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सोनीपत नगर निगम पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, निगम ने बताया निराधार

नगर निगम सोनीपत पर काॅलेज प्रोफेसर ने भ्रष्टाचार के आरोप (allegations on Sonipat Municipal Corporation) लगाए हैं. पोस्टर छपवा कर प्रोफेसर नगर निगम कार्यलय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहा है. वहीं नगर निगम ने सभी आरोपों को निराधार बताया है.

Sonipat Municipal Corporation
सरकारी कॉलेज में तैनात प्रोफेसर नगर निगम मेयर से लेकर अधिकारियों के खिलाफ अनोखा विरोध
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Published : Jul 28, 2022, 1:37 PM IST

सोनीपतः नगर निगम पर कॉलेज में पढ़ाने वाले प्रोफेसर ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. निगम के भ्रष्टाचार को उजागर (allegations on Sonipat Municipal Corporation) करने का दावा कर प्रोफेसर ने पोस्टर छपवा कर निगम कार्यलय के बाहर विरोध शुरू कर दिया है. प्रोफेसर अजय दहिया का कहना है कि वो अपने प्लाट की चारदीवारी कर रहा था लेकिन निगम मेयर और अधिकारियों ने उसे तोड़ दिया. उसने बताया कि मुरथल रोड पर उसका 800 गज को प्लाट है और वो उसकी पोल लगाकर तारबंदी कर रहा था. लेकिन अधिकारियों ने सारी पोल और तारबंदी उखाड़ कर फेंक दी.

पीड़ित प्रोफेसर ने बताया कि पोल और तारबंदी इसलिए लगाई जा रही थी ताकि आस पड़ोस के लोग उसमें गंदगी ने फेंके. लेकिन निगम अधिकारियों ने उसकी एक न सुनी और तोड़ फोड़ कर सारा काम रुकवा दिया. निगम की तोड़फोड़ के बाद ही पीड़ित अजय दहिया ने नगर निगम के (Municipal Corporation sonipat) अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़े हैं. उन्होंने बताया कि निगम अधिकारियों ने उनसे खुद तो कोई रूपए नहीं मांगे थे लेकिन कुछ दलालों ने उनसे 2 लाख रूपए की मांग की थी. दलालों ने कहा था कि अगर वो रूपए दे देगा तो कोई भी उसे 4 महीने तक किसी भी निर्माण कार्य से नहीं रोकेगा.

नगर निगम डिप्टी कमिश्नर अपूर्व चौधरी ने आरोपों पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि अगर प्रोफेसर अजय दहिया को कोई दिक्कत है तो वो लिखित में शिकायत दें. ऐसे पोस्टर लगाकर आरोप लगाना सही नही हैं. उनके पास किसी अधिकारी का कोई रिश्वत मांगने की वीडियो या कोई शिकायत है तो बताए उस अधिकारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि अधिकारियों को उनसे मिलने के लिए भेजा जाएगा और उनकी समस्या का जल्द से जल्द समाधान करवाया जाएगा.

सोनीपतः नगर निगम पर कॉलेज में पढ़ाने वाले प्रोफेसर ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. निगम के भ्रष्टाचार को उजागर (allegations on Sonipat Municipal Corporation) करने का दावा कर प्रोफेसर ने पोस्टर छपवा कर निगम कार्यलय के बाहर विरोध शुरू कर दिया है. प्रोफेसर अजय दहिया का कहना है कि वो अपने प्लाट की चारदीवारी कर रहा था लेकिन निगम मेयर और अधिकारियों ने उसे तोड़ दिया. उसने बताया कि मुरथल रोड पर उसका 800 गज को प्लाट है और वो उसकी पोल लगाकर तारबंदी कर रहा था. लेकिन अधिकारियों ने सारी पोल और तारबंदी उखाड़ कर फेंक दी.

पीड़ित प्रोफेसर ने बताया कि पोल और तारबंदी इसलिए लगाई जा रही थी ताकि आस पड़ोस के लोग उसमें गंदगी ने फेंके. लेकिन निगम अधिकारियों ने उसकी एक न सुनी और तोड़ फोड़ कर सारा काम रुकवा दिया. निगम की तोड़फोड़ के बाद ही पीड़ित अजय दहिया ने नगर निगम के (Municipal Corporation sonipat) अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़े हैं. उन्होंने बताया कि निगम अधिकारियों ने उनसे खुद तो कोई रूपए नहीं मांगे थे लेकिन कुछ दलालों ने उनसे 2 लाख रूपए की मांग की थी. दलालों ने कहा था कि अगर वो रूपए दे देगा तो कोई भी उसे 4 महीने तक किसी भी निर्माण कार्य से नहीं रोकेगा.

नगर निगम डिप्टी कमिश्नर अपूर्व चौधरी ने आरोपों पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि अगर प्रोफेसर अजय दहिया को कोई दिक्कत है तो वो लिखित में शिकायत दें. ऐसे पोस्टर लगाकर आरोप लगाना सही नही हैं. उनके पास किसी अधिकारी का कोई रिश्वत मांगने की वीडियो या कोई शिकायत है तो बताए उस अधिकारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि अधिकारियों को उनसे मिलने के लिए भेजा जाएगा और उनकी समस्या का जल्द से जल्द समाधान करवाया जाएगा.

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