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मॉडर्न खेती को बढ़ावा दे रहे किसान, हरियाणा में तैयार नागपुर के संतरे - Modern Farming in Sirsa

हरियाणा में परंपरागत खेती को छोड़कर लोग आधुनिक खेती को ज्यादा बढ़ावा दे रहे हैं. सिरसा में भी महिला किसान वसुधा ने 50 एकड़ जमीन पर फलों और सब्जियों की खेती कर एक मिशाल पेश की है. उन्होंने बताया कि उन्हें इससे अच्छा मुनाफा भी होता है.

Promotion of modern farming in Haryana
सिरसा में परंपरागत खेती
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Published : Jan 15, 2023, 2:21 PM IST

आधुनिक खेती से मुनाफा ज्यादा

सिरसा: महिला किसान वसुधा बंसल वैसे तो जाने माने खचांजी परिवार से संबंध रखती हैं, मगर उनका जुनून खेती करना है. घर में पैसों की कोई कमी नहीं है फिर भी अपने शौक को पूरा करने के लिए वसुधा बंसल ने पति के साथ मिलकर 50 एकड़ जमीन में फल व सब्जियां उगानी शुरू की. पहले वसुधा भी दूसरे किसानों की तरह परम्परागरत खेती करती (Traditional Farming in Haryana) थीं, लेकिन जैसे-जैसे वक्त बदलता गया वैसे-वैसे वसुधा ने भी अपने आपको वक्त के साथ आगे बढ़ने की सोच रखी और परम्परागत खेती को कम कर उसकी जगह आधुनिक खेती को तवज्जो दी.

Promotion of modern farming in Haryana
परिवार के साथ-साथ खेत को भी संभालती हैं वसुधा

आधुनिक खेती से मुनाफा ज्यादा: (Promotion of modern farming in Haryana) वसुधा अब अपने बाग में 50 एकड़ में संतरे मीठा नीबू, आम, आलू, केले, पपीता, बेर, अमरुद और किन्नू, मौसमी सहित अनेक प्रकार की फसल की खेती करती हैं. वसुधा को इस खेती से काफी मुनाफा होता है. इसलिए वो अपने आस-पास के किसानों को भी परम्परागत खेती की बजाए आधुनिक खेती के लिए प्रति प्रेरित करती रहती हैं. वसुधा की प्रेरणा लेकर कुछ किसानों ने आधुनिक खेती को अपनाकर सब्जियों और फ्रूट की खेती भी शुरू कर दी है.

Promotion of modern farming in Haryana
50 एकड़ जमीन पर फलों और सब्जियों की खेती

हरियाणा में तैयार नागपुर के संतरे: वसुधा पिछले 30 सालों से ज्यादा वक्त से खेती कर रही हैं. वसुधा बंसल के मन में था कि वह नागपुर के संतरे सिरसा में लगाएं. इसलिए वह खुद नागपुर गई और वहां के संतरों की किस्म को लाकर लगाया है. यह पौधे तीन साल बाद फल देने लगेंगे. इसके बाद हरियाणा के लोग भी नागपुर के संतरों का स्वाद ले पाएंगे. इतना ही नहीं यह महिला किसान अपने खेत में नीले आलू की खेती भी करती हैं.

Promotion of modern farming in Haryana
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ावा

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ावा: (Modern Farming in Sirsa) इस आलू की सब्जी भी हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकती है. केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र शिमला (सीपीआइआर) तैयार विकसित आलू की कुफरी नीलकंठी किस्म को वसुधा ने अपने खेतों में (modern agriculture in sirsa) उगाया है. सिरसा की अंबेडकर चौक निवासी महिला किसान वसुधा बंसल ने गांव डिंग मंडी स्थित अपने फार्म पर खेती करती हैं. महिला किसान वसुधा बंसल कहा कहना है कि शुरू से ही बागवानी के प्रति लगाव रहा है.

Promotion of modern farming in Haryana
हरियाणा में आधुनिक खेती को बढ़ावा

यह भी पढे़ं-हरियाणा के किसान ने परंपरागत खेती छोड़ शुरू की गेंदे के फूल की खेती, कमा रहा दो गुना मुनाफा

परिवार के साथ-साथ खेत को भी संभालती हैं वसुधा: वसुधा बंसल जितनी कुशलता से खेत संभालती हैं, उतनी कुशलता से घर भी संभालती हैं. वह रोजाना घर से सुबह साढ़े आठ बजे निकलती हैं. घर से निकलने से पूर्व वह परिवार का खाना बनाती हैं. इसके बाद वह पूरा समय खेत व बगीचों में बीताती हैं. वह शाम को छह बजे तक खेतों का काम करती हैं और उसके बाद घर आकर परिवार को संभालती हैं. वसुधा बंसल ने बताया कि उनके पति एजुकेशन संस्थाओं में महत्वूपर्ण पद पर हैं. इसके अलावा वह समाज सेवा करते हैं. उनका एक बेटा है. बेटा शाश्वत बंसल नीदरलैंड में नौकरी करता है.

