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बरोदा उपचुनाव: चुनाव अधिकारियों की लगी ड्यूटी, कोरोना के चलते बढ़ाए गए बूथ - बरोदा उपचुनाव ताजा खबर

बरोदा उपचुनाव के लिए चुनाव अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है. इसके अलावा इस बार बूथों की संख्या में भी इजाफा किया गया है.

election officers appointed for baroda by election
बरोदा उपचुनाव: चुनाव अधिकारियों की लगी ड्यूटी, कोरोना के चलते बढ़ाए गए बूथ
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Published : Oct 3, 2020, 12:49 PM IST

सोनीपत: बरोदा उपचुनाव को लेकर चुनाव अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है. इसके अलावा कोरोना महामारी के चलते चुनाव बूथों की संख्या भी बढ़ा दी गई है. इस बार बरोदा में बूथों की संख्या 223 से बढ़ा कर 280 कर दी गई हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग और पूरी सावधानी के साथ कोरोना काल में उपचुनाव कराया जा सके.

इसके अलावा बरोदा विधानसभा में 7 से 8 जगहों पर पुलिस नाके लगाए जाएंगे. भड़काऊ भाषण और सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर निगरानी रखने के लिए सोनीपत में अलग से एमसीएम रूम बनाया जाएगा.

ये भी पढ़िए: बरोदा उपचुनाव का सियासी पारा चरम पर, जानिए कैसा रहा शुक्रवार का दिन?

बता दें कि पूरे देश में 56 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इनमें से एक सीट हरियाणा की है. हरियाणा में बरोदा सीट पर उपचुनाव होने हैं. यहां से विधायक श्री कृष्ण हुड्डा की मौत हो गई थी. उनकी सीट खाली होने पर यहां उपचुनाव हो रहा है. इस सीट पर 3 नवंबर को वोटिंग होगी और 10 नवंबर को परिणाम आएंगे. सियासी दावों और वादों के बीच किस के सिर पर ताज सजेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

बरोदा सीट का इतिहास

2009 में बरोदा सीट सामान्य थी, जबकि इससे पहले ये सीट आरक्षित थी. साल 2019 के चुनाव में श्रीकृष्ण हुड्डा ने बीजेपी के उम्मीदवार ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त को 4840 वोटों से हराया था. कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा इस सीट से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं. हालांकि इससे पहले ये इनेलो का गढ़ माना जाता था. साल वर्ष 1977 से 2005 तक ताऊ देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के प्रत्याशी ही यहां से जीतते आए थे. अगर बात बीजेपी की करें तो बरोदा में आजतक कमल का फूल नहीं खिला है, इसलिए बीजेपी इस बार इनेलो और कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने की हर मुमकिन कोशिश में जुटी है.

सोनीपत: बरोदा उपचुनाव को लेकर चुनाव अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है. इसके अलावा कोरोना महामारी के चलते चुनाव बूथों की संख्या भी बढ़ा दी गई है. इस बार बरोदा में बूथों की संख्या 223 से बढ़ा कर 280 कर दी गई हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग और पूरी सावधानी के साथ कोरोना काल में उपचुनाव कराया जा सके.

इसके अलावा बरोदा विधानसभा में 7 से 8 जगहों पर पुलिस नाके लगाए जाएंगे. भड़काऊ भाषण और सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर निगरानी रखने के लिए सोनीपत में अलग से एमसीएम रूम बनाया जाएगा.

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बता दें कि पूरे देश में 56 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इनमें से एक सीट हरियाणा की है. हरियाणा में बरोदा सीट पर उपचुनाव होने हैं. यहां से विधायक श्री कृष्ण हुड्डा की मौत हो गई थी. उनकी सीट खाली होने पर यहां उपचुनाव हो रहा है. इस सीट पर 3 नवंबर को वोटिंग होगी और 10 नवंबर को परिणाम आएंगे. सियासी दावों और वादों के बीच किस के सिर पर ताज सजेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

बरोदा सीट का इतिहास

2009 में बरोदा सीट सामान्य थी, जबकि इससे पहले ये सीट आरक्षित थी. साल 2019 के चुनाव में श्रीकृष्ण हुड्डा ने बीजेपी के उम्मीदवार ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त को 4840 वोटों से हराया था. कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा इस सीट से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं. हालांकि इससे पहले ये इनेलो का गढ़ माना जाता था. साल वर्ष 1977 से 2005 तक ताऊ देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के प्रत्याशी ही यहां से जीतते आए थे. अगर बात बीजेपी की करें तो बरोदा में आजतक कमल का फूल नहीं खिला है, इसलिए बीजेपी इस बार इनेलो और कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने की हर मुमकिन कोशिश में जुटी है.

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