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किसानों के आंदोलन में बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल, बोलीं- पूरी तैयारी के साथ आए हैं - singhu border Elderly women farmers movement

सिंघु बॉर्डर पर बैठे लाखों किसानों का समर्थन करने के लिए बुजुर्ग महिलाएं भी आई है. महिलाओं ने कहा कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

Elderly women taking part in farmers movement in sonipat
Elderly women taking part in farmers movement in sonipat
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Published : Nov 29, 2020, 12:40 PM IST

सोनीपत: खेती कानूनों के खिलाफ किसानों की आर-पार की लड़ाई जारी है. लाखों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं और दिल्ली में अंदर आने की मांग कर रहे हैं. इस विरोध में सिर्फ नौजवान किसान ही नहीं बल्कि हर तरह के लोग हिस्सा ले रहे हैं.

कड़ी सर्दी के बीच पंजाब और हरियाणा से आई बुजुर्ग महिलाएं भी इन आंदोलन में अपना योगदान दे रही हैं. ये महिलाएं उम्र से बुजुर्ग हैं, लेकिन इनके हौसले अभी भी काफी बुलंद हैं. बुजुर्ग महिलाएं भी कृषि कानून के खिलाफ अड़ गई हैं. इन महिलाओं का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे वहीं पर डटी रहेंगी. ये बुजुर्ग महिलाएं लंगर के लिए खाना भी बना रही है.

संगरूर से आई बुजुर्ग महिलाओं ने कहा- 'सिर पर कफन बांध कर आए हैं'

बता दें कि दिल्ली कूच को लेकर लगातार हरियाणा पंजाब समेत पूरे देश भर का किसान सड़कों पर है और दिल्ली के चारों तरफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठा हुआ है. युवा बच्चे महिलाएं सभी आंदोलन में अपनी अपनी हिस्सेदारी दे रहे हैं और ईटीवी भारत की टीम लगातार ग्राउंड जीरो पर किसानों की आवाज को उठा रही है.

ये भी पढ़ें- सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान, यहीं से कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ी जाएगी लड़ाई

पंजाब के संगरूर जिले से आई कुछ बुज़ुर्ग महिलाएं किसानों के लिए खाना बना रही है, ऐसी ही कुछ बुजुर्ग महिलाओं से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की. महिलाओं ने कहा कि जब तक ये तीनों कृषि कानून केंद्र सरकार वापस नहीं ले लेती तब तक वह वापस नहीं जाएंगे. चाहे उनको साल भर यूं ही बैठना पड़े. इन महिलाओं ने ट्रैक्टर को ही अपना आशियाना बनाया हुआ है और कड़ाके सर्दी में डटी हुई है.

सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे लोगों ने ये तक कह दिया की कृषि कानून को सरकार ने रद्द नहीं किया तो वो कुछ भी करने को तैयार है चाहे उन्हें इसके लिए अपने बच्चों को कुर्बानी क्यों ना देनी पढ़े.

सोनीपत: खेती कानूनों के खिलाफ किसानों की आर-पार की लड़ाई जारी है. लाखों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं और दिल्ली में अंदर आने की मांग कर रहे हैं. इस विरोध में सिर्फ नौजवान किसान ही नहीं बल्कि हर तरह के लोग हिस्सा ले रहे हैं.

कड़ी सर्दी के बीच पंजाब और हरियाणा से आई बुजुर्ग महिलाएं भी इन आंदोलन में अपना योगदान दे रही हैं. ये महिलाएं उम्र से बुजुर्ग हैं, लेकिन इनके हौसले अभी भी काफी बुलंद हैं. बुजुर्ग महिलाएं भी कृषि कानून के खिलाफ अड़ गई हैं. इन महिलाओं का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे वहीं पर डटी रहेंगी. ये बुजुर्ग महिलाएं लंगर के लिए खाना भी बना रही है.

संगरूर से आई बुजुर्ग महिलाओं ने कहा- 'सिर पर कफन बांध कर आए हैं'

बता दें कि दिल्ली कूच को लेकर लगातार हरियाणा पंजाब समेत पूरे देश भर का किसान सड़कों पर है और दिल्ली के चारों तरफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठा हुआ है. युवा बच्चे महिलाएं सभी आंदोलन में अपनी अपनी हिस्सेदारी दे रहे हैं और ईटीवी भारत की टीम लगातार ग्राउंड जीरो पर किसानों की आवाज को उठा रही है.

ये भी पढ़ें- सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान, यहीं से कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ी जाएगी लड़ाई

पंजाब के संगरूर जिले से आई कुछ बुज़ुर्ग महिलाएं किसानों के लिए खाना बना रही है, ऐसी ही कुछ बुजुर्ग महिलाओं से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की. महिलाओं ने कहा कि जब तक ये तीनों कृषि कानून केंद्र सरकार वापस नहीं ले लेती तब तक वह वापस नहीं जाएंगे. चाहे उनको साल भर यूं ही बैठना पड़े. इन महिलाओं ने ट्रैक्टर को ही अपना आशियाना बनाया हुआ है और कड़ाके सर्दी में डटी हुई है.

सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे लोगों ने ये तक कह दिया की कृषि कानून को सरकार ने रद्द नहीं किया तो वो कुछ भी करने को तैयार है चाहे उन्हें इसके लिए अपने बच्चों को कुर्बानी क्यों ना देनी पढ़े.

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