ETV Bharat / state

सिरसा: नौकरी से हटाए गए पीटीआई शिक्षकों का अनशन 23वें दिन भी जारी

नौकरी से निकाले गए पीटीआई शिक्षकों का अनशन सिरसा में 23वें दिन भी जारी रहा. पीटीआई शिक्षक नौकरी बहाली की मांग कर रहे हैं.

removed pti teachers protest continue in 23th day in sirsa
removed pti teachers protest continue in 23th day in sirsa
author img

By

Published : Jul 7, 2020, 10:34 PM IST

सिरसा: नौकरी से निकाले गए पीटीआई शिक्षकों का लघु सचिवालय के बाहर मंगलवार को 23वें दिन भी अनशन जारी रहा. अनशन पर बैठे पीटीआई शिक्षक नौकरी बहाली की मांग कर रहे हैं. इस दौरान पीटीआई टीचरों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि कैबिनेट की मीटिंग में किसी ने हमारे लिए कोई बात नहीं की. जिससे पता चलता है कि ये सरकार हमारे लिए कोई कदम नहीं उठाने वाली है.

उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारी नौकरी हमें वापस नहीं देती तब तक हमारा अनशन ऐसे ही जारी रहने वाला है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पीटीआई मुद्दे को कांग्रेस बनाम बीजेपी बना दिया है.

सिरसा में पीटीआई शिक्षकों का अनशन 23वें दिन भी जारी, देखें वीडियो.

बर्खास्त पीटीआई शिक्षक सत्यपाल ने कहा कि सरकार की नैतिकता बिल्कुल शून्य हो गई है. क्योंकि हमारे जो 39 साथी जिनकी अब मृत्यु हो गई है और सरकार द्वारा उनके परिवार के पालन पोषण के लिए एक्सग्रेसिया के तहत पैसे दिए जा रहे थे, दो दिन पहले सरकार ने असंवेदनशील फैसला लेते हुए उसे भी रद्द कर दिया है. बता दें कि, नौकरी से निकाले जाने के बाद सिरसा के लघु सचिवालय के बाहर पीटीआई शिक्षकों का अनशन पिछले 23 दिनों से लगातार जारी है.

क्या है पीटीआई शिक्षकों का मामला ?

साल 2010 में कांग्रेस की भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार थी. उस समय हरियाणा में 1983 पीटीआई शिक्षकों की भर्ती की गई थी. भर्ती में अनियमतिता का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि सैकड़ों चयनित उम्मीदवारों का शैक्षिक रिकॉर्ड बेहद खराब है. आरोप में ये भी कहा गया था कि 90 फीसदी मेधावी उम्मीदवार मौखिक परीक्षा में असफल रहे. उन्हें 30 में से 10 नंबर भी नहीं आए.

इसी के साथ ये भी आरोप लगा था कि इंटरव्यू के लिए तय किए गए 25 अंक को बदलकर 30 कर दिया गया. इन सबके मद्देनजर 30 सितंबर 2013 को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने पीटीआई भर्ती को रद्द कर दिया था.

इसके खिलाफ पीटीआई शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आठ अप्रैल को अपना फैसला सुनाया. फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि साल 2010 में पीटीआई भर्ती में नियमों का उल्लंघन किया गया था.

ये भी पढ़ें- PTI टीचर्स के आश्रितों को मिलने वाली आर्थिक सहायता बंद, खड़ा हुआ रोजी-रोटी का संकट

सिरसा: नौकरी से निकाले गए पीटीआई शिक्षकों का लघु सचिवालय के बाहर मंगलवार को 23वें दिन भी अनशन जारी रहा. अनशन पर बैठे पीटीआई शिक्षक नौकरी बहाली की मांग कर रहे हैं. इस दौरान पीटीआई टीचरों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि कैबिनेट की मीटिंग में किसी ने हमारे लिए कोई बात नहीं की. जिससे पता चलता है कि ये सरकार हमारे लिए कोई कदम नहीं उठाने वाली है.

उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारी नौकरी हमें वापस नहीं देती तब तक हमारा अनशन ऐसे ही जारी रहने वाला है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पीटीआई मुद्दे को कांग्रेस बनाम बीजेपी बना दिया है.

सिरसा में पीटीआई शिक्षकों का अनशन 23वें दिन भी जारी, देखें वीडियो.

बर्खास्त पीटीआई शिक्षक सत्यपाल ने कहा कि सरकार की नैतिकता बिल्कुल शून्य हो गई है. क्योंकि हमारे जो 39 साथी जिनकी अब मृत्यु हो गई है और सरकार द्वारा उनके परिवार के पालन पोषण के लिए एक्सग्रेसिया के तहत पैसे दिए जा रहे थे, दो दिन पहले सरकार ने असंवेदनशील फैसला लेते हुए उसे भी रद्द कर दिया है. बता दें कि, नौकरी से निकाले जाने के बाद सिरसा के लघु सचिवालय के बाहर पीटीआई शिक्षकों का अनशन पिछले 23 दिनों से लगातार जारी है.

क्या है पीटीआई शिक्षकों का मामला ?

साल 2010 में कांग्रेस की भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार थी. उस समय हरियाणा में 1983 पीटीआई शिक्षकों की भर्ती की गई थी. भर्ती में अनियमतिता का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि सैकड़ों चयनित उम्मीदवारों का शैक्षिक रिकॉर्ड बेहद खराब है. आरोप में ये भी कहा गया था कि 90 फीसदी मेधावी उम्मीदवार मौखिक परीक्षा में असफल रहे. उन्हें 30 में से 10 नंबर भी नहीं आए.

इसी के साथ ये भी आरोप लगा था कि इंटरव्यू के लिए तय किए गए 25 अंक को बदलकर 30 कर दिया गया. इन सबके मद्देनजर 30 सितंबर 2013 को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने पीटीआई भर्ती को रद्द कर दिया था.

इसके खिलाफ पीटीआई शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आठ अप्रैल को अपना फैसला सुनाया. फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि साल 2010 में पीटीआई भर्ती में नियमों का उल्लंघन किया गया था.

ये भी पढ़ें- PTI टीचर्स के आश्रितों को मिलने वाली आर्थिक सहायता बंद, खड़ा हुआ रोजी-रोटी का संकट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.