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Farmers Sedition Case: अनशन पर बैठे किसान नेता बलदेव सिंह की तबीयत फिर बिगड़ी

सिरसा में देशद्रोह मामले में किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest Sedition Case) जारी है. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के आह्वान पर किसानों ने जहां बुधवार को भावदीन, खुईयांमुलकाना और पंजवाना टोल प्लाजा को जाम किया. वहीं अनशन पर बैठे किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा की तबीयत फिर बिगड़ गई.

Farmers Protest Sedition Case
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Published : Jul 21, 2021, 5:13 PM IST

सिरसा: किसानों पर हुए देशद्रोह के मुकदमों (Farmers Sedition Case) का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. गिरफ्तार किसानों की रिहाई और केस हटाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान सिरसा लघु सचिवालय के परिसर के बाहर धरने पर बैठे हैं. साथ ही किसानों और प्रशासन के बीच तीन बार बातचीत भी हो चुकी है, जो अबतक विफल साबित हुई है. वहीं आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा की तबीयत भी बिगड़ रही है.

किसानों की रिहाई और केस हटाने की मांग को लेकर दक्ष प्रजापति चौक किसान बलदेव सिंह सिरसा पिछले चार दिनों से अनशन पर बैठे हैं. बलदेव सिरसा की हालत गंभीर होने लगी है जिसके चलते प्रशासन के प्रति किसानों में रोष पनप रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि एसपी सिरसा कान खोल कर सुन लें कि मेरी मौत का जिम्मेदार कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, गृह मंत्री अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे, जो ये काले कृषि कानून लेकर आए हैं.

अनशन पर बैठे किसान नेता बलदेव सिंह की तबीयत फिर बिगड़ी

उन्होंने आगे कहा कि एसपी सिरसा ने ये कैसे कह दिया कि अगर अनशन के दौरान मुझे कुछ हुआ तो किसानों पर 302 के मुकदमे दर्ज होंगे. मैं इच्छा से आमरण अनशन पर बैठा हूं. तब तक बैठूंगा जब तक मेरे नौजवान किसान रिहा नहीं हो जाते. मैं हिंसा नहीं चाहता इसलिए सब कुछ अपने पर ले लिया, या तो गिरफ्तार किसान रिहा होंगे या मेरी मौत होगी.

ये भी पढ़ें- किसान देशद्रोह मामला: प्रशासन से तीसरी बार की वार्ता विफल, अब किसानों ने किया ये बड़ा ऐलान

गौरतलब है कि 11 जुलाई को हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा की गाड़ी पर हमला किया गया था. डिप्टी स्पीकर की गाड़ी पर उस वक्त हमला हुआ था जब वो हरियाणा के सिरसा जिले में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौट रहे थे.

आरोप है कि कार्यक्रम के बाद जब डिप्टी स्पीकर और अन्य बीजेपी नेता वापस लौट रहे थे तो किसानों ने उनका काफिला रोक दिया और पथराव शुरू कर दिया. आरोप है कि किसानों ने इस दौरान डिप्टी स्पीकर की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए और पुलिस पर भी पथराव किया. किसी तरह पुलिस ने डिप्टी स्पीकर के काफिले को विरोध के बीच वहां निकला था. इस मामले में सिरसा पुलिस की ओर से दो नामजद और करीब 100 किसानों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा पांच किसानों को गिरफ्तार भी किया गया है.

ये भी पढ़ें- देशद्रोह मामला: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने टोल प्लाजा पर किया प्रदर्शन

सिरसा: किसानों पर हुए देशद्रोह के मुकदमों (Farmers Sedition Case) का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. गिरफ्तार किसानों की रिहाई और केस हटाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान सिरसा लघु सचिवालय के परिसर के बाहर धरने पर बैठे हैं. साथ ही किसानों और प्रशासन के बीच तीन बार बातचीत भी हो चुकी है, जो अबतक विफल साबित हुई है. वहीं आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा की तबीयत भी बिगड़ रही है.

किसानों की रिहाई और केस हटाने की मांग को लेकर दक्ष प्रजापति चौक किसान बलदेव सिंह सिरसा पिछले चार दिनों से अनशन पर बैठे हैं. बलदेव सिरसा की हालत गंभीर होने लगी है जिसके चलते प्रशासन के प्रति किसानों में रोष पनप रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि एसपी सिरसा कान खोल कर सुन लें कि मेरी मौत का जिम्मेदार कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, गृह मंत्री अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे, जो ये काले कृषि कानून लेकर आए हैं.

अनशन पर बैठे किसान नेता बलदेव सिंह की तबीयत फिर बिगड़ी

उन्होंने आगे कहा कि एसपी सिरसा ने ये कैसे कह दिया कि अगर अनशन के दौरान मुझे कुछ हुआ तो किसानों पर 302 के मुकदमे दर्ज होंगे. मैं इच्छा से आमरण अनशन पर बैठा हूं. तब तक बैठूंगा जब तक मेरे नौजवान किसान रिहा नहीं हो जाते. मैं हिंसा नहीं चाहता इसलिए सब कुछ अपने पर ले लिया, या तो गिरफ्तार किसान रिहा होंगे या मेरी मौत होगी.

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गौरतलब है कि 11 जुलाई को हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा की गाड़ी पर हमला किया गया था. डिप्टी स्पीकर की गाड़ी पर उस वक्त हमला हुआ था जब वो हरियाणा के सिरसा जिले में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौट रहे थे.

आरोप है कि कार्यक्रम के बाद जब डिप्टी स्पीकर और अन्य बीजेपी नेता वापस लौट रहे थे तो किसानों ने उनका काफिला रोक दिया और पथराव शुरू कर दिया. आरोप है कि किसानों ने इस दौरान डिप्टी स्पीकर की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए और पुलिस पर भी पथराव किया. किसी तरह पुलिस ने डिप्टी स्पीकर के काफिले को विरोध के बीच वहां निकला था. इस मामले में सिरसा पुलिस की ओर से दो नामजद और करीब 100 किसानों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा पांच किसानों को गिरफ्तार भी किया गया है.

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