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कुरुक्षेत्र में सीएम नायब सैनी ने की मां भद्रकाली मंदिर में पूजा, मां गौरव स्थल का किया शिलान्यास - MAA BHADRAKALI TEMPLE KURUKSHETRA

हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र में भव्य महा गौरव स्थल का शिलान्यास किया.

MAA Bhadrakali Temple Kurukshetra
मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 4, 2025, 2:15 PM IST

Updated : Jan 4, 2025, 4:04 PM IST

कुरुक्षेत्र: हरियाणा के एकमात्र शक्तिपीठ मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र में महागौरवशाली "मां" शब्द के 51 फीट विराट और अद्भुत स्वरूप (महा गौरवशाली स्थल) का भूमि पूजन हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि शक्तिपीठ मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र में "मां" शब्द के 51 फीट का स्वरूप यहां बनाया जाएगा जिसकी मैं सभी को बधाई देता हूं.

सीएम ने कहा कि "मां शब्द प्रेम और ममता का प्रतीक है, जो आकारहीन होता है. उन्होंने कहा कि मां की पूर्ति नहीं हो सकती और वो माताएं धन्य है जिन्होंने हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जैसे योद्धाओं को जन्म दिया है."

यहां पूजा कर पांडव महाभारत युद्ध में हुए थे विजयीः मुख्यमंत्री ने कहा कि मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र से मैं बहुत पहले से जुड़ा हूं. हर साल मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं और यहां पर पूजा अर्चना करते हैं. हरियाणा ही नहीं पूरे देश की आस्था मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र से जुड़ी हुई है. इस मंदिर में खुद पांडवों ने पूजा की थी और महाभारत के युद्ध पर विजय हासिल की थी.

मां भद्रकाली मंदिर में मां गौरव स्थल का शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते सीएम (Etv Bharat)

"मां" कोई शब्द नहीं वो तो एक भाव हैः मन्दिर पीठाधीश्वर सतपाल शर्मा ने कहा कि सृष्टि के प्रारंभ में आदि शक्ति प्रकट हुई थी. ये महाशक्ति भगवती के रूप में विद्यमान है. "मां" कोई शब्द नहीं वो तो एक भाव है. कार्यक्रम को कई प्रमुख लोगों ने संबोधित किया. मौके पर पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर सहित गणमान्य लोगों के साथ-साथ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे.

MAA Bhadrakali Temple Kurukshetra
मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र (Etv Bharat)

प्रोजेक्ट में भव्य "मां" संरचना डिजाइनः मन्दिर पीठाधीश्वर सतपाल शर्मा ने बताया कि इस संरचना में सबसे ऊपर पूर्ण चंद्र बिंदु को इस तरीके से बनाया गया है कि वो देखने में एक प्रज्ज्वलित दीपक के समान लगता है. साथ ही मां शक्ति के तीसरे नेत्र को भी ये दर्शाता है. चंद्र बिंदु में जो तल होता है, वो माता की दो आंखों को दर्शाता हुआ भी दिखाई पड़ता है. इस अक्षर के ऊपर की लाइन को शक्ति के प्रतीक त्रिशूल के रूप में दिखाया गया है. संरचना में त्रिशूल का उद्देश्य माताओं को सुदृढ़, मजबूत और अपने बच्चों के लिए नैसर्गिक रक्षा भाव में रखने से है.

MAA Bhadrakali Temple Kurukshetra
मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र (Etv Bharat)

मंदिर में लगने वाले विशेष तिलक रूप में दिखेगा ये प्रतीकः गौरतलब है कि मंदिर में विशेष तिलक भी इसी डिजाइन का लगाया जाता है. इस भव्य संरचना के तल में एक विशेष "स्नेहासन" बनाया जाएगा, जिस पर प्यार के साथ मां-बच्चे को दर्शाते चिह्न बनाए जाएंगे. स्नेहासन एक ऐसा ममतामयी आसन होगा, जहां कोई भी बेटा अपनी मां को आदरपूर्वक बैठाकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता और प्रेम को जता सकेगा. इसके ठीक नीचे हाथों की शेप (आकृति) में गोद की मुद्रा से "अंकासन" बनाया जाएगा. इसमें पुत्र और पुत्री अपनी स्नेहासन पर बैठी मां के चरणों में बैठकर उनके वात्सल्य का अनुभव कर सकेंगे और फोटो भी ले सकेंगे.

