गोहानाः बरोदा विधानसभा में कभी ना जीत पाने के अनचाहे रिकॉर्ड को बीजेपी जल्द से जल्द ध्वस्त करना चाहती है. इस बार के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पूरी उम्मीद है कि वो अपने उम्मीदवार को यहां से जिता ले जाएगी. इसीलिए दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक में बरोदा के लिए रणनीतियां बन रही हैं, कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया जा रहा है और नेताओं को जिम्मेदारियां दी जा रही हैं.
बरोदा में ये है बीजेपी का प्लान
भारतीय जनता पार्टी हर हाल में बरोदा विधानसभा पर विजयी पताका फहराना चाहती है क्योंकि पार्टी नेताओं को लगता है कि इससे अच्छा मौका उन्हें दोबारा नहीं मिलेगा. इस वक्त वो प्रदेश में सरकार चला रहे हैं और तीसरे नंबर पर रहने वाली पार्टी उनके साथ गठबंधन में है. जिन दोनों का फायदा उन्हें मिलने की उम्मीद है. इसीलिए बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सीधे जनता तक पहुंचने की रणनीति बनाई है.
एक कार्यकर्ता को दो परिवारों की जिम्मेदारी
बीजेपी ने अपने 500 कार्यकर्ताओं की स्पेशल ड्यूटी लगाई है, ये 500 कार्यकर्ता 1000 परिवारों से सीधे संपर्क करेंगे और उन्हें सरकार नीतियों के बारे में बताएंगे. 17 अक्टूबर से 1 नवंबर तक इन कार्यकर्ताओं का काम होगा कि वो इन परिवारों को अपनी पार्टी के पक्ष में वोट डालने के लिए राजी करें और सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दें.
घर-घर जाने की रणनीति क्यों ?
हाल ही में तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार कई तरह के सवालों के घेरे में रही है और हरियाणा में किसानों की बड़ी संख्या है. यहां विपक्ष भी इन कानूनों को लेकर मुखर रहा है और किसान भी प्रदर्शन करते रहे हैं ऐसे में बीजेपी कार्यकर्ताओं को ये भी जिम्मेदारी दी गई है कि इन तीन नए कृषि कानूनों का फायदा किसानों को बताएं ताकि चुनाव में इस विरोध का नुकसान ना हो.
इन नेताओं पर बरोदा की जिम्मेदारी
भारतीय जनता पार्टी यहां चुनाव जीतने के लिए कितनी मेहनत और मशक्कत कर रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कृषि मंत्री जेपी दलाल और मुख्यमंत्री के नजदीकी सांसद संजय भाटिया को बरोदा उपचुनाव का प्रभारी बनाया गया है. जो एक-एक गतिविधि पर नजर रख रहे हैं साथ ही मुख्यमंत्री समेत तमाम बड़े नेताओं के दौरे भी यहां लगातार हो रहे हैं.