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खरखौदा शराब घोटाला: बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सिंह ने किया सरेंडर, आज होगी पेशी

खरखौदा शराब घोटाले में आरोपी इंस्पेक्टर जसबीर सिंह ने सरेंडर कर दिया है. आज आरोपी इंस्पेक्टर जसबीर सिंह की कोर्ट में पेशी हो सकती है. पढ़ें पूरी खबर.

liquor scam case kharkhoda
liquor scam case kharkhoda
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Published : Jun 24, 2020, 8:41 AM IST

Updated : Jun 24, 2020, 10:47 AM IST

सोनीपत: खरखौदा शराब घोटाले में आरोपी इंस्पेक्टर जसबीर सिंह ने सरेंडर कर दिया है. जसबीर सिंह ने रोहतक सेक्टर 14 की पुलिस चौकी में सरेंडर किया. एसआईटी में शामिल डीएसपी नरेन्द्र कादियान के सामने जसबीर सिंह रात करीब 1 बजकर 30 मिनट पर पेश हुए. बता दें कि पुलिस इंस्पेक्टर जसबीर सिंह को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही थी.

अब जसबीर ने बीती रात को डीएसपी नरेन्द्र कादियान के सामने पेश होकर जांच में तेजी ला दी है. बुधवार को इंस्पेक्टर जसबीर को कोर्ट में पेश किया जा सकता है. जसबीर सिंह के पेश होने से कई और बड़े नाम जांच में शामिल हो सकते हैं. जसबीर सिंह के पेश होने से कई बड़े सच सामने आ सकते हैं.

बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सिंह अपने ऐडवोकेट प्रवेश सहरावत को लेकर रोहतक की सेक्टर 14 चौकी में पेश हुए हैं. जसबीर के सरेंडर के बाद अब शराब घोटाले की कई परतें खुल सकती हैं.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

ये भी पढ़िए: शराब घोटाला: शिकायत मिलने के बाद भी भूपेंद्र पर कार्रवाई नहीं करता था इंस्पेक्टर धीरेंद्र

पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम ये रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा, जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात हैं. इस शराब घोटाले में खरखौदा थाने के दो एसएचओ समेत 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है.

सोनीपत: खरखौदा शराब घोटाले में आरोपी इंस्पेक्टर जसबीर सिंह ने सरेंडर कर दिया है. जसबीर सिंह ने रोहतक सेक्टर 14 की पुलिस चौकी में सरेंडर किया. एसआईटी में शामिल डीएसपी नरेन्द्र कादियान के सामने जसबीर सिंह रात करीब 1 बजकर 30 मिनट पर पेश हुए. बता दें कि पुलिस इंस्पेक्टर जसबीर सिंह को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही थी.

अब जसबीर ने बीती रात को डीएसपी नरेन्द्र कादियान के सामने पेश होकर जांच में तेजी ला दी है. बुधवार को इंस्पेक्टर जसबीर को कोर्ट में पेश किया जा सकता है. जसबीर सिंह के पेश होने से कई और बड़े नाम जांच में शामिल हो सकते हैं. जसबीर सिंह के पेश होने से कई बड़े सच सामने आ सकते हैं.

बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सिंह अपने ऐडवोकेट प्रवेश सहरावत को लेकर रोहतक की सेक्टर 14 चौकी में पेश हुए हैं. जसबीर के सरेंडर के बाद अब शराब घोटाले की कई परतें खुल सकती हैं.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

ये भी पढ़िए: शराब घोटाला: शिकायत मिलने के बाद भी भूपेंद्र पर कार्रवाई नहीं करता था इंस्पेक्टर धीरेंद्र

पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम ये रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा, जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात हैं. इस शराब घोटाले में खरखौदा थाने के दो एसएचओ समेत 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है.

Last Updated : Jun 24, 2020, 10:47 AM IST
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