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सिरसा लघु सचिवालय पर किसानों का धरना, स्पेशल गिरदावरी कराने की मांग - Sirsa latest news

सिरसा लघु सचिवालय पर धरने पर बैठे किसानों ने केंद्र और राज्य सरकार से अपनी विभिन्न मांगों को पूरा किए जाने को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने पीएम के नाम ज्ञापन भी सौंपा. (farmers Protest in Sirsa)

farmers Protest in Sirsa
सिरसा लघु सचिवालय पर किसानों का धरना
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Published : Apr 18, 2023, 3:45 PM IST

सिरसा: सिरसा लघु सचिवालय पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने धरना दिया. राष्ट्रीय किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष लखा सिंह अलीकां की अध्यक्षता में किसानों की समस्याओं को लेकर दिए धरने के बाद जिला उपायुक्त को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान लखा सिंह ने आरोप लगाया कि एक तरफ प्राकृतिक आपदा के कारण किसान पहले ही गहरे संकट में हैं.

वहीं, दूसरी ओर किसान हितैषी होने का दम भरने वाली केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है. लखा सिंह ने कहा कि पहले सरकार द्वारा बनाई गई सरकारी सोसायटी किसानों से राशि का ब्याज नहीं लेती थी, लेकिन इस बार सरकार किसानों से ब्याज वसूलने का फरमान जारी कर दिया है, जिससे सरकार का दोगलापन जाहिर हो गया है.

संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने सिरसा लघु सचिवालय के बाहर हरियाणा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. किसानों का आरोप है कि पिछले दिनों हरियाणा के सिरसा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से सैकड़ों एकड़ फसल खराब हो गई थी, जिसकी स्पेशल गिरदावरी कराने के आदेश सरकार ने दिए थे, लेकिन अभी तक स्पेशल गिरदावरी नहीं हुई है.

पढ़ें : Haryana Weather Update: हरियाणा के इन जिलों में बारिश की चेतावनी, येलो अलर्ट जारी

वहीं किसानों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने सभी फसलें एमएसपी पर खरीदने का आश्वासन दिया था. अब मंडियों में सरसों की फसल एमएसपी पर नहीं खरीदी जा रही है. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने जल्द किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया तो आने वाले दिनों में किसान इससे भी तेज आंदोलन करने को मजबूर हो होंगे.

राष्ट्रीय किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष लखा सिंह ने कहा कि केंद्र के खाद्य एवं वितरण मंत्रालय की ओर से वर्ष 2023-24 की गेंहू खरीद के संबंध में दाने के आकार और लस्टर वैल्यू के आधार पर समर्थन मूल्य में कटौती के निर्देश जारी किए जाने से किसानों में भारी रोष है. इस वर्ष बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तीव्र गति से चली हवाओं से कई प्रदेशों में गेहूं और रबी की अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है.

ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को चाहिए था कि किसानों को विशेष राहत प्रदान करे, लेकिन इसके विपरित फसलों में गुणवत्ता के आधार पर वैल्यू कट किये जाने के निर्देश देकर सरकार ने संवेदनहीनता का परिचय दिया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा इस कदम की कड़ी निंदा करता है और इन आदेशों को वापस लेने की मांग करता है. इस दौरान किसान नेता गुरदित्ता और लखविंद्र सिंह ने बताया कि सरसों और गेहूं कटाई का काम चल रहा है.

पढ़ें : भिवानी नई अनाज मंडी में पहुंचा 20 हजार क्विंटल गेहूं, उठान प्रक्रिया धीमी होने से किसान परेशान

अगर ऐसे में बची हुई फसल की भी कटाई हो गई तो सरकार स्पेशल गिरदावरी कैसे करवाएगी. किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द नुकसान का पूरा मुआवजा देने की मांग की है. इसके साथ ही पीएम फसल बीमा योजना के तहत कंपनियों की ओर से नुकसान का क्लेम दिलाने की भी मांग की है. किसानों का आरोप है कि मंडी में गेहूं और सरसों की खरीद को लेकर भी प्रशासन ने उचित प्रबंध नहीं किए हैं.

