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राम रहीम की पैरोल और आदमपुर उपचुनाव एक साथ होना सिर्फ इत्तेफाक- जेल मंत्री

राम रहीम की पैरोल (ram rahim parole) और उसके सत्संग में बीजेपी नेताओं की हाजिरी पर हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने प्रतिक्रिया दी है.

ranjit chautala on ram rahim parole
ranjit chautala on ram rahim parole
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Published : Oct 20, 2022, 1:51 PM IST

सिरसा: राम रहीम की पैरोल (ram rahim parole) हरियाणा सरकार के गले की फांस बनती नजर आ रही है. सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि आदमपुर उपचुनाव और पंचायती राज चुनाव में खुद को फायदा पहुंचाने के लिए बीजेपी ने राम रहीम को पैरोल दिलवाई है. ये सवाल इसलिए भी अहम हो जाते हैं क्योंकि जब से राम रहीम पैरोल पर जेल से बाहर आया है. तब से वो ऑनलाइन सत्संग कर रहा है.

जिसमें हरियाणा के डिप्टी स्पीकर, करनाल की मेयर समेत, पंचायती राज संस्थाओं के उम्मीदवार राम रहीम का आशीर्वाद ले रहे हैं. इन्हीं सवालों पर जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने सफाई दी है. हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि राम रहीम की पैरोल (ranjit chautala on ram rahim parole) और आदमपुर उपचुनाव का साथ होना सिर्फ इत्तेफाक है. उपचुनाव को लेकर राम रहीम को पैरोल नहीं दी गई है.

राम रहीम की पैरोल और आदमपुर उपचुनाव एक साथ होना सिर्फ इत्तेफाक- जेल मंत्री

उन्होंने कहा कि ये कोर्ट का मामला है. राम रहीम ने संबंधित अथॉरिटी से पैरोल की अर्जी लगाई थी. राम रहीम को पैरोल देने में जेल विभाग का कोई रोल नहीं है. पैरोल मिलने के ऑर्डर मिलने के बाद जेल प्रशासन ने राम रहीम को जेल से बाहर निकाला. जेल प्रशासन पर जेल में राम रहीम की रखवाली और देखरेख करने की जिम्मेदारी होती है. राम रहीम के जेल से बाहर जाने के बाद संबंधित अथॉरिटी ही देखरेख करती है.

ये भी पढ़ें- राम रहीम का चुनावी कनेक्शन! ऑनलाइन सत्संग में हरियाणा के डिप्टी स्पीकर ने लगाई हाजिरी

राम रहीम के सत्संग (ranjit chautala on ram rahim satsang) में कई बीजेपी नेता आशीर्वाद मांगने पहुंचे हैं. इसपर जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि राम रहीम के सत्संग के शामिल होने वाले लोगों की ये अपनी निजी आस्था है. जेल से बाहर आने के बाद राम रहीम की निजी जिंदगी है. इसमें कुछ नहीं किया जा सकता.

सिरसा: राम रहीम की पैरोल (ram rahim parole) हरियाणा सरकार के गले की फांस बनती नजर आ रही है. सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि आदमपुर उपचुनाव और पंचायती राज चुनाव में खुद को फायदा पहुंचाने के लिए बीजेपी ने राम रहीम को पैरोल दिलवाई है. ये सवाल इसलिए भी अहम हो जाते हैं क्योंकि जब से राम रहीम पैरोल पर जेल से बाहर आया है. तब से वो ऑनलाइन सत्संग कर रहा है.

जिसमें हरियाणा के डिप्टी स्पीकर, करनाल की मेयर समेत, पंचायती राज संस्थाओं के उम्मीदवार राम रहीम का आशीर्वाद ले रहे हैं. इन्हीं सवालों पर जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने सफाई दी है. हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि राम रहीम की पैरोल (ranjit chautala on ram rahim parole) और आदमपुर उपचुनाव का साथ होना सिर्फ इत्तेफाक है. उपचुनाव को लेकर राम रहीम को पैरोल नहीं दी गई है.

राम रहीम की पैरोल और आदमपुर उपचुनाव एक साथ होना सिर्फ इत्तेफाक- जेल मंत्री

उन्होंने कहा कि ये कोर्ट का मामला है. राम रहीम ने संबंधित अथॉरिटी से पैरोल की अर्जी लगाई थी. राम रहीम को पैरोल देने में जेल विभाग का कोई रोल नहीं है. पैरोल मिलने के ऑर्डर मिलने के बाद जेल प्रशासन ने राम रहीम को जेल से बाहर निकाला. जेल प्रशासन पर जेल में राम रहीम की रखवाली और देखरेख करने की जिम्मेदारी होती है. राम रहीम के जेल से बाहर जाने के बाद संबंधित अथॉरिटी ही देखरेख करती है.

ये भी पढ़ें- राम रहीम का चुनावी कनेक्शन! ऑनलाइन सत्संग में हरियाणा के डिप्टी स्पीकर ने लगाई हाजिरी

राम रहीम के सत्संग (ranjit chautala on ram rahim satsang) में कई बीजेपी नेता आशीर्वाद मांगने पहुंचे हैं. इसपर जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि राम रहीम के सत्संग के शामिल होने वाले लोगों की ये अपनी निजी आस्था है. जेल से बाहर आने के बाद राम रहीम की निजी जिंदगी है. इसमें कुछ नहीं किया जा सकता.

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