सिरसा: हरियाणा के सिरसा का इतिहास प्राचीन और गौरवपूर्ण रहा है. सिरसा शहर का धर्म, राजनीति और साहित्य के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान है. देश में सबसे अधिक गौशालाएं सिरसा में हैं. कृषि के क्षेत्र में भी सिरसा का नाम आता है, कपास उत्पादन में सिरसा का अहम स्थान है, जहां तक राजनीति की बात है तो सिरसा का हरियाणा ही नहीं देश की राजनीति में बड़ा असर रहता है.
सिरसा में बने डेरा सच्चा सौदा पर हमेशा से ही राजनीतिक दलों की नजरें रही हैं. हो भी क्यों ना, ये वो वोट बैंक है जो एक इशारे पर इकतरफा वोट करता है. जैसे ही चुनाव आते हैं सभी दलों के नेता डेरे के बाहर खड़े रहते हैं. ऐसे में इन्हें कौन नजरअंदाज कर सकता है.
अब बात करते हैं यहां के विधायक के विकास कार्यों और जनता के मूड की. सिरसा विधानसभा क्षेत्र से मक्खन लाल सिंगला इनेलो के टिकट पर विधायक बने थे लेकिन हाल ही में वो इनेलो छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए स्थानीय लोगों ने कई समस्याओं के बारे में बताया. जिनमें से मुख्य तौर पर आवारा पशु और जलभराव की समस्या है. लोगों ने बताया कि पूरे सिरसा में सड़कों पर, गलियों में हर जगह आवारा पशु घूमते रहते हैं जिनके कारण कई बार सड़क हादसे भी हो चुके हैं. ऐसे में लोगों की जान पर खतरा बना रहता है.
वहीं लोगों ने ये भी बताया कि यहां जरा सी बारिश होती है तो शहर में जगह-जगह पानी भर जाता है. अगर वहीं बारिश एक या दो घण्टे लगतार हो जाये तो पूरा शहर तालाब बन जाता है. हाल ही में इस जल भराव की वजह से एक 10वीं कक्षा के छात्र की मौत हो गयी थी.
लोगों का कहना है कि उनके विधायक ने उनकी कभी कोई सुध नहीं ली. लोगों का कहना है कि विधायक इनेलो में रहकर ये ही बहाना बनाते रहे कि सरकार बीजेपी की है इसलिए काम करवाने में मुश्किल होती है. वहीं लोगों से दब विधायक को विकास कार्यों में नंबर देने के लिए कहा गया तो किसी ने विधायक को 1 तो किसी ने डेढ़ और किसी ने तो विधायक को 10 में से 0 नंबर दिए.
ये था सिरसा विधानसभा क्षेत्र की जनता का मूड. यहां विधायक मक्खन लाल सिंगला को लेकर लोगों में खासी नाराजगी देखने को मिली. कुछ लोगों ने कहा कि जिस उम्मीद से उन्हें विधायक चुना था वो उन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए. खैर अब ये तो आने वाले चुनाव में पता चलेगा कि सिरसा की जनता मौजूदा विधायक पर भरोसा बरकरार रखते हुए उन्हें समय देगी या नकार देगी.