सिरसा: लघु सचिवालय के बाहर 26वें दिन भी पीटीआई टीचरों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा. शुक्रवार को हरियाणा प्राथमिक विद्यालय संघ ने पीटीआई टीचर्स को अपना समर्थन दिया और पीटीआई अध्यापकों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों का कहना है कि सरकार ने जिन पीटीआई टीचर्स को निकाला है उन्हें फॉल्टी नहीं कहा है. उनके डॉक्यूमेंट को करीब तीन बार वेरिफाई किया गया है. उन्होंने कहा कि उनकी भर्तियों को गलत ठहराकर उन्हें नौकरी से निकाला गया है. अध्यापकों का कहना है कि 2006 में हुए रिटन टेस्ट में सभी अध्यापक पास हुए थे. उसमें पेपर लीक होने की बात सामने आई थी, लेकिन उसमें हमारी गलती नहीं थी.
इसके बाद दोबारा एग्जाम रखा गया जो कैंसिल कर दिया गया. जिसके बाद उन्होंने इसका प्रोसीजर ही बदलकर दिया, लेकिन अब सरकार उस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल न उठाकर पीटीआई अध्यापकों के साथ अन्याय कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर जल्द ही पीटीआई टीचर्स की नौकरी बहाल नहीं की तो पीटीआई टीचर्स और हरियाणा के अन्य सरकारी कर्मचारी मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे.
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बता दें कि, प्रदेशभर से 1983 पीटीआई टीचरों को कोर्ट के निर्देश पर सरकार द्वारा हटा दिया गया था. जिसके बाद से पीटीआई टीचर नौकरी बहाली की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. पीटीआई टीचर्स का कहना है कि जब तक उनकी नौकरी बहाली नहीं की जाती तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.