मंडियों में एमएसपी पर सरसों की खरीद नहीं हो रही है. किसानों को मजबूरन न्यूनतम दामों पर ही अपनी फसल बेचनी पड़ रही है. हरियाणा सरकार ने सहकारी बैंकों से लिए गए फसली ऋणों पर पैक्स के सदस्यों से ब्याज वसूलने का निर्णय लिया है. पिछले 10 सालों से फसली ऋणों पर ब्याज नहीं लिया जा रहा था. किसानों ने कहा कि इस बार किसानों पर पहले से ही मौसम की मार पड़ी है, इसलिए सरकार जल्द अपने इस निर्णय को वापस ले.

सिरसा: सिरसा लघु सचिवालय पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने धरना दिया. राष्ट्रीय किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष लखा सिंह अलीकां की अध्यक्षता में किसानों की समस्याओं को लेकर दिए धरने के बाद जिला उपायुक्त को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान लखा सिंह ने आरोप लगाया कि एक तरफ प्राकृतिक आपदा के कारण किसान पहले ही गहरे संकट में हैं.

वहीं, दूसरी ओर किसान हितैषी होने का दम भरने वाली केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है. लखा सिंह ने कहा कि पहले सरकार द्वारा बनाई गई सरकारी सोसायटी किसानों से राशि का ब्याज नहीं लेती थी, लेकिन इस बार सरकार किसानों से ब्याज वसूलने का फरमान जारी कर दिया है, जिससे सरकार का दोगलापन जाहिर हो गया है.

संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने सिरसा लघु सचिवालय के बाहर हरियाणा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. किसानों का आरोप है कि पिछले दिनों हरियाणा के सिरसा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से सैकड़ों एकड़ फसल खराब हो गई थी, जिसकी स्पेशल गिरदावरी कराने के आदेश सरकार ने दिए थे, लेकिन अभी तक स्पेशल गिरदावरी नहीं हुई है.

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वहीं किसानों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने सभी फसलें एमएसपी पर खरीदने का आश्वासन दिया था. अब मंडियों में सरसों की फसल एमएसपी पर नहीं खरीदी जा रही है. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने जल्द किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया तो आने वाले दिनों में किसान इससे भी तेज आंदोलन करने को मजबूर हो होंगे.

राष्ट्रीय किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष लखा सिंह ने कहा कि केंद्र के खाद्य एवं वितरण मंत्रालय की ओर से वर्ष 2023-24 की गेंहू खरीद के संबंध में दाने के आकार और लस्टर वैल्यू के आधार पर समर्थन मूल्य में कटौती के निर्देश जारी किए जाने से किसानों में भारी रोष है. इस वर्ष बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तीव्र गति से चली हवाओं से कई प्रदेशों में गेहूं और रबी की अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है.

ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को चाहिए था कि किसानों को विशेष राहत प्रदान करे, लेकिन इसके विपरित फसलों में गुणवत्ता के आधार पर वैल्यू कट किये जाने के निर्देश देकर सरकार ने संवेदनहीनता का परिचय दिया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा इस कदम की कड़ी निंदा करता है और इन आदेशों को वापस लेने की मांग करता है. इस दौरान किसान नेता गुरदित्ता और लखविंद्र सिंह ने बताया कि सरसों और गेहूं कटाई का काम चल रहा है.

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अगर ऐसे में बची हुई फसल की भी कटाई हो गई तो सरकार स्पेशल गिरदावरी कैसे करवाएगी. किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द नुकसान का पूरा मुआवजा देने की मांग की है. इसके साथ ही पीएम फसल बीमा योजना के तहत कंपनियों की ओर से नुकसान का क्लेम दिलाने की भी मांग की है. किसानों का आरोप है कि मंडी में गेहूं और सरसों की खरीद को लेकर भी प्रशासन ने उचित प्रबंध नहीं किए हैं.

मंडियों में एमएसपी पर सरसों की खरीद नहीं हो रही है. किसानों को मजबूरन न्यूनतम दामों पर ही अपनी फसल बेचनी पड़ रही है. हरियाणा सरकार ने सहकारी बैंकों से लिए गए फसली ऋणों पर पैक्स के सदस्यों से ब्याज वसूलने का निर्णय लिया है. पिछले 10 सालों से फसली ऋणों पर ब्याज नहीं लिया जा रहा था. किसानों ने कहा कि इस बार किसानों पर पहले से ही मौसम की मार पड़ी है, इसलिए सरकार जल्द अपने इस निर्णय को वापस ले.

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