सिरसा: सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की जांच करते हुए शुक्रवार को पंजाब एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (Punjab Anti Gangster Task Force) सिरसा पहुंची. फोर्स के एसआई कुलविंदर सिंह के नेतृत्व में कालांवाली इलाके में पहुंची पुलिस टीम ने गांव तकतम निवासी बलदेव उर्फ निक्कू की तलाश में छापामारी की. करीब दो से ढाई घंटे तक पुलिस उसे ढूंढती रही लेकिन कोई सुराग न मिलने पर वापस लौट गई.
सूत्रों से पता चला है कि पुलिस को कुछ ऐसे मोबाइल नंबर मिले थे, जिससे निक्कू (Haryana Gangster Nikku) बात किया करता था. पुलिस ने संबंधित नंबरों की जानकारी जुटाई तो वह कालांवाली क्षेत्र में मिले. उन लोगो तक संपर्क करके आरोपियों का पता लगाने की कोशिश में पुलिस यहां पहुंची लेकिन कोई अहम जानकारी नहीं मिल पाई. वहीं श्री मुक्तसर साहिब की सीआईए लगातार ओढ़ां थाना क्षेत्र के गांव किगरे में दबिश दे रही है.
गुरुवार को भी सदर थाना डबवाली पुलिस की मदद से छापामारी की गई. पता चला है कि इस गांव के एक युवक का संबंध गैंगस्टरों से है. पंजाब पुलिस के निशाने पर विशेषकर गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के गुर्गे हैं. पुलिस सूत्र बताते हैं कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकाड़ की योजना आठ-नौ महीने पहले ही बना ली गई थी. पुलिस अभी यह बताने की स्थिति में नहीं है. गांव कालांवाली के संदीप उर्फ केकड़ समेत पंजाब में अन्य आरोपियों के पकड़े जाने के बाद हत्या से जुड़े राज धीरे-धीरे खुलने लगे हैं.
इसी कार्रवाई के तहत पुलिस गैंगस्टर निक्कू की तलाश मे लगातार छापामारी कर रही है. बार-बार उसका इनपुट कालांवाली (Kalanwali) क्षेत्र में मिल रहा है. बताया जा रहा है कि निक्कू शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या की प्लानिंग में शामिल था. पुलिस सूत्र ये भी बताते हैं कि कनाडा से गैंग ऑपरेट कर रहे गोल्डी बराड़ और पंजाब के गैंगस्टर मनप्रीत उर्फ मन्ना के साथ भी उसकी बातचीत होती थी. पुलिस ने निक्कू को साल 2017 मे अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया था. करीब एक-डेढ़ साल पहले उसने अपना गांव छोड़ दिया था. वह गांव जंगीराणा (पंजाब) में चला गया था. उस गांव में उसका रिश्तेदार रहता है. जहां से मशाना गांव के एक गैंगस्टर के संपर्क मे आया था. रैकी करवाने से लेकर शूटरों के ठहरने तक का इंतजाम इसी निक्कू ने किया था.
ये भी पढ़ें- सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में शूटरों की हुई पहचान, स्पेशल सेल का बड़ा खुलासा