सिरसा: साध्वी यौन शोषण मामले में सजा भुगत रहे राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) पिछले कुछ महीनों में कई बार पैरोल पर जेल से बाहर आया है. जिसे लेकर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति (Anshul Chhatrapati) ने आपत्ति जताई है. अंशुल छत्रपति ने राम रहीम को मिल रही पैरोल (Ram Rahim Parole) को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को भी पत्र लिखा है.
हाईकोर्ट को लिखे पत्र में अंशुल छत्रपति ने चीफ जस्टिस से इस मामले की मॉनिटरिंग करने की अपील की है. अंशुल छत्रपति के मुताबिक राम रहीम अलग-अलग वजहों से जेल से बाहर निकले का बहाना बनाता है. वहीं उन्होंने गुरमीत राम रहीम की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत पर भी सवाल उठाए हैं.
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'राम रहीम को पैरोल देना सरकार की चाल'
अंशुल छत्रपति का कहना है कि कभी राम रहीम की माता की बीमारी का बहाना देकर एक दिन की पेरोल दिया गया और गुरुग्राम के फार्म हाऊस में मिलाया गया. इसके बाद गुरमीत राम रहीम की बीमारी को लेकर पहले पीजीआई रोहतक भेजा गया और कुछ दिनों बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में एडमिट करवाया गया.
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अंशुल छत्रपति ने इस पूरे प्रकरण को सरकार और प्रशासन की सोची समझी चाल बताई. उनके मुताबिक राम रहीम को दी जा रही पैरोल भविष्य की बड़ी प्लानिंग का हिस्सा है, ताकि उसे लंबी छुट्टी पर भेजा जा सके. वहीं इस दौरान उन्होंने हनीप्रीत (Honeypreet) की जमानत पर भी सवाल खड़े किए हैं.
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हनीप्रीत के सिर से हटीं गंभीर धाराएं
अंशुल छत्रपति ने कहा कि हनीप्रीत को पंचकूला हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था, लेकिन अब वो आरोप हटा दिए गए हैं. हनीप्रीत को जमानत भी मिल गई है. हनीप्रीत को राम रहीम से मिलने दिया जा रहा है. अंशुल छत्रपति ने कहा कि ये सारी चीजें सरकार की मिली भगत का इशारा करते हैं.
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