सिरसा: प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से बेशक बच्चों को सक्षम बनाने के लिए परीक्षाएं ली जा रही है, लेकिन मजेदार बात है कि ये परीक्षाएं अध्यापकों की ओर से नहीं बल्कि नहरी विभाग के बेलदार, जेई, पटवारी और अन्य विभागों के कर्मचारी ले रहे हैं.
मीडिया ने जब कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें इन परीक्षाओं के बारे में ना तो कोई ट्रेनिंग दी गई है और ना उन्हें कोई जानकारी है, लेकिन सरकार ने ड्यूटी लगाई है तो उसे निभाना पड़ेगा. वहीं अध्यापक संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष बूटा सिंह ने कहा कि ये बच्चों को नर्वस बनाने का सिस्टम है, क्योंकि इसमें मात्र चार ऑप्शन में से एक ऑप्शन क्लिक करना है. इससे बच्चों का मानसिक संतुलन खराब किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि ये बच्चों पर बिना वजह के एक दबाव है, क्योंकि सुबह 7:30 बजे बच्चों ने स्कूल में आना है, उसके बाद परीक्षाएं देनी है. 4 दिन के बाद अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू होने का समय है. उन्होंने बताया कि 20 तारीख से अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी है. अभी उनकी तैयारी जरूरी थी और विभाग की ओर से निजी कंपनियों को ठेका देकर उन्हें लाभ पहुंचाया जा रहा है.
सभी टीचर्स पर सवालिया निशान खड़े किए जा रहे हैं. इसी कारण से दूसरे विभागों के कर्मचारी और अधिकारी तैनात करके बच्चों की परीक्षाएं ली जा रही हैं. सूत्र बताते हैं कि परीक्षा लेने का प्रोफॉर्मा दूसरे अधिकारियों को भरना तक नहीं आ रहा है. जिसे अध्यापक ही भर कर दे रहे हैं. अब दूसरे विभागों के कर्मचारी और अधिकारी करें भी तो क्या करें, क्योंकि सरकार का डंडा है और उनकी पालना करना मजबूरी है.