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अनलॉक-2 में खुले बाजार, लेकिन नहीं सुधरी व्यापारियों की आर्थिक हालत - कोरोना बुरा असर दुकान

सरकार ने अब सभी प्रतिष्ठानों और बाजारों को तमाम हिदायतों के साथ बाजार खोलने की इजाजत दे दी है, लेकिन बाजार में व्यापारियों को ग्राहक नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में दुकानदार अभी भी परेशान हैं.

Unlock -0.2 Open Market but Not Improved Traders Economy
अनलॉक-0.2 में खुले बाजार, लेकिन नहीं सुधरी व्यापारियों की अर्थव्यवस्था
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Published : Jul 21, 2020, 6:13 AM IST

Updated : Jul 21, 2020, 6:34 AM IST

सिरसा: देशभर में लॉकडाउन के दौरान देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी. इसका सबसे ज्यादा असर खुदरा और छोटे व्यापारियों पर पड़ा था. जिनका लॉकडाउन के दौरान व्यापार पूरी तरह से ठप हो गया था. वहीं अब सरकार की तरफ से सभी उद्योगों, बाजारों और दुकानों को खोलने की छूट देने के बाद, इन सभी दुकानदारों का व्यापार दोबारा पटरी पर आने की कोशिश कर रहा है.

अनलॉक के बाद बाजार तो खुल गए हैं, लेकिन लोगों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है. मार्किट में ग्राहकों की संख्या 70 प्रतिशत तक कम हो गई है. छोटे व्यापारियों की मुसीबतें भी बढ़ी हैं. ज्यादातर व्यापारी इस समय घाटे में चल रहे हैं और उनकी दुकान का किराया, कर्मचारियों का वेतन और घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है.

अनलॉक में भी नहीं सुधरी व्यापारियों की अर्थव्यवस्था, देखिए वीडियो

'बाजार खुले लेकिन काम ठप'

व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनका व्यापार बिलकुल ठप हो गया है. जो लोग आ रहे हैं वो भी सिर्फ जरूरी चीजों को ही खरीदने आ रहे हैं. शादी समारोह नहीं हो रहे, धार्मिक कार्यक्रम नहीं हो रहे और भी अन्य तरह के समारोह जो लॉकडाउन से पहले होते थे, उन सब पर रोक लगी हुई है. जिसकी वजह से ना तो उस स्तर का ऑर्डर आ रहा है और ना ही ग्राहक आ रहे हैं.

वहीं पीछे से थोक मटेरियल भी नही आ रहा है क्योंकि दुकानदार के पास भी पैसा नहीं है और उधारी ना के बराबर हो रही है. तो दुकानों स्टॉक माल को ही बेच रहे हैं, अगर कोई व्यक्ति किसी खास वस्तु का ऑर्डर देता है. तब ही उसे बाहर से मंगवाया जा रहा है. दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश से माल आ नहीं रहा और अगर मंगवाया भी जा रहा है तो इस समय ट्रांसपोर्ट सेवा बहुत महंगी हो गयी है. जिससे व्यापारी को उसमे भी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

कपड़ों के काम में आई मंदी!

कपड़ा व्यापारी ऋषभ जैन का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान उनकी दुकान पूरी तरह से बंद थी. जिसकी वजह से 2 महीने तक काम नहीं होने की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. उनका कहना है कि फैक्ट्रियों में मैन्युफैक्चरिंग नहीं हो रही है. जिसकी वजह से दुकानों में थोक में माल भी नहीं आ रहा है.

उन्होंने कहा कि पीछे से माल नहीं आने के कारण हम ग्राहकों को भी नया कुछ नहीं दिखा पा रहे है और ग्राहक भी कम खरीदारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी पहले के मुकाबले स्थिति कुछ ठीक है, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान उनकी दुकान पूरी तरह से बंद हो गई थी.

जूता व्यापारी भी हैं परेशान

जूता व्यापारी राजकुमार ने बताया कि इस समय मार्किट में बिल्कुल भी काम नहीं है. लोग खरीदारी करने बिल्कुल ना के बराबर आ रहे हैं. पहले इस सीजन में शादियां होती थी. तो लोग बड़ी तादात में खरीदारी करने आते थे, लेकिन इस समय शादियां भी बंद है. जिसकी वजह से लोग भी खरीदारी करने नही आ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि लोग आने वाले समय के लिए पैसा बचा रहे हैं और बहुत जरूरी होने पर ही खरीदारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग इस समय जूतों की जगह चप्पल खरीद कर अपना काम चला रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि सही से काम नहीं चल पाने की वजह से उन्हें काफी परेशानियां हो रही हैं. उनकी दुकान किराए पर है और उन्हें अपने कर्मचारियों को सैलरी भी देनी होती है. साथ ही बच्चों के स्कूल की फीस और घर का खर्चा चलाने में दिक्कत हो रही है.

