सोनीपत: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है और आज सोनीपत के खरखौदा स्थित अनाज मंडी में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. इस किसान महापंचायत में बड़े किसान नेताओं ने शिरकत की. महापंचायत में मौजूद युवा किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की.
अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि पूरे देश में किसान आंदोलन को तेज करने के लिए किसान महापंचायतों का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को और तेज के लिए किसान नेता लगातार प्रयास कर रहे हैं. ये आंदोलन तब तक ऐसे ही चलता रहेगा जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते और एमएसपी पर कानून नहीं बनता.
'चढूनी के बयान का गलत मतलब निकाला गया'
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने एक वीडियो जारी कर ये कहा था कि हरियाणा और पंजाब में किसान महापंचायतों की जरूरत नहीं है. यहां के किसान कृषि कानूनों के प्रति पहले से ही जागरूक हैं. इसको लेकर युवा किसान नेता कोहाड़ ने प्रतिक्रिया दी. अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि गुरनाम सिंह के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.
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कोहाड़ ने कहा कि गुरनाम सिंह ये चाहते हैं कि दक्षिण भारत के राज्यों में भी किसान महापंचायतों का आयोजन किया जाए, ताकि हर क्षेत्र के किसान आंदोलन में हिस्सा लें. उनका ये मतलब कतई नहीं थी कि हरियाणा और पंजाब में किसान महापंचायतों को बंद करना है. उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है.
नरेंद्र तोमर को किसान नेता की चुनौती!
किसान नेता अभिमन्य कोहाड़ ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनौती दी. कोहाड़ ने कहा कि अगर किसान कृषि कानूनों को काला बताने में कहीं भी चूके हों तो वो 3 दिसंबर की वीडियो रिकॉर्डिंग को जारी करें. 3 दिसंबर को किसान नेताओं और सरकार के बीच वार्ता हुई थी. अगर वो वीडियो जारी हो जाएगा, तो पूरे देश के सामने दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
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