सोनीपत: किसानों के प्रदर्शन का रविवार को 18वां दिन रहा. नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों ने मंगलवार को केंद्र सरकार के संशोधनों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. किसान संगठनों की मांग है कि सरकार से बातचीत तभी मुमकिन होगी, जब वह कृषि कानूनों को रद्द करे. इस बीच, किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि वो दिल्ली बॉर्डर पर 14 दिसंबर को दिनभर के लिए अनशन करेंगे. इस बीच किसान आंदोलन के बीच कई ऐसे पोस्टर्स भी सामने आ रहे हैं, जिनमें वो राजनेताओं और उद्दोगपतियों का मजाक उड़ा रहे हैं.
कई पोस्टर्स में बिजनेसमैन अनिल अंबानी और बीजेपी की कथित समर्थक कंगना राणावत का मजाक उड़ाया गया है. इससे पहले आंदोलन के बीच से कई पोस्टर्स सामने आए थे, जिसमें हरियाणा के सीएम और डिप्टी सीएम का भी मजाक उड़ाया गया था. किसानों का कहना है कि ये फोटो लगाने का मकसद किसानों को जगाना है, क्योंकि किसानों के ऊपर केंद्र सरकार ने जो कानून लगाए हैं वह बिजनेसमैन ओके कहने से लगाए हैं.
रविवार को सिंघु बॉर्डर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने बताया कि अपने आंदोलन को लेकर उनके नेताओं की बैठक हुई है जिसमें फैसला किया गया कि किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित सभी नाकों पर अनशन पर बैठेंगे. इन सभी स्थानों पर किसान नेता अनशन पर बैठेंगे. वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़नी ने कहा कि किसान सोमवार को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक एक दिवसीय अनशन पर रहेंगे.
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संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा कि हमारी 4 मांगें हैं. पहला, तीनों कृषि कानून रद्द किए जाएं. दूसरा MSP गारंटी कानून बनाया जाए. तीसरा प्रस्तावित बिजली बिल रद्द किया जाए और चौथा पराली जलाने के मुद्दे पर किसानों का शोषण बंद किया जाए.