सिरसा: हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन सिरसा ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. जिला एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि मंडल ने एसएलसी(स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र) को लेकर किए गए फैसले को निरस्त करने की मांग की है.
उप मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद एसोसिएशन के ब्लॉक प्रधान भूपेंद्र जैन ने मीडिया को बताया कि सरकार ने एसएलसी का आदेश पारित कर प्राइवेट स्कूलों के लिए आर्थिक स्थिति का संकट पैदा कर दिया है. इस आदेश का लाभ वो अभिभावक उठाना चाहेंगे, जिनके बच्चों का बकाया पेडिंग होगा. ऐसे में प्राइवेट स्कूल आर्थिक तौर पर कमजोर हो जाएंगे.
उप मुख्यमंत्री ने इस दिशा में हरसंभव सहयोग का विश्वास दिलाया है. एसोसिएशन के उक्त पदाधिकारियों के अनुसार दुष्यंत चौटाला ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासत किया है कि शिक्षा मंत्री हरियाणा से बातचीत कर सकरात्मक परिणाम निकाले जाएंगे, ताकि प्राइवेट स्कूलों को आर्थिक विपदा से नहीं गुजरना पड़े.
सरकार ने क्या फैसला लिया?
हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है कि जिन छात्रों के पास एसएलसी (स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट) नहीं है और जो प्राइवेट से सरकारी स्कूल में आना चाहते हैं उन्हें बिना एसएलसी के ही दाखिला दे दिया जाएगा.
प्रदेश में ऐसे बहुत से छात्र हैं जो सरकारी स्कूल में दाखिला लेना चाहते हैं, लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से उन्हें पिछले स्कूल से एसएलसी नहीं मिल पा रही थी. ऐसे में बच्चे सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन दाखिला नहीं ले पा रहे थे. जिसके बाद हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से ये फैसला लिया गया है, ताकि लॉकडाउन की वजह के किसी छात्र का भविष्य अधर में ना लटके. सरकार के इस फैसले की सरकारी स्कूल निंदा कर रहे हैं.
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