MAA Bhadrakali Temple Kurukshetra
मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र (Etv Bharat)

द्वैपायन चक्रताल के मध्य में निर्मित होगी संरचनाः सतपाल शर्मा ने बताया कि इस विराट संरचना को धारण करने वाला तल- शिवलिंग का निचला भाग, जिसे मां सती का प्रतीक माना गया है, ये उसी तरह से दिखेगा. ये संरचना माता और संतान के अद्वितीय रिश्ते का प्रतीक बनेगी. संरचना मंदिर परिसर में मौजूद द्वैपायन चक्रताल के मध्य में निर्मित की जाएगी. इस सरोवर के किनारों पर भारत की प्रसिद्ध ऐतिहासिक और पौराणिक माताओं की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी, जैसे मातृभूमि के प्रति प्रेम और त्याग की प्रतीक भारत माता, भगवान श्रीकृष्ण की पालनहार यशोदा मैया, वीर शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई. इनके नामों के साथ-साथ शास्त्रों और ग्रंथों में बताए गए उनकी महिमा का बखान करते हुए मंत्र और वचनों को भी अंकित किया जाएगा. ये "मां" तीर्थ भारत की सांस्कृतिक विरासत और मातृत्व के गौरव को पुनर्जीवित करेगा.

MAA Bhadrakali Temple Kurukshetra
मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र (Etv Bharat)

द्वैपायन चक्रताल के मध्य में शक्तिपीठ की देवी मां की प्रतिमा भी लगाई जाएगी. तालाब के गेट को भी इसी तर्ज पर तैयार किया जाएगा और "सर्वधर्म सर्वोपरि स्तम्भ" भी स्थापित किया जाएगा. ये प्रतिमा मातृत्व और नारी सम्मान के प्रति समाज को जागरूक करने का काम करेगी .

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कुरुक्षेत्र: हरियाणा के एकमात्र शक्तिपीठ मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र में महागौरवशाली "मां" शब्द के 51 फीट विराट और अद्भुत स्वरूप (महा गौरवशाली स्थल) का भूमि पूजन हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि शक्तिपीठ मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र में "मां" शब्द के 51 फीट का स्वरूप यहां बनाया जाएगा जिसकी मैं सभी को बधाई देता हूं.

सीएम ने कहा कि "मां शब्द प्रेम और ममता का प्रतीक है, जो आकारहीन होता है. उन्होंने कहा कि मां की पूर्ति नहीं हो सकती और वो माताएं धन्य है जिन्होंने हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जैसे योद्धाओं को जन्म दिया है."

यहां पूजा कर पांडव महाभारत युद्ध में हुए थे विजयीः मुख्यमंत्री ने कहा कि मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र से मैं बहुत पहले से जुड़ा हूं. हर साल मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं और यहां पर पूजा अर्चना करते हैं. हरियाणा ही नहीं पूरे देश की आस्था मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र से जुड़ी हुई है. इस मंदिर में खुद पांडवों ने पूजा की थी और महाभारत के युद्ध पर विजय हासिल की थी.

मां भद्रकाली मंदिर में मां गौरव स्थल का शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते सीएम (Etv Bharat)

"मां" कोई शब्द नहीं वो तो एक भाव हैः मन्दिर पीठाधीश्वर सतपाल शर्मा ने कहा कि सृष्टि के प्रारंभ में आदि शक्ति प्रकट हुई थी. ये महाशक्ति भगवती के रूप में विद्यमान है. "मां" कोई शब्द नहीं वो तो एक भाव है. कार्यक्रम को कई प्रमुख लोगों ने संबोधित किया. मौके पर पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर सहित गणमान्य लोगों के साथ-साथ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे.