मोबाइल व्यापारियों की भी हालत खराब

मोबाइल व्यापारी कपिल का कहना है कि सरकार ने ना तो बिजली के बिल माफ किए और ना ही की किसी और तरह की व्यापारियों को कोई सहूलियत दी. जिसकी वजह से छोटे व्यापारियों की हालत बद से बदतर हो गई है. वहीं बाहर से माल ना आने की वजह से उनकी दुकानों का काम भी लगभग खत्म हो गया. उन्होंने कहा कि इससे बुरा दौर व्यापारियों के लिए और कोई नहीं हो सकता.

बर्तन व्यापारी भी झेल रहे हैं घाटा

बर्तन व्यापारी ने बताया कि उनकी दुकानों का सेल 50 से 75 प्रतिशत तक कम हो गया है. उन्होंने कहा कि मार्किट में वही व्यक्ति आ रहा है जिसको सामान लेने की बहुत ज्यादा जरूरत है. लोग कोरोना की वजह से डरे हुए हैं. इस समय वही व्यक्ति आकर यहां खरीदारी कर रहा है जिसके घर में शादी का समारोह पहले से ही तय किया हुआ है.

उनका कहना है कि मार्किट में काम नहीं होने की वजह से उन्हें काफी परेशानियां हो रही है, क्योंकि मार्किट में खुदरा पैसा नहीं है. मार्किट में पीछे से माल नहीं आ रहा है और ट्रांसपोर्टेशन भी बहुत ज्यादा महंगी हो गई है. जिसकी वजह से उन्हें किसी सामान की बहुत ज्यादा जरूरत होती है तभी उसे मंगवाते हैं.

इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापरियों का भी ठप हुआ कारोबार

इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बेचने वाले दुकानदार का कहना है कि उनका 50% ही कारोबार रह गया है, क्योंकि मार्च और अप्रैल के महीने में गर्मियों के पंखे, कूलर, एसी जैसे जो सामान बिकने थे. वो लॉकडाउन की वजह से बिका नहीं. अब लोगों के पास पैसा नहीं होने की वजह से खरीदारी भी नहीं कर रहे हैं. अब थोक व्यापारी उधार में खुदरा व्यापारी को सामान देने से कतरा रहे हैं. जिसकी वजह से खुदरा व्यापारी भी किसी को सामान नहीं दे रहा है. वहीं काम नहीं होने की वजह से उन्होंने अपनी दुकान में कर्मचारी भी घटा दिए हैं.

ये भी पढ़ें- रोहतक PGI में शुरू हुआ को-वैक्सीन का ट्रायल, तीन लोगों को दी गई डोज

सिरसा: देशभर में लॉकडाउन के दौरान देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी. इसका सबसे ज्यादा असर खुदरा और छोटे व्यापारियों पर पड़ा था. जिनका लॉकडाउन के दौरान व्यापार पूरी तरह से ठप हो गया था. वहीं अब सरकार की तरफ से सभी उद्योगों, बाजारों और दुकानों को खोलने की छूट देने के बाद, इन सभी दुकानदारों का व्यापार दोबारा पटरी पर आने की कोशिश कर रहा है.

अनलॉक के बाद बाजार तो खुल गए हैं, लेकिन लोगों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है. मार्किट में ग्राहकों की संख्या 70 प्रतिशत तक कम हो गई है. छोटे व्यापारियों की मुसीबतें भी बढ़ी हैं. ज्यादातर व्यापारी इस समय घाटे में चल रहे हैं और उनकी दुकान का किराया, कर्मचारियों का वेतन और घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है.

अनलॉक में भी नहीं सुधरी व्यापारियों की अर्थव्यवस्था, देखिए वीडियो

'बाजार खुले लेकिन काम ठप'

व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनका व्यापार बिलकुल ठप हो गया है. जो लोग आ रहे हैं वो भी सिर्फ जरूरी चीजों को ही खरीदने आ रहे हैं. शादी समारोह नहीं हो रहे, धार्मिक कार्यक्रम नहीं हो रहे और भी अन्य तरह के समारोह जो लॉकडाउन से पहले होते थे, उन सब पर रोक लगी हुई है. जिसकी वजह से ना तो उस स्तर का ऑर्डर आ रहा है और ना ही ग्राहक आ रहे हैं.

वहीं पीछे से थोक मटेरियल भी नही आ रहा है क्योंकि दुकानदार के पास भी पैसा नहीं है और उधारी ना के बराबर हो रही है. तो दुकानों स्टॉक माल को ही बेच रहे हैं, अगर कोई व्यक्ति किसी खास वस्तु का ऑर्डर देता है. तब ही उसे बाहर से मंगवाया जा रहा है. दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश से माल आ नहीं रहा और अगर मंगवाया भी जा रहा है तो इस समय ट्रांसपोर्ट सेवा बहुत महंगी हो गयी है. जिससे व्यापारी को उसमे भी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

कपड़ों के काम में आई मंदी!

