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सिरसा: बरवाली नहर टूटने से इस गांव के खेत हुए जलमग्न, कुसानों ने की मुआवजे की मांग - सिरसा गांव लुदेसर बरवाली नहर टूटी

सिरसा जिले के गांव लुदेसर में नहर टूटने से किसानों की कई एकड़ फसल जलमग्न हो गई जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है. किसानों ने सिंचाई विभाग पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग की है.

sirsa canal break crop damaged
सिरसा: बरवाली नहर टूटने से इस गांव के खेत हुए जलमग्न, कुसानों ने की मुआवजे की मांग
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Published : Jun 3, 2021, 9:44 PM IST

सिरसा: जिले के चोपटा खंड के गांव लुदेसर के पास बरवाली नहर टूटने से करीब 100 एकड़ में‌ नरमे की फसल जलमग्न हो गई. इसके साथ ही नलकूपों में पानी भरने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों ने नहर टूटने से हुए नुकसान की भरपाई की मांग की है.

हालांकि नहर टूटने की सूचना सिंचाई विभाग को दे दी गई थी लेकिन किसानों ने अधिकारियों पर देरी से आने के आरोप लगाए हैं. वहीं अधिकारियों ने नहर के पानी को पीछे से बंद करवा कर उसकी दरार को पाटने का काम शुरू कर दिया था. लेकिन दरार करीब 80 फुट चौड़ी होने के कारण शाम तक नहर को नहीं बांधा जा सका.

ये भी पढ़ें: अब इस तारीख तक किसान करा सकेंगे खरीफ फसलों का बीमा, प्रदेश सरकार ने बढ़ाई समयावधि

वहीं किसानों का कहना है कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से महंगे दामों पर बीज लाकर नरमे की फसल की बिजाई की थी, लेकिन अचानक नहर टूटने से उनकी 100 एकड़ में नरमे की खड़ी फसल बर्बाद हो गई. उन्होंने बताया कि एक महीने पहले ही बिजाई की थी और अभी पौधे काफी छोटे हैं और पानी भरने से बिल्कुल खराब हो गए.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में 96 हजार हेक्टेयर में किसानों ने धान छोड़ अपनाई दूसरी फसलें, इस योजना का दिखा असर

किसानों ने बताया कि बरवाली नहर सुबह करीब 8 बजे टूट गई थी और विभाग के अधिकारियों को उसी वक्त सूचित कर दिया गया लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी काफी लेट पहुंचे तब तक फसल खराब हो चुकी थी. किसानों का कहना है कि उन्हें तो काफी नुकसान हुआ है और सरकार को इसकी भरपाई करनी चाहिए. वहीं विभाग के अधिकारियों ने नहर की दरार को पाटने का काम शुरू किया लेकिन शाम तक नहर को नहीं बांधा जा सका.

सिरसा: जिले के चोपटा खंड के गांव लुदेसर के पास बरवाली नहर टूटने से करीब 100 एकड़ में‌ नरमे की फसल जलमग्न हो गई. इसके साथ ही नलकूपों में पानी भरने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों ने नहर टूटने से हुए नुकसान की भरपाई की मांग की है.

हालांकि नहर टूटने की सूचना सिंचाई विभाग को दे दी गई थी लेकिन किसानों ने अधिकारियों पर देरी से आने के आरोप लगाए हैं. वहीं अधिकारियों ने नहर के पानी को पीछे से बंद करवा कर उसकी दरार को पाटने का काम शुरू कर दिया था. लेकिन दरार करीब 80 फुट चौड़ी होने के कारण शाम तक नहर को नहीं बांधा जा सका.

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वहीं किसानों का कहना है कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से महंगे दामों पर बीज लाकर नरमे की फसल की बिजाई की थी, लेकिन अचानक नहर टूटने से उनकी 100 एकड़ में नरमे की खड़ी फसल बर्बाद हो गई. उन्होंने बताया कि एक महीने पहले ही बिजाई की थी और अभी पौधे काफी छोटे हैं और पानी भरने से बिल्कुल खराब हो गए.

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किसानों ने बताया कि बरवाली नहर सुबह करीब 8 बजे टूट गई थी और विभाग के अधिकारियों को उसी वक्त सूचित कर दिया गया लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी काफी लेट पहुंचे तब तक फसल खराब हो चुकी थी. किसानों का कहना है कि उन्हें तो काफी नुकसान हुआ है और सरकार को इसकी भरपाई करनी चाहिए. वहीं विभाग के अधिकारियों ने नहर की दरार को पाटने का काम शुरू किया लेकिन शाम तक नहर को नहीं बांधा जा सका.

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