MAA Bhadrakali Temple Kurukshetra
मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र (Etv Bharat)

प्रोजेक्ट में भव्य "मां" संरचना डिजाइनः मन्दिर पीठाधीश्वर सतपाल शर्मा ने बताया कि इस संरचना में सबसे ऊपर पूर्ण चंद्र बिंदु को इस तरीके से बनाया गया है कि वो देखने में एक प्रज्ज्वलित दीपक के समान लगता है. साथ ही मां शक्ति के तीसरे नेत्र को भी ये दर्शाता है. चंद्र बिंदु में जो तल होता है, वो माता की दो आंखों को दर्शाता हुआ भी दिखाई पड़ता है. इस अक्षर के ऊपर की लाइन को शक्ति के प्रतीक त्रिशूल के रूप में दिखाया गया है. संरचना में त्रिशूल का उद्देश्य माताओं को सुदृढ़, मजबूत और अपने बच्चों के लिए नैसर्गिक रक्षा भाव में रखने से है.

MAA Bhadrakali Temple Kurukshetra
मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र (Etv Bharat)

मंदिर में लगने वाले विशेष तिलक रूप में दिखेगा ये प्रतीकः गौरतलब है कि मंदिर में विशेष तिलक भी इसी डिजाइन का लगाया जाता है. इस भव्य संरचना के तल में एक विशेष "स्नेहासन" बनाया जाएगा, जिस पर प्यार के साथ मां-बच्चे को दर्शाते चिह्न बनाए जाएंगे. स्नेहासन एक ऐसा ममतामयी आसन होगा, जहां कोई भी बेटा अपनी मां को आदरपूर्वक बैठाकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता और प्रेम को जता सकेगा. इसके ठीक नीचे हाथों की शेप (आकृति) में गोद की मुद्रा से "अंकासन" बनाया जाएगा. इसमें पुत्र और पुत्री अपनी स्नेहासन पर बैठी मां के चरणों में बैठकर उनके वात्सल्य का अनुभव कर सकेंगे और फोटो भी ले सकेंगे.

MAA Bhadrakali Temple Kurukshetra
मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र (Etv Bharat)

द्वैपायन चक्रताल के मध्य में निर्मित होगी संरचनाः सतपाल शर्मा ने बताया कि इस विराट संरचना को धारण करने वाला तल- शिवलिंग का निचला भाग, जिसे मां सती का प्रतीक माना गया है, ये उसी तरह से दिखेगा. ये संरचना माता और संतान के अद्वितीय रिश्ते का प्रतीक बनेगी. संरचना मंदिर परिसर में मौजूद द्वैपायन चक्रताल के मध्य में निर्मित की जाएगी. इस सरोवर के किनारों पर भारत की प्रसिद्ध ऐतिहासिक और पौराणिक माताओं की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी, जैसे मातृभूमि के प्रति प्रेम और त्याग की प्रतीक भारत माता, भगवान श्रीकृष्ण की पालनहार यशोदा मैया, वीर शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई. इनके नामों के साथ-साथ शास्त्रों और ग्रंथों में बताए गए उनकी महिमा का बखान करते हुए मंत्र और वचनों को भी अंकित किया जाएगा. ये "मां" तीर्थ भारत की सांस्कृतिक विरासत और मातृत्व के गौरव को पुनर्जीवित करेगा.

MAA Bhadrakali Temple Kurukshetra
मां भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र (Etv Bharat)

द्वैपायन चक्रताल के मध्य में शक्तिपीठ की देवी मां की प्रतिमा भी लगाई जाएगी. तालाब के गेट को भी इसी तर्ज पर तैयार किया जाएगा और "सर्वधर्म सर्वोपरि स्तम्भ" भी स्थापित किया जाएगा. ये प्रतिमा मातृत्व और नारी सम्मान के प्रति समाज को जागरूक करने का काम करेगी .

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Last Updated : Jan 4, 2025, 4:04 PM IST
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