सिरसा: राजकीय कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ. तेजाराम बिश्नोई पर तानाशाही का आरोप लगाया है. एसएफआई की छात्रा महक भारती का कहना है कि प्राचार्य स्कूल की छात्राओं पर संघ की विचारधारा थोपना चाहते हैं.
'जबरदस्ती थोपी जा रही है किताब'
एसएफआई स्टूडेंट का कहना है कि इस किताब का हमारे विषयों से कोई लेना-देना नहीं है. छात्राओं का कहना है कि प्राचार्य उन्हें जान-बूझकर परेशान कर रहे हैं. छात्राओं ने आरोप लगाया कि स्कॉलरशिप फॉर्म पर साइन करने को लेकर प्राचार्य आनाकानी कर रहे हैं और उन्हें 100 रूपये कीमत की किताब खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
'किताब नहीं लेने पर छात्रा नहीं बैठ पाएंगी परीक्षा में'
छात्राओं का कहना है कि ये किताब शिक्षा विभाग की ओर से नहीं लगाई गई बल्कि प्राचार्य की तरफ से जबरदस्ती इस किताब को थोपा जा रहा है और जब वो किताब लेने से मना करती है तो उनके फॉर्म पर साइन नहीं किए जाते.
ये भी जाने- आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की धमकी, छावनी में तब्दील हरियाणा के रेलवे स्टेशन
प्रिंसिपल ने कही ये बात
वहीं जब इस बारे में राजकीय कन्या महाविद्यालय के प्रिंसिपल से बात कि तो उन्होंने माना कि ये किताब शिक्षा विभाग द्वारा जारी नहीं की गई. लेकिन साथ ही उनका कहना था कि इस किताब को छात्राओं को खरीदना ही पड़ेगा. अच्छों विचारों का हवाला देते हुए प्रिंसिपल कहते हैं कि ये किताब मैं खुद लेकर आया हूं. जो छात्रा किताब नहीं लेगी, उनके फॉर्म पर साइन नहीं किए जाएंगे.
किताब का विषय से नहीं लेना-देना
बता दें कि जिस किताब को लेकर छात्राओ में रोष है, वो किताब है भारत गौरव शतकम. इस किताब में शिक्षा को लेकर ऐसा कुछ नजर नहीं आया, जो छात्राओं के सलेबस में हो.
न तो शिक्षा विभाग की ओर से इस किताब को लेकर निर्देश दिए गए हैं और न ही इस किताब का सिलेबस से कुछ लेना-देना है तो प्राचार्य महोदय क्यों इस किताब को छात्राओं पर थोप रहे हैं? इसी को लेकर छात्राएं एकजुट हो गई और इस बारे में सिरसा उपायुक्त को एक ज्ञापन भी सौंपा है.