सिरसा: राम रहीम की पैरोल अर्जी पर प्रशासनिक पेंच अभी भी फंसा हुआ है. पैरोल पर रिपोर्ट अभी आनी है, लेकिन रिपोर्ट से पहले यह एक बड़ा सवाल है कि डेरा प्रमुख किसान है या नहीं. क्योंकि राम रहीम के पास खुद की जमीन नहीं है. वो अपनी बेटी अमरप्रीत कौर के अलावा डेरा सच्चा सौदा ट्रस्ट की जमीन पर खेतीबाड़ी करता था.
कागजों में है राम रहीम किसान नहीं काश्तकार
डेरा प्रमुख की बेटी अमरप्रीत कौर के नाम गांव नेजियाखेड़ा के कृषि रकबे में जमीन है. खेवट नम्बर 184 एवं जमाबंदी 239 में आने वाली इस जमीन का काश्तकार राम रहीम को दिखाया गया है. अमरप्रीत कौर के नाम शाहपुर बेगू में इसके अलावा खेवट नम्बर 122,123 और 185 के अंतर्गत भी जमीन है, जिसमें अमरप्रीत एवं डेरा चीफ की दूसरी बेटी चरणप्रीत को काश्तकार दिखाया गया है. गौरतलब है राम रहीम के जेल जाने के बाद साल 2017-18 और 2018-19 की जमाबंदी में उसे काश्तकार दिखाया गया है.
डेरे की जमीन पर नहीं है काश्तकार
गांव शाहपुर बेगू में खेवट नम्बर 860, 862, 863, 922, 263, 255, 251, 271 एवं 272 की जमीन डेरा सच्चा सौदा ट्रस्ट के नाम है और इसका काश्तकार डेरा प्रमुख को दिखाया गया है. हालांकि गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद साल 2017-18 एवं 2018-19 की जमाबंदी में डेरा प्रमुख को काश्तकार नहीं दिखाया गया है.
260 एकड़ जमीन पर होती है खेती
राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक डेरा के पास सिरसा जिला में करीब 948 एकड़ जमीन है. इनमें से करीब 750 एकड़ जमीन डेरा मुख्यालय में है और 260 एकड़ पर डेरा सच्चा सौदा में खेती होती है. खेवट नंबर 255, 251, 271 और 272 की जमीन डेरा सच्चा सौदा ट्रस्ट के नाम है. राम रहीम को जेल जाने से पहले इस जमीन का काश्तकार दिखाया गया था.
अंशुल छत्रपति ने भी जताई आपत्ति
रामचंद्र छत्रपति के बेटे ने भी राम रहीम के जेल से बाहर आने पर आपत्ति जताई है. अंशुल छत्रपति ने कहा कि पैरोल के लिए कृषि का जो गुरमीत राम रहीम ने आधार बनाया है वो गलत है. अंशुल का कहना है कि एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि गुरमीत राम रहीम के नाम कोई जमीन नहीं है.
ये है मामला
डेरा प्रमुख को साध्वी यौन शोषण प्रकरण में सीबीआई कोर्ट की ओर से 25 अगस्त 2017 को दोषी करार दिया था. तभी से डेरा प्रमुख रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है. अब डेरा प्रमुख ने 42 दिन की पैरोल की अर्जी लगाई है. डेरा प्रमुख ने खेतीबाड़ी करने के लिए पैरोल की अपील की है. अब जांच का विषय है कि अगर राम रहीम किसान या काश्तकार है ही नहीं तो किस आधार पर पैरोल की अर्जी लगाई गई है.