सिरसा: इस बार सिरसा में पराली की समस्या को लेकर किसान काफी जागरूक नजर आए. साल 2018 के मुकाबले 2019 में किसानों की ओर से मात्र 30 प्रतिशत ही पराली जलाई गई. हरियाणा सरकार और कृषि विभाग द्वारा किसानों को जगरूकता अभियान के बावजूद भी जिन किसानों ने साल पराली जलाई. उन किसानों पर कृषि विभाग ने कड़ी कार्रवाई की.
315 किसानों पर 6 लाख 30 हजार का जुर्माना
विभाग ने इस बार पराली जलने की 480 जगहों को चिन्हित किया था. जिसकी जांच के बाद 110 किसानों के खिलाफ पराली जलाने के आरोप में FIR की गई. साथ ही इसके अलावा 315 किसानों पर कृषि विभाग ने 6 लाख 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
सरकार के खिलाफ किसानों ने खोला मोर्चा
किसानों ने सरकार और प्रशासन की इस करवाई के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि सरकार ने पूरे हरियाणा में पराली जलाने के मामले में 3500 किसानों पर मुकदमें दर्ज किए हैं और जुर्माना लगाया है. जिसे वो जल्द से जल्द वापस ले, नहीं तो वो राज्यस्तरीय धरना प्रदर्शन करेंगे.
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'आपदा से बर्बाद फसल की नहीं होती गिरदावरी'
किसानों का कहना है कि सरकार पराली जलाने के मामले में सैटेलाइट के जरिए निशानदेही कर किसानों पर मुकदमा और जुर्माना लगा देती है लेकिन वहीं जब हमारी फसल ओलावृष्टि या अन्य किस आपदा से खराब होती है तो उसकी महीनों तक गिरदावरी नहीं की जाती. जिसकी वजह से किसानों का मुआवजा सालों तक रुका रहता है.
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