सिरसा: गुलाबी सुंडी से खराब हुई फसलों (sirsa crop pink worm attack) के मुआवजे की मांग को लेकर बुधवार को किसानों ने सिरसा के लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर पहुंचे थे. पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन लघु सचिवालय के मैन गेट को धक्का मारकर किसान अंदर घुस गए और डीसी कार्यालय के बाहर ही कुछ देर के लिए धरना दे दिया. इस दौरान किसानों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
किसान सिकंदर सिंह रोड़ी और मेजर सिंह ने बताया कि पिछले दिनों गुलाबी सुंडी से काफी संख्या में किसानों की फसल खराब हुई है. जिसकी सरकार विशेष गिरदावरी करवाकर 50 हजार रुपये का मुआवजा दे. उन्होंने कहा कि सरकार को मजदूरों को भी प्रति एकड़ के हिसाब से 20 हजार रुपये का मुआवजा देना होगा. किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए लघु सचिवालय में पुलिस दलबल मौजूद था. किसानों ने लघु सचिवालय में डीसी को अपनी मांगों के प्रति ज्ञापन सौंपा और मुआवजे की मांग की. किसानों ने हरियाणा सरकार से 50 हजार रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा देने की मांग की है.
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बता दें कि, गुलाबी सुंडी कपास की खेती में पाया जाने वाला एक कीट है. वयस्क कीट एक छोटा, पतला, धूसर रंग का छब्बेदार पंखों वाला पतंगा होता है. लार्वा एक धुंधले सफेद रंग की आठ जोड़ी पैरों वाली इल्ली होती है, जिसके धड़ पर स्पष्ट गुलाबी रंग की पट्टियां होती है. लार्वा आधा इंच तक लंबा हो सकता है. वहीं मादा सुंडी कपास के डेंडू पर अंडे देती है और अंडों से लार्वा निकलने पर वे डेंडुओं को खाकर उन्हें नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं. कपास के रेशे को चबाते हुए बीजों को अपना आहार बनाते हैं. कपास का इस्तेमाल फायबर, बीज से तेल, दोनों रूपों में होता है इसलिए यहां दोहरा नुकसान होता है.