जैविक खेती के लिए तैयार की केंचुए की खाद: वसुधा अब जैविक खेती की ओर अग्रसर हैं. अब इनका फोकस पूरे बाग को जैविक खेती युक्त बनाना है. इन्होंने खुद के प्रयासों से खेत में केंचुएं की खाद तैयार की है. इसके अलावा गोबर की खाद का प्रयोग भी यह खेतों व बाग में कर रही हैं. हाल ही में जैविक खेती के लिए इन्हें सरकार की तरफ से सर्टिफिकेट भी दिया गया है.

आधुनिक खेती से मुनाफा ज्यादा

सिरसा: महिला किसान वसुधा बंसल वैसे तो जाने माने खचांजी परिवार से संबंध रखती हैं, मगर उनका जुनून खेती करना है. घर में पैसों की कोई कमी नहीं है फिर भी अपने शौक को पूरा करने के लिए वसुधा बंसल ने पति के साथ मिलकर 50 एकड़ जमीन में फल व सब्जियां उगानी शुरू की. पहले वसुधा भी दूसरे किसानों की तरह परम्परागरत खेती करती (Traditional Farming in Haryana) थीं, लेकिन जैसे-जैसे वक्त बदलता गया वैसे-वैसे वसुधा ने भी अपने आपको वक्त के साथ आगे बढ़ने की सोच रखी और परम्परागत खेती को कम कर उसकी जगह आधुनिक खेती को तवज्जो दी.

Promotion of modern farming in Haryana
परिवार के साथ-साथ खेत को भी संभालती हैं वसुधा

आधुनिक खेती से मुनाफा ज्यादा: (Promotion of modern farming in Haryana) वसुधा अब अपने बाग में 50 एकड़ में संतरे मीठा नीबू, आम, आलू, केले, पपीता, बेर, अमरुद और किन्नू, मौसमी सहित अनेक प्रकार की फसल की खेती करती हैं. वसुधा को इस खेती से काफी मुनाफा होता है. इसलिए वो अपने आस-पास के किसानों को भी परम्परागत खेती की बजाए आधुनिक खेती के लिए प्रति प्रेरित करती रहती हैं. वसुधा की प्रेरणा लेकर कुछ किसानों ने आधुनिक खेती को अपनाकर सब्जियों और फ्रूट की खेती भी शुरू कर दी है.

Promotion of modern farming in Haryana
50 एकड़ जमीन पर फलों और सब्जियों की खेती

हरियाणा में तैयार नागपुर के संतरे: वसुधा पिछले 30 सालों से ज्यादा वक्त से खेती कर रही हैं. वसुधा बंसल के मन में था कि वह नागपुर के संतरे सिरसा में लगाएं. इसलिए वह खुद नागपुर गई और वहां के संतरों की किस्म को लाकर लगाया है. यह पौधे तीन साल बाद फल देने लगेंगे. इसके बाद हरियाणा के लोग भी नागपुर के संतरों का स्वाद ले पाएंगे. इतना ही नहीं यह महिला किसान अपने खेत में नीले आलू की खेती भी करती हैं.

Promotion of modern farming in Haryana
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ावा

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ावा: (Modern Farming in Sirsa) इस आलू की सब्जी भी हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकती है. केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र शिमला (सीपीआइआर) तैयार विकसित आलू की कुफरी नीलकंठी किस्म को वसुधा ने अपने खेतों में (modern agriculture in sirsa) उगाया है. सिरसा की अंबेडकर चौक निवासी महिला किसान वसुधा बंसल ने गांव डिंग मंडी स्थित अपने फार्म पर खेती करती हैं. महिला किसान वसुधा बंसल कहा कहना है कि शुरू से ही बागवानी के प्रति लगाव रहा है.

Promotion of modern farming in Haryana
हरियाणा में आधुनिक खेती को बढ़ावा

यह भी पढे़ं-हरियाणा के किसान ने परंपरागत खेती छोड़ शुरू की गेंदे के फूल की खेती, कमा रहा दो गुना मुनाफा

परिवार के साथ-साथ खेत को भी संभालती हैं वसुधा: वसुधा बंसल जितनी कुशलता से खेत संभालती हैं, उतनी कुशलता से घर भी संभालती हैं. वह रोजाना घर से सुबह साढ़े आठ बजे निकलती हैं. घर से निकलने से पूर्व वह परिवार का खाना बनाती हैं. इसके बाद वह पूरा समय खेत व बगीचों में बीताती हैं. वह शाम को छह बजे तक खेतों का काम करती हैं और उसके बाद घर आकर परिवार को संभालती हैं. वसुधा बंसल ने बताया कि उनके पति एजुकेशन संस्थाओं में महत्वूपर्ण पद पर हैं. इसके अलावा वह समाज सेवा करते हैं. उनका एक बेटा है. बेटा शाश्वत बंसल नीदरलैंड में नौकरी करता है.

जैविक खेती के लिए तैयार की केंचुए की खाद: वसुधा अब जैविक खेती की ओर अग्रसर हैं. अब इनका फोकस पूरे बाग को जैविक खेती युक्त बनाना है. इन्होंने खुद के प्रयासों से खेत में केंचुएं की खाद तैयार की है. इसके अलावा गोबर की खाद का प्रयोग भी यह खेतों व बाग में कर रही हैं. हाल ही में जैविक खेती के लिए इन्हें सरकार की तरफ से सर्टिफिकेट भी दिया गया है.

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