सोनीपत: एनजीटी के पटाखा बैन के आदेश के बाद भी हरियाणा के जिलों में पटाखे जलाए गए और इन आदेशों की धज्जियां उड़ाई गई. अब भारतीय किसान यूनियन के नेता अधिकारी और नेताओं पर सवाल उठा रहे हैं, और नेताओं व अधिकारियों पर पटाखा विक्रेताओं के साथ मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं. साथ में किसानों पर जुर्माना और पटाखा विक्रेताओं पर कोई जुर्माना नहीं करने पर भी गोहाना में भारतीय किसान यूनियन के उपाध्यक्ष ने जमकर सरकार और अधिकारियों पर निशाना साधा.
भारतीय किसान यूनियन के उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल का कहना है कि सरकार ने किसान के ऊपर पराली जलाने के करोड़ों का जुर्माना लगाया और 5 साल की सजा का प्रावधान किया है. इसकी हम घोर निंदा करते हैं. पटाखा चलाने से काम चल सकता है, लेकिन अन्न के बगैर काम नहीं चल सकता. इन्होंने पहले पटाखे बनवाएं फिर बिकवाने का काम किया. एनजीटी के आदेश के बाद भी सरेआम धज्जियां उड़ाई गई. ये सब कमीशन खोरी के चक्कर में हुआ है.
किसान अगर खेत में हल्की सी आग लगा देता है तो उस पर तुरंत जुर्माना किया जाता है, लेकिन पटाखा विक्रेताओं पर किसी ने भी तरह का जुर्माना नहीं किया. इसी बात को लेकर किसान आने वाली 26 तारीख को दिल्ली के अंदर जाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है, और जोरदार विरोध दर्ज करवाया जाएगा.
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