सोनीपत: केंद्र सरकार और किसानों के बीच में सहमति बनने के बाद किसानों ने दिल्ली बॉर्डर से धरना समाप्त कर दिया था. वहीं अभी तक किसानों की मांगें नहीं माने जाने पर किसान नेताओं ने सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाये है. साथ ही 15 जनवरी को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में महीने के आखिरी दिन यानी 31 जनवरी को हरियाणा के सभी जिला मुख्यालयों पर किसान नेताओं ने प्रदर्शन कर वादाखिलाफी दिवस मनाने का ऐलान किया था. इसी कड़ी में किसान नेता अब गांव-गांव का दौरा कर (Farmer leaders visited Sonipat) प्रदर्शन की तैयारियों में जुट गए है. रविवार को किसान नेताओं ने सोनीपत के भी कई गांवों का दौरा किया.
इस दौरान 31 जनवरी को सरकार के खिलाफ किए जाने वाले वादाखिलाफी दिवस में (District headquarters protest in Haryana) जान फूंकने के लिए लोगों को जागरुक किया. इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि 9 दिसंबर को सरकार के आश्वासन के बाद किसान नेताओं ने किसान आंदोलन को स्थगित कर दिया था और किसान आंदोलन समाप्त कर सभी किसान और किसान नेता अपने घर चले गए थे. उस समय सरकार ने उन्हें लिखित में आश्वासन दिया था लेकिन सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की है. किसान अपने घर जा चुके हैं ,लेकिन सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है. जो वादे सरकार ने लिखित में दिए थे. उनमें से सरकार ने एक भी पूरा नहीं किया है.
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वहीं किसान नेताओं ने बताया कि लखीमपुर खीरी के दौरे पर किसान नेता राकेश टिकैत जा चुके हैं और अगर वह कहते हैं तो वहां पक्का मोर्चा भी शुरू किया जा सकता है. क्योंकि सरकार ने अभी तक लखीमपुर के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय उर्फ टोनी को बर्खास्त नहीं किया है. वहीं किसान नेताओं ने एक बार फिर साफ कर दिया कि अगर 31 जनवरी तक उनकी मांग पूरी नहीं होती है, तो वह 1 फरवरी से मिशन यूपी और उत्तराखंड चलाएंगे.
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