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सिरसा: 120 दिन बाद किसानों का धरना स्थगित, मांग पूरी न होने पर 30 मई से फिर करेंगे आंदोलन

किसानों ने बताया कि वो पिछले 120 दिनों से लगातार धरने पर बैठे थे. इस दौरान विधान सभा चुनाव भी आए और दीवाली का त्योहार भी आया, लेकिन उनका आंदोलन लगातार जारी रहा.

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Published : Nov 25, 2019, 9:09 PM IST

120 दिन बाद किसानों का धरना स्थगित

सिरसा: ऐलनाबाद के बेहरवाला खुर्द गांव के किसानों ने अपना धरना स्थगित कर दिया है. किसान 4 सूत्रीय मांगों लेकर पिछले 120 दिन से धरना दे रहे थे. एक मांग पूरी होने के बाद किसानों ने अपना धरना 30 मई तक के लिए स्थगित किया है.

120 दिन बाद किसानों का धरना स्थगित
किसानों ने बताया कि वो पिछले 120 दिनों से लगातार धरने पर बैठे थे. इस दौरान विधान सभा चुनाव भी आए और दीवाली का त्योहार भी आया, लेकिन उनका आंदोलन लगातार जारी रहा.

120 दिन बाद किसानों का धरना स्थगित

किसानों ने बताया कि उनका धरना 20 जुलाई से शुरू हुआ था. जिला उपायुक्त ने 3 अगस्त को उनकी मांगे मानने का आश्वासन दिया था, लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद किसानों ने अपना धरना 14 अगस्त से फिर शुरू किया.

प्रशासन ने पूरी की किसानों की एक मांग
120 दिन बाद जाकर प्रशासन ने किसानों के सामने झुकते हुए मोघियों को चिन्हित किया है और नहर में लगी अवैध मोघियां उखाड़ी गयी. किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग ने मोघिया उखाड़ने में बहुत देरी की है. धरना दे रहे किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द उनकी तीन मांगें पूरी नहीं की गई और अगर दोबार अवैध मोघिया लगाई गई तो वो अपना 30 मई से दोबारा शुरू कर देंगे.

ये भी पढ़िए: 7 में से 5 निर्दलीय विधायकों को सरकार ने किया एडजेस्ट, बचे 2 को भी बड़े पद दे सकती है सरकार

4 सूत्रीय मांगों को लेकर दे रहे थे धरना

बता दें कि किसान नहर में लगे अवैध मोघियों के हटाने, भृष्ट अधिकारियों पर केस दर्ज करने, ऐलनाबाद डिस्ट्रीब्युटरी को पक्का करने और ऐलनाबाद शहर के जलघर को बुढीमेडी नहर से जोड़ने की मांग को लेकर धरना दे रहे थे.

सिरसा: ऐलनाबाद के बेहरवाला खुर्द गांव के किसानों ने अपना धरना स्थगित कर दिया है. किसान 4 सूत्रीय मांगों लेकर पिछले 120 दिन से धरना दे रहे थे. एक मांग पूरी होने के बाद किसानों ने अपना धरना 30 मई तक के लिए स्थगित किया है.

120 दिन बाद किसानों का धरना स्थगित
किसानों ने बताया कि वो पिछले 120 दिनों से लगातार धरने पर बैठे थे. इस दौरान विधान सभा चुनाव भी आए और दीवाली का त्योहार भी आया, लेकिन उनका आंदोलन लगातार जारी रहा.

120 दिन बाद किसानों का धरना स्थगित

किसानों ने बताया कि उनका धरना 20 जुलाई से शुरू हुआ था. जिला उपायुक्त ने 3 अगस्त को उनकी मांगे मानने का आश्वासन दिया था, लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद किसानों ने अपना धरना 14 अगस्त से फिर शुरू किया.

प्रशासन ने पूरी की किसानों की एक मांग
120 दिन बाद जाकर प्रशासन ने किसानों के सामने झुकते हुए मोघियों को चिन्हित किया है और नहर में लगी अवैध मोघियां उखाड़ी गयी. किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग ने मोघिया उखाड़ने में बहुत देरी की है. धरना दे रहे किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द उनकी तीन मांगें पूरी नहीं की गई और अगर दोबार अवैध मोघिया लगाई गई तो वो अपना 30 मई से दोबारा शुरू कर देंगे.

ये भी पढ़िए: 7 में से 5 निर्दलीय विधायकों को सरकार ने किया एडजेस्ट, बचे 2 को भी बड़े पद दे सकती है सरकार

4 सूत्रीय मांगों को लेकर दे रहे थे धरना

बता दें कि किसान नहर में लगे अवैध मोघियों के हