सोनीपत: दीन बंधु छोटूराम यूनिवर्सिटी मुरथल (deen bandhu chhoturam university murthal) में हरियाणा के पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने सोनीपत जिले के नवनिर्वाचित सरपंच, पंच, पंचायत समिति और जिला परिषद के साथ जनसंवाद किया. इस दौरान सरपंचों और पंचों के साथ कैबिनेट मंत्री देवेंद्र बबली (cabinet minister devendra babli) की ई टेंडरिंग को लेकर तीखी नोकझोंक हुई.
बैठक (devendra babli sarpanchs meeting in sonipat) में सरपंचों का कहना है कि ई टेंडरिंग से गांव का अच्छे से विकास नहीं हो पाएगा. ठेकेदार और अधिकारी अपनी मर्जी से गांव का विकास कराएंगे. लिहाजा सरपंचों का गांव के विकास में कोई भी हाथ नहीं रह जाएगा. जिसका जन प्रतिनिधि विरोध कर रहे हैं. सरपंचों ने कहा कि अगर सरपंचों को विकास कार्यों के लिए पैसा सीधे तौर पर नहीं दिया जाएगा, तो ठेकेदार और अधिकारी मनमर्जी से गांव में कार्य करवाएंगे.
जिसमें लेटलतीफी होगी और सरपंच इसमें कुछ नहीं कर पाएगा. इस बार 2 साल देरी से चुनाव हुए तो गांवों के विकास कार्य अटक गए. गांव दुभेटा के सरपंच विकास आर्य ने कहा कि हम तो केवल अब गांव के चौकीदार बनकर ही रह जाएंगे, क्योंकि दो लाख से ज्यादा के विकास कार्य हम नहीं करा पाएंगे और जो दो लाख के विकास कार्य होंगे. उनके लिए भी हम ई टेंडर लगावएंगे, उन्होंने कहा कि सरकार की ये स्कीम (e tendering scheme) सरपंचों के खिलाफ है.
जिसका जनप्रतिनिधि विरोध कर रहे हैं. वहीं इस मुद्दे पर कैबिनेट मंत्री देवेंद्र बबली ने कहा कि सरकार शहरों की तर्ज पर गांवों का विकास करवाएगी, क्योंकि गांवों में कच्ची सड़कों को पक्का करवाया जाएगा. सरकारी ई टेंडर स्कीम के जरिए गांवों का विकास करवाने जा रही है, सरकार जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है. पिछली सरकारों में जो सरपंच घोटाले करता था. उस पर भी हमने रिकवरी की है और अधिकारियों पर भी हमने भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर शिकंजा कसा है, सरपंच गांव का जनप्रतिनिधि है, ना कि कोई ठेकेदार और अकाउंटेंट, सरकार गांवों में गुणवत्ता के तहत काम कर रही है. गांव को अब शहर की तर्ज पर चमकाने का काम है.