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Haryana E Tendering Controversy: सरपंच एसोसिएशन ने पुतला दहन कर जताया विरोध, हरियाणा के कई जिलों में प्रदर्शन

हरियाणा में ई टेंडरिंग के मुद्दे पर सरकार और सरपंच एसोसिएशन आमने सामने हैं. एसोसिएशन (Sarpanchs protest against e tendering) ने मंगलवार को इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन किए और रोष मार्च निकाला.

Sarpanchs protest against e tendering
सरपंच एसोसिएशन ने पुतला दहन कर जताया विरोध
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Published : May 2, 2023, 7:14 PM IST

सिरसा: हरियाणा में ई टेंडरिंग का विरोध थम नहीं रहा है. इसको लेकर हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने मंगलवार को सिरसा लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री, सीएम व डिप्टी सीएम का विरोध किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान जसकरण सिंह कंग ने की. जबकि संचालन एसोसिएशन की राज्य उपप्रधान संतोष बेनीवाल ने किया.

जानकारी के अनुसार सिरसा जिले के सरपंच सुबह शहीद भगत सिंह स्टेडियम सिरसा में एकत्रित हुए. वे यहां से रणनीति बनाकर सिरसा में पैदल मार्च करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने पुतला जलाकर विरोध जताया. इस दौरान सरपंच एसोसिएशन के सदस्यों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें जल्द नहीं मानी तो 16 मई को सिरसा में सीएम मनोहर लाल के संभावित दौरे का भी जोरदार विरोध किया जाएगा.

पढ़ें : हरियाणा में ई टेंडरिंग को लेकर बदल रहा सरपंचों का नजरिया: पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली

इस दौरान हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की राज्य उप प्रधान संतोष बेनीवाल ने कहा कि सरकार सत्ता के नशे में चूर होकर हठधर्मिता पर अड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि गांवों की छोटी सरकार को ग्रामीणों ने अपने विवेक से चुना है ताकि चुने हुए प्रतिनिधि गांव का विकास करवा सके. लेकिन सरकार ई-टेंडरिंग प्रणाली से इन छोटी सरकारों को समाप्त करना चाहती है और इन पर अपना आधिपत्य जमाना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को दरकिनार कर रही है.

जिसके चलते सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 16 मई को सिरसा में सीएम मनोहर लाल के संभावित दौरे का विरोध किया जाएगा. अगर कोई भी नेता गांवों में दाखिल हुआ तो उसका विरोध किया जाएगा. इसके साथ ही सरपंचों ने दिल्ली में धरने पर बैठे पहलवानों का भी समर्थन किया है. संतोष बेनीवाल ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो सरकार को 2024 में इसके परिणाम भुगतने होंगे.

पढ़ें : ई टेंडरिंग में बड़ा बदलाव, सरकार ने पंचों और सरपंचों का बढ़ाया मानदेय, 5 लाख तक करा सकेंगे काम

हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान जसकरण सिंह कंग ने कहा कि यह तो सिर्फ सरकार के लिए एक ट्रायल मात्र है. उन्होंने बताया कि आने वाली 30 मई को जींद में एक बहुत बड़ी पंचायत होगी, जिसमें सरकार से टकराव की रणनीति बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जनता जनार्दन होती है, यह बात सरकार को भूलनी नहीं चाहिए. क्योंकि इस जनता ने ही सरकार को बनाया है. सरकार अपनी तानाशाही नीतियों से गांव के प्रतिनिधियों की एकता को तोड़ नहीं सकती. अगर समय रहते सरकार ने हठधर्मिता नहीं छोड़ी तो वो दिन दूर नहीं, जब चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ गांवों की आबादी उनके समर्थन में सड़कों पर होगी.

हरियाणा में ई टेंडरिंग के विरोध में भिवानी में सरपंचों ने फिर खोला मोर्चा: मंगलवार को भिवानी में एकजुट हुए सरपंचों ने अपनी मांग को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. चौ. सुरेंद्र सिंह पार्क के बाहर नारेबाजी करते हुए सरपंचों ने कहा कि हमने आंदोलन खत्म नहीं किया, बल्कि खेतों में काम होने के चलते कुछ दिन रोका था. अब 30 मई को जींद में रैली कर बड़ा फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने ई-टेंडरिंग को खत्म नहीं किया तो आने वाले लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनाव में दिखा देंगे कि सरपंचों की ताकत क्या है. उन्होंने कहा कि सीएम के सामने ई-टेंडरिंग का समर्थन करने वाले सरपंच भाजपा के हैं. साथ ही सीएम द्वारा ई टेंडरिंग से काम कम पैसे में अच्छे होने पर कहा कि ई-टेंडरिंग से कोई काम ठीक नहीं होता. उन्होंने कहा कि काम में गड़बड़ होने पर लोग सीएम को नहीं, सरपंच को टोकते हैं.

Sarpanchs protest against e tendering
भिवानी में सरपंचों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

फतेहाबाद में सरपंच एसोसिएशन का धरना: फतेहाबाद में आज सरपंच एसोसिएशन के द्वारा पंचायती एक्ट लागू करने की मांग को लेकर और राइट टू रिकॉल के विरोध में शहर भर में प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री के पुतले को आग के हवाले किया गया. नारेबाजी करते हुए सरपंच फतेहाबाद के ब्लॉक पंचायत अधिकारी कार्यालय में एकत्र हुए और उसके बाद लघु सचिवालय पहुंचे. सरपंचों का कहना है कि ई-टेडरिंग के विरोध में सभी सरपंच एकजुट हैं और आने वाली 30 मई को जींद में एक बड़ी रैली करके सरकार के खिलाफ आगे की रणनीति तय की जाएगी और बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी.

