सिरसा: जिले में खराब हुई कपास की फसल के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने बुधवार को अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों के धरने को पीटीआई अध्यापकों ने भी अपना समर्थन दिया.
दरअसल किसान सिरसा जिले में सफेद मक्खी और उखेड़ा रोग से खराब हुई फसल की विशेष गिरदावरी करवाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि सरकार ने खराब हुई फसल की विशेष गिरदावरी करवाने का ऐलान कर दिया है, लेकिन किसानों ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि जब तक सही ढंग से गिरदावरी नहीं होती और किसानों को उनके खातों में मुआवजा नहीं मिलता. तब तक उनका धरना इसी तरह जारी रहेगा.
अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के अध्यक्ष किसान विकल पचार ने कहा कि सिरसा जिले में सफेद मक्खी व उखेड़े रोग से करीब 70 फीसदी से ज्यादा कपास की फसल बर्बाद हो चुकी है. सरकार द्वारा अभी तक विशेष गिरदावरी के आदेश नहीं दिए हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार विशेष गिरदावरी करवाकर ही किसानों को खराब हुई फसल का 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दे.
साथ ही उन्होंने केंद्र द्वारा हाल में पारित तीन अध्यादेशों को किसान विरोधी बताया और कहा कि सरकार इन्हे शीघ्र वापस ले. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को बजट में 50 प्रतिशत भागीदारी दी जाए.
बता दें कि, खराब हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर किसान पिछले दो दिनों से सिरसा के लघु सचिवालय में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. किसानों ने हरियाणा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गई तो 11 सितंबर को हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के सिरसा आवास का घेराव किया जाएगा.
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