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बरोदा हलके का ये गांव करेगा उपचुनाव का बहिष्कार, इन मांगों पर अड़े हैं ग्रामीण

बरोदा के गांव आंवली ने उपचुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. ग्रामीणों ने कहा है कि जब तक गांव में विकास कार्य शुरू नहीं होंगे, तब तक किसी को भी वोट नहीं देंगे.

aanwali village of sonipat will boycott Baroda by-election
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Published : Aug 13, 2020, 6:32 PM IST

सोनीपत: बरोदा उपचुनाव के चलते दिन रात नेताओं का आवागमन जारी है और नेता गांव-गांव जाकर अपनी पार्टी के गुणगान में लगे हैं, लेकिन जनता की समस्याओं की तरफ कोई भी धयान नहीं दे रहा. इसी के चलते आंवली गांव की पंचायत ने बरोदा उपचुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

बता दें कि गांव आंवली की गलियां 20 सालों से नहीं बनी हैं. गांव के लोगों का कहना है कि बंसीलाल सरकार में ही उनकी गालियों का निर्माण हुआ था. उसके बाद कई साल इनेलो की सरकार रही. फिर कांग्रेस की सरकार बनी और अब मौजूदा समय में बीजेपी सरकार है, लेकिन किसी भी अधिकारी और सरकार ने इस गांव की सुध नहीं ली.

बरोदा हलके का ये गांव करेगा उपचुनाव का बहिष्कार, इन मांगों पर अड़े हैं ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आज भी गालियां टूटी हुई हैं. बिना बारिश भी हर वक्त गंदा पानी भरा रहता है. बारिश के मौसम में तो गालियां गंदे पानी से भर जाती हैं. गंदे पानी के बीच से निकलकर महिलाओं को दूर-दराज के इलाकों से पानी लाना पड़ता है. गांव में पीने के पानी के इंतजाम भी नहीं है.

ये भी पढ़ें- फतेहाबाद में कोरोना मरीजों को खिलाई जा रही बासी रोटियां! वीडियो वायरल

पंचायत के दौरान ग्रामीणों द्वारा ये ऐलान किया गया है कि हर सरकार ने उनको बेवकूफ बनाया है और वोट लेकर अपना उल्लू सीधा किया है, लेकिन आज तक गांव का विकास नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनके गांव में विकास कार्य शुरू नहीं होंगे, तब तक वो बरोदा उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे. चुनाव से पहले काम की प्राथमिकता देने वाले उम्मीदवार को ही वोट डालेंगे.

सोनीपत: बरोदा उपचुनाव के चलते दिन रात नेताओं का आवागमन जारी है और नेता गांव-गांव जाकर अपनी पार्टी के गुणगान में लगे हैं, लेकिन जनता की समस्याओं की तरफ कोई भी धयान नहीं दे रहा. इसी के चलते आंवली गांव की पंचायत ने बरोदा उपचुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

बता दें कि गांव आंवली की गलियां 20 सालों से नहीं बनी हैं. गांव के लोगों का कहना है कि बंसीलाल सरकार में ही उनकी गालियों का निर्माण हुआ था. उसके बाद कई साल इनेलो की सरकार रही. फिर कांग्रेस की सरकार बनी और अब मौजूदा समय में बीजेपी सरकार है, लेकिन किसी भी अधिकारी और सरकार ने इस गांव की सुध नहीं ली.

बरोदा हलके का ये गांव करेगा उपचुनाव का बहिष्कार, इन मांगों पर अड़े हैं ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आज भी गालियां टूटी हुई हैं. बिना बारिश भी हर वक्त गंदा पानी भरा रहता है. बारिश के मौसम में तो गालियां गंदे पानी से भर जाती हैं. गंदे पानी के बीच से निकलकर महिलाओं को दूर-दराज के इलाकों से पानी लाना पड़ता है. गांव में पीने के पानी के इंतजाम भी नहीं है.

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पंचायत के दौरान ग्रामीणों द्वारा ये ऐलान किया गया है कि हर सरकार ने उनको बेवकूफ बनाया है और वोट लेकर अपना उल्लू सीधा किया है, लेकिन आज तक गांव का विकास नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनके गांव में विकास कार्य शुरू नहीं होंगे, तब तक वो बरोदा उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे. चुनाव से पहले काम की प्राथमिकता देने वाले उम्मीदवार को ही वोट डालेंगे.

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