कपड़ा व्यापारी ऋषभ जैन का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान उनकी दुकान पूरी तरह से बंद थी. जिसकी वजह से 2 महीने तक काम नहीं होने की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. उनका कहना है कि फैक्ट्रियों में मैन्युफैक्चरिंग नहीं हो रही है. जिसकी वजह से दुकानों में थोक में माल भी नहीं आ रहा है.

उन्होंने कहा कि पीछे से माल नहीं आने के कारण हम ग्राहकों को भी नया कुछ नहीं दिखा पा रहे है और ग्राहक भी कम खरीदारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी पहले के मुकाबले स्थिति कुछ ठीक है, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान उनकी दुकान पूरी तरह से बंद हो गई थी.

जूता व्यापारी भी हैं परेशान

जूता व्यापारी राजकुमार ने बताया कि इस समय मार्किट में बिल्कुल भी काम नहीं है. लोग खरीदारी करने बिल्कुल ना के बराबर आ रहे हैं. पहले इस सीजन में शादियां होती थी. तो लोग बड़ी तादात में खरीदारी करने आते थे, लेकिन इस समय शादियां भी बंद है. जिसकी वजह से लोग भी खरीदारी करने नही आ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि लोग आने वाले समय के लिए पैसा बचा रहे हैं और बहुत जरूरी होने पर ही खरीदारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग इस समय जूतों की जगह चप्पल खरीद कर अपना काम चला रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि सही से काम नहीं चल पाने की वजह से उन्हें काफी परेशानियां हो रही हैं. उनकी दुकान किराए पर है और उन्हें अपने कर्मचारियों को सैलरी भी देनी होती है. साथ ही बच्चों के स्कूल की फीस और घर का खर्चा चलाने में दिक्कत हो रही है.

मोबाइल व्यापारियों की भी हालत खराब

मोबाइल व्यापारी कपिल का कहना है कि सरकार ने ना तो बिजली के बिल माफ किए और ना ही की किसी और तरह की व्यापारियों को कोई सहूलियत दी. जिसकी वजह से छोटे व्यापारियों की हालत बद से बदतर हो गई है. वहीं बाहर से माल ना आने की वजह से उनकी दुकानों का काम भी लगभग खत्म हो गया. उन्होंने कहा कि इससे बुरा दौर व्यापारियों के लिए और कोई नहीं हो सकता.

बर्तन व्यापारी भी झेल रहे हैं घाटा

बर्तन व्यापारी ने बताया कि उनकी दुकानों का सेल 50 से 75 प्रतिशत तक कम हो गया है. उन्होंने कहा कि मार्किट में वही व्यक्ति आ रहा है जिसको सामान लेने की बहुत ज्यादा जरूरत है. लोग कोरोना की वजह से डरे हुए हैं. इस समय वही व्यक्ति आकर यहां खरीदारी कर रहा है जिसके घर में शादी का समारोह पहले से ही तय किया हुआ है.

उनका कहना है कि मार्किट में काम नहीं होने की वजह से उन्हें काफी परेशानियां हो रही है, क्योंकि मार्किट में खुदरा पैसा नहीं है. मार्किट में पीछे से माल नहीं आ रहा है और ट्रांसपोर्टेशन भी बहुत ज्यादा महंगी हो गई है. जिसकी वजह से उन्हें किसी सामान की बहुत ज्यादा जरूरत होती है तभी उसे मंगवाते हैं.

इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापरियों का भी ठप हुआ कारोबार

इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बेचने वाले दुकानदार का कहना है कि उनका 50% ही कारोबार रह गया है, क्योंकि मार्च और अप्रैल के महीने में गर्मियों के पंखे, कूलर, एसी जैसे जो सामान बिकने थे. वो लॉकडाउन की वजह से बिका नहीं. अब लोगों के पास पैसा नहीं होने की वजह से खरीदारी भी नहीं कर रहे हैं. अब थोक व्यापारी उधार में खुदरा व्यापारी को सामान देने से कतरा रहे हैं. जिसकी वजह से खुदरा व्यापारी भी किसी को सामान नहीं दे रहा है. वहीं काम नहीं होने की वजह से उन्होंने अपनी दुकान में कर्मचारी भी घटा दिए हैं.

ये भी पढ़ें- रोहतक PGI में शुरू हुआ को-वैक्सीन का ट्रायल, तीन लोगों को दी गई डोज

Last Updated : Jul 21, 2020, 6:34 AM IST
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