सिरसा: केंद्र सरकार की तरफ से 2018 में पूरे देश में आयुष्मान भारत योजना को लागू किया गया था. आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में गरीब, उपेक्षित परिवार और शहरी गरीब लोगों के परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया गया. वहीं इसी कड़ी में अब हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक और घोषणा की. उन्होंने लाभार्थियों के चयन के नियमों और राहत दी है. ऐसे में नए नियमों और ज्यादा लाभार्थियों को इस योजना का लाभ दिया जा सकता है.
किन लोगों को दिया जाता था लाभ ?
सरकार जहां पहले ग्रामीण क्षेत्रों में उन लोगों को जिसके पास कच्चे मकान हो, किसी परिवार में 16 साल से अधिक आयु का व्यस्क न हो, परिवार की मुखिया महिला हो, परिवार में कोई दिव्यांग हो, अनुसूचित जाति/जनजाति से हो और भूमिहीन व्यक्ति/दिहाड़ीदार मजदूरों और इसके अलावा इलाके में बेघर व्यक्ति, दान या भीख मांगने वाले, आदिवासी और कानूनी रूप से मुक्त हुए बंधुआ मजदूरों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया गया था.
वहीं शहरी क्षेत्रों में कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामकाज करने वाले, रेडी-पटरी दुकानदार, मोची, फेरीवाले, सड़क पर काम करने वाले अन्य व्यक्ति, कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मजदूर, प्लंबर राजमिस्त्री , पेंटर , वेल्डर , सिक्योरिटी गार्ड, कुली और भार ढोने वाले अन्य कामकाजी व्यक्ति, स्वीपर, सफाई कर्मी, हैंडीक्राफ्ट का काम करने वाले लोग, टेलर , ड्राइवर, रिक्शा चालक , दुकान पर काम करने वाले लोगों को भी आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया गया.
क्या बदलाव होने वाले हैं ?
गृह मंत्री के बयान के अनुसार आयुष्मान भारत योजना में कुछ बदलाव किए हैं. अब इस योजना में उन लोगों को शामिल किया जाएगा जिसकी सालाना आय 1 लाख 80 हजार से कम हो या जिस किसान की 5 एकड़ से कम जोत हो.
अगर सिरसा में इस योजना की बात करें तो अब तक जिले के करीब 3000 लोगों को इस योजना का लाभ मिल चुका है. करीब 82 हजार परिवार इसके लाभार्थी हैं जिसमें से 75 हजार लोगों को उनका आयुष्मान कार्ड बांट दिया गया है. इस योजना में जिला के 29 अस्पतालों को शामिल किया गया है जिसमें से 10 सरकारी और 19 निजी अस्पताल है.
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खुश हैं लाभार्थी !
वहीं निजी अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे लोगों ने हमारी टीम से बात की. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत उनका बिल्कुल फ्री और सही इलाज हो रहा है. अगर उनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं होता तो वो अपनी बीमारी का इलाज इतनी सस्ती और आसानी से नहीं करवा पाते.
कम जानकारी की वजह से लाभ नहीं उठा पाते लाभार्थी
वहीं निजी अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि इस योजना से लोगों को अच्छा लाभ मिला है, लेकिन उन्होंने बताया कि सरकार ने एक प्रावधान रखा है कि जिस बीमारी का इलाज सरकारी अस्पताल में हो सकता है उसे सरकारी अस्पताल में रखा गया है और जिस बीमारी की अच्छी फैसिलिटी सरकारी अस्पताल में नहीं हो सकती उसे निजी अस्पतालों में रखा गया है.
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शहर में 4 और अस्पतालों को योजना से जोड़ेंगे
डॉक्टर प्रमोद शर्मा ने बताया कि उन्होंने चार और अस्पतालों को इसमें शामिल करने के लिए अप्लाई किया गया है. उन्होंने कहा कि उनकी टीम जिले के 176 गांवों में कैंप लगाएगी और वहां के लोगों का आयुष्मान भारत कार्ड बनाएगी. वहीं उन्होंने कहा कि सरकार की जो 1 लाख 80 हजार की पॉलिसी का नोटिफिकेशन है वो उनके पास अभी नहीं आया है. अगर ऐसा कोई नोटिफिकेशन आता है तो उसे भी लिस्ट में शामिल कर लोगों का कार्ड बनाने का काम करेंगे.
वहीं अब देखना यह होगा कि हरियाणा सरकार की इस नई पॉलिसी के तहत कब लोगों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया जाता है और कितने लोगों को इसका फायदा मिल पाता है.