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CWG 2022: कड़ी मेहनत और कुछ कर गुजरने का जूनून, ऐसा रहा है गोल्ड मेडलिस्ट नवीन मलिक का संघर्ष

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पहलवान नवीन मलिक ने 74 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल (naveen malik won gold medal in cwg 2022) जीतकर इतिहास रचा है. उनकी इस जीत के बाद परिवार में खुशी का माहौल है.

Etv Bharatsonipat wrestler naveen malik
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Published : Aug 7, 2022, 8:49 PM IST

सोनीपत: राष्ट्रमंडल खेलों में हरियाणा के पहलवानों ने दुनिया को अपना दमखम दिखाया है. सोनीपत के पुगथला गांव के रहने वाले नवीन मलिक ने 74 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल (naveen malik won gold medal in cwg 2022) जीतकर इतिहास रचा है. उनकी इस जीत के बाद परिवार में खुशी का माहौल है. नवीन के पिता का कहना है कि अपने बेटे को पहलवान बनाने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है. अब उनकी मेहनत रंग लाई है.

सोनीपत के रहने वाले हैं नवीन: पहलवान नवीन मलिक सोनीपत के रहने वाले हैं. उनके गांव का नाम पुगथला है. नवीन मलिक 74 किलो वर्ग में खेलते हैं. नवीन का जन्म गांव पुगथला में 21 नवंबर 2002 को हुआ था. नवीन ने फिलहाल बारहवीं कक्षा के एग्जाम दिए हैं और इंडियन एयर फोर्स में कार्यरत हैं. नवीन को बचपन से ही पहलवान बनने का शौक था और उसने 3 साल की आयु से ही खेलना शुरू कर दिया था. उसके पिता पहलवानी करते थे. जिनको देख उन्होंने पहलवानी सीखी.

कड़ी मेहनत और कुछ कर गुजरने का जूनून, ऐसा रहा है गोल्ड मेडलिस्ट नवीन मलिक का संघर्ष

नवीन के अलावा उनकी तीन बहन और एक भाई है. नवीन पहले जूनियर चैंपियनशिप में 70 किलोग्राम में खेलते थे. बाद में उन्होंने 74 किलोग्राम भारवर्ग में खेलना शुरू किया. नवीन ने साल 2012 में खेला शुरू किया था. रायपुर स्टेडियम में वो प्रेक्टिस करते थे. उनके कोच कुलदीप का कहना है कि नवीन बहुत मेहनती हैं और उसकी मेहनत का ही नतीजा है कि वो कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीतकर आ रहे हैं. सबसे पहले नवीन ने एशियन चैंपियनशिप अंडर 23 में गोल्ड मेडल हासिल किया था.

इसके बाद नवीन (sonipat wrestler naveen milak) ने सीनियर एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक पर कब्जा जमाया. वहीं नवीन ने पहली बार ही कॉमनवेल्थ गेम का ट्रायल दिया था और उसका सिलेक्शन हो गया था. पहली बार में ही नवीन मलिक ने गोल्ड मेडल जीता है. जो किसी भी खिलाड़ी की ड्रीम स्टार्ट है. गोल्ड मेडल जीतने के बाद नवीन मलिक के माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है. नवीन के पिता का कहना है कि नवीन ने 3 साल की उम्र से ही पहलवानी करनी शुरू कर दी थी.

उनके पिता धर्मपाल ने बताया कि वो रोजाना घर से दूध लेकर करीब 60 किलोमीटर का सफर तय कर उसको अखाड़े में पहुंचते थे. जहां पर नवीन प्रैक्टिस करता था. उनके पिता का कहना है कि अब आने वाली प्रतियोगिताओं में भी वो अच्छा प्रदर्शन करेगा और ओलंपिक की तैयारी भी वो बहुत अच्छी करेगा. नवीन की मां ने कहा कि नवीन को हलवा बहुत पसंद है. घर आने पर उसका स्वागत लड्डू, पूरी और सब्जी के खिलाकर किया जाएगा. वहीं नवीन के घर आने पर एक बड़े भंडारे का आयोजन किया जाएगा.

सोनीपत: राष्ट्रमंडल खेलों में हरियाणा के पहलवानों ने दुनिया को अपना दमखम दिखाया है. सोनीपत के पुगथला गांव के रहने वाले नवीन मलिक ने 74 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल (naveen malik won gold medal in cwg 2022) जीतकर इतिहास रचा है. उनकी इस जीत के बाद परिवार में खुशी का माहौल है. नवीन के पिता का कहना है कि अपने बेटे को पहलवान बनाने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है. अब उनकी मेहनत रंग लाई है.

सोनीपत के रहने वाले हैं नवीन: पहलवान नवीन मलिक सोनीपत के रहने वाले हैं. उनके गांव का नाम पुगथला है. नवीन मलिक 74 किलो वर्ग में खेलते हैं. नवीन का जन्म गांव पुगथला में 21 नवंबर 2002 को हुआ था. नवीन ने फिलहाल बारहवीं कक्षा के एग्जाम दिए हैं और इंडियन एयर फोर्स में कार्यरत हैं. नवीन को बचपन से ही पहलवान बनने का शौक था और उसने 3 साल की आयु से ही खेलना शुरू कर दिया था. उसके पिता पहलवानी करते थे. जिनको देख उन्होंने पहलवानी सीखी.

कड़ी मेहनत और कुछ कर गुजरने का जूनून, ऐसा रहा है गोल्ड मेडलिस्ट नवीन मलिक का संघर्ष

नवीन के अलावा उनकी तीन बहन और एक भाई है. नवीन पहले जूनियर चैंपियनशिप में 70 किलोग्राम में खेलते थे. बाद में उन्होंने 74 किलोग्राम भारवर्ग में खेलना शुरू किया. नवीन ने साल 2012 में खेला शुरू किया था. रायपुर स्टेडियम में वो प्रेक्टिस करते थे. उनके कोच कुलदीप का कहना है कि नवीन बहुत मेहनती हैं और उसकी मेहनत का ही नतीजा है कि वो कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीतकर आ रहे हैं. सबसे पहले नवीन ने एशियन चैंपियनशिप अंडर 23 में गोल्ड मेडल हासिल किया था.

इसके बाद नवीन (sonipat wrestler naveen milak) ने सीनियर एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक पर कब्जा जमाया. वहीं नवीन ने पहली बार ही कॉमनवेल्थ गेम का ट्रायल दिया था और उसका सिलेक्शन हो गया था. पहली बार में ही नवीन मलिक ने गोल्ड मेडल जीता है. जो किसी भी खिलाड़ी की ड्रीम स्टार्ट है. गोल्ड मेडल जीतने के बाद नवीन मलिक के माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है. नवीन के पिता का कहना है कि नवीन ने 3 साल की उम्र से ही पहलवानी करनी शुरू कर दी थी.

उनके पिता धर्मपाल ने बताया कि वो रोजाना घर से दूध लेकर करीब 60 किलोमीटर का सफर तय कर उसको अखाड़े में पहुंचते थे. जहां पर नवीन प्रैक्टिस करता था. उनके पिता का कहना है कि अब आने वाली प्रतियोगिताओं में भी वो अच्छा प्रदर्शन करेगा और ओलंपिक की तैयारी भी वो बहुत अच्छी करेगा. नवीन की मां ने कहा कि नवीन को हलवा बहुत पसंद है. घर आने पर उसका स्वागत लड्डू, पूरी और सब्जी के खिलाकर किया जाएगा. वहीं नवीन के घर आने पर एक बड़े भंडारे का आयोजन किया जाएगा.

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