सिरसा: हरियाणा में ई टेंडरिंग का विरोध थम नहीं रहा है. इसको लेकर हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने मंगलवार को सिरसा लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री, सीएम व डिप्टी सीएम का विरोध किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान जसकरण सिंह कंग ने की. जबकि संचालन एसोसिएशन की राज्य उपप्रधान संतोष बेनीवाल ने किया.

जानकारी के अनुसार सिरसा जिले के सरपंच सुबह शहीद भगत सिंह स्टेडियम सिरसा में एकत्रित हुए. वे यहां से रणनीति बनाकर सिरसा में पैदल मार्च करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने पुतला जलाकर विरोध जताया. इस दौरान सरपंच एसोसिएशन के सदस्यों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें जल्द नहीं मानी तो 16 मई को सिरसा में सीएम मनोहर लाल के संभावित दौरे का भी जोरदार विरोध किया जाएगा.

पढ़ें : हरियाणा में ई टेंडरिंग को लेकर बदल रहा सरपंचों का नजरिया: पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली

इस दौरान हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की राज्य उप प्रधान संतोष बेनीवाल ने कहा कि सरकार सत्ता के नशे में चूर होकर हठधर्मिता पर अड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि गांवों की छोटी सरकार को ग्रामीणों ने अपने विवेक से चुना है ताकि चुने हुए प्रतिनिधि गांव का विकास करवा सके. लेकिन सरकार ई-टेंडरिंग प्रणाली से इन छोटी सरकारों को समाप्त करना चाहती है और इन पर अपना आधिपत्य जमाना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को दरकिनार कर रही है.

जिसके चलते सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 16 मई को सिरसा में सीएम मनोहर लाल के संभावित दौरे का विरोध किया जाएगा. अगर कोई भी नेता गांवों में दाखिल हुआ तो उसका विरोध किया जाएगा. इसके साथ ही सरपंचों ने दिल्ली में धरने पर बैठे पहलवानों का भी समर्थन किया है. संतोष बेनीवाल ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो सरकार को 2024 में इसके परिणाम भुगतने होंगे.

पढ़ें : ई टेंडरिंग में बड़ा बदलाव, सरकार ने पंचों और सरपंचों का बढ़ाया मानदेय, 5 लाख तक करा सकेंगे काम

हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान जसकरण सिंह कंग ने कहा कि यह तो सिर्फ सरकार के लिए एक ट्रायल मात्र है. उन्होंने बताया कि आने वाली 30 मई को जींद में एक बहुत बड़ी पंचायत होगी, जिसमें सरकार से टकराव की रणनीति बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जनता जनार्दन होती है, यह बात सरकार को भूलनी नहीं चाहिए. क्योंकि इस जनता ने ही सरकार को बनाया है. सरकार अपनी तानाशाही नीतियों से गांव के प्रतिनिधियों की एकता को तोड़ नहीं सकती. अगर समय रहते सरकार ने हठधर्मिता नहीं छोड़ी तो वो दिन दूर नहीं, जब चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ गांवों की आबादी उनके समर्थन में सड़कों पर होगी.

हरियाणा में ई टेंडरिंग के विरोध में भिवानी में सरपंचों ने फिर खोला मोर्चा: मंगलवार को भिवानी में एकजुट हुए सरपंचों ने अपनी मांग को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. चौ. सुरेंद्र सिंह पार्क के बाहर नारेबाजी करते हुए सरपंचों ने कहा कि हमने आंदोलन खत्म नहीं किया, बल्कि खेतों में काम होने के चलते कुछ दिन रोका था. अब 30 मई को जींद में रैली कर बड़ा फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने ई-टेंडरिंग को खत्म नहीं किया तो आने वाले लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनाव में दिखा देंगे कि सरपंचों की ताकत क्या है. उन्होंने कहा कि सीएम के सामने ई-टेंडरिंग का समर्थन करने वाले सरपंच भाजपा के हैं. साथ ही सीएम द्वारा ई टेंडरिंग से काम कम पैसे में अच्छे होने पर कहा कि ई-टेंडरिंग से कोई काम ठीक नहीं होता. उन्होंने कहा कि काम में गड़बड़ होने पर लोग सीएम को नहीं, सरपंच को टोकते हैं.

Sarpanchs protest against e tendering
भिवानी में सरपंचों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

फतेहाबाद में सरपंच एसोसिएशन का धरना: फतेहाबाद में आज सरपंच एसोसिएशन के द्वारा पंचायती एक्ट लागू करने की मांग को लेकर और राइट टू रिकॉल के विरोध में शहर भर में प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री के पुतले को आग के हवाले किया गया. नारेबाजी करते हुए सरपंच फतेहाबाद के ब्लॉक पंचायत अधिकारी कार्यालय में एकत्र हुए और उसके बाद लघु सचिवालय पहुंचे. सरपंचों का कहना है कि ई-टेडरिंग के विरोध में सभी सरपंच एकजुट हैं और आने वाली 30 मई को जींद में एक बड़ी रैली करके सरकार के खिलाफ आगे की रणनीति तय की जाएगी और बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी.

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