी अलग-अलग तस्वीरों से रूबरू करवा रहा है. दरअसल किसानों ने पंजाब से कपड़े धोने की वाशिंग मशीन सिंघु बॉर्डर मंवाई है. एक मशीन की कीमत करीब 1 लाख 50 हजार है. इस मशीन में एक वक्त में 60 जोड़ी कपड़े धुल जाते हैं.

सिंघु बॉर्डर पर पहुंची कपड़े धोने की मशीन

किसानों का कहना है कि कपड़े धोने में उन्हें बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था. इसलिए कपड़े धोने की मशीन वो पंजाब से लाए हैं. अभी ऐसी 15 मशीन पंजाब से आनी हैं. जिसके बाद कपड़े धोने और सुखाने की समस्या का हल हो जाएगा. वहीं छोटी मशीनें भी लगभग 10 से 15 किसान आंदोलन में आ चुकी हैं. जो लगातार किसानों के कपड़े धोने का काम कर रही हैं.

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किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती तबतक तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. किसानों ने कहा कि 6 दौर की बातचीत अभी तक बेनतीजा रही है. उन्होंने उम्मीद जाताई कि सातवें दौर की बैठक में कोई ना कोई समाधान तो जरूर निकलेगा.

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