हिसार: केंद्र सरकार में पुरातत्व एवं संग्रालय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल राखीगढ़ी का दौरा करने पहुंचे. इस दौरान उसके साथ बीजेपी सांसद बृजेंद्र सिंह भी मौजूद रहे. राज्यमंत्री ने राखीगढ़ी को लेकर जानकारिया जुटाई. वहीं राखीगढ़ी के लोगों ने भी केंद्रीय मंत्री को राखीगढ़ी को ऐतिहासिक रूप से बढ़ावा देने के दौरान आने वाली दिक्कतों और मांगों से अवगत करवाया.
राखीगढ़ी के लोगों ने कहा की कुछ घर ऐसे है जिन्हे स्पष्ट नहीं पता की उनके घर इस दायरे में आते है या नहीं. वहीं लोगो की मांग थी कि हिसार से राखीगढ़ी के बीच सीधी सड़क निकली जाए जिस कारण हिसार मुख्यालय से इसकी दुरी केवल 40 किलोमीटर हो जाएगी.
बता दें कि हड़प्पा कालीन सभ्यता को संजोए राखीगढ़ी के टीलों की पहचान जल्द पूरे विश्व में होने वाली है. केंद्र सरकार ने पूरे देश में पांच पर्यटक स्थलों को प्रतिष्ठित पर्यटक स्थल विकसित करने का प्लान तैयार कर लिया है, इसके लिए अलग से बजट देने की घोषणा कर दी है. राखीगढ़ी प्रदेश में ऐसा पहला पर्यटक स्थल होगा जहां पर पुरातत्व से संबंधित सभी चीजों को एक साथ म्यूजियम में दिखाया जा सकेगा.
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वहीं हरियणा सरकार ने राखीगढ़ी में म्यूजियम बनाने के लिए पहले ही करीब 25 करोड़ रूपये के बजट से इसका काम शुरू कर दिया है. ये म्यूजियम एक आधुनिक तरीके का म्यूजियम होगा. इस म्यूजियम के लिए विभाग ने करीब 70 करोड़ रुपये की मांग सरकार से की थी ताकि म्यूजियम में अन्य चीजों का भी निर्माण किया जा सके. म्यूजिक में रेस्ट हाउस हॉस्टल और एक कैफे का निर्माण भी किया जा रहा है और म्यूजियम को सोलर लाइटों से जगमग किया जायेगा. इस म्यूजियम में एक ओपन थियेटर भी बनाया जाएगा और पुराने जमाने की एक चौपाल भी बनाई जाएगी.
राखीगढ़ी का इतिहास है हजारों साल पुराना
गौरतलब है कि 7 नवंबर 2015 को जब राखीगढ़ी में खुदाई की गई तो काफी चौकाने वाले तथ्यों का राज खुला. खुदाई के दौरान मानव नर कंकाल निकले. इन कंकालों की कार्बन डेटिंग से अब ये अनुमान लगाया जा सकता था कि ये संस्कृति कितनी पुरानी है. प्रोफेसर वसंत शिंदे की अगुवाई में सभी नर कंकालों को भारत और जर्मनी में डीएनए के लिए भेज दिया गया 3 साल बाद उनके डीएनए का खुलासा हुआ और उसे साबित हो गया कि ये सभ्यता करीब पांच हजार वर्ष पुरानी सभ्यता है और मनुष्य की शुरुआत यहीं से हुई थी. आर्य लोग सबसे पहले यहीं पर आकर बसे थे और उनका डीएनए कहीं बाहर का नहीं बल्कि यही का था.