सिरसा: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा के 1983 पीटीआई टीचर्स को हटाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. गुरुवार को सिरसा में पीटीआई टीचर्स ने 11वें दिन भी अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा. मांग पूरी नहीं होता देख अब 5 पीटीआई टीचर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं.
इस दौरान महिला टीचर्स ने थाली बजाकर हरियाणा सरकार के खिलाफ रोष जताया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पीटीआई टीचर्स ने हरियाणा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग जल्द नहीं मानी गई तो राज्य कमेटी के आह्वान पर सरकार के खिलाफ जल्द ही रणनीति बनाई जाएगी.
पीटीआई टीचर सत्यपाल ने बताया कि वो अपने साथियों सहित पिछले 11 दिनों से सिरसा के लघु सचिवालय के सामने धरने पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने 1983 पीटीआई टीचर्स को हटाकर उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा कर दिया है. सरकार उनकी नौकरी की बहाली की मांग को दरकिनार कर रही है.
क्या है पूरा मामला?
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.
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याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा. बाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर हरियाणा सरकार ने 1983 पीटीआई टीचर्स को बर्खास्त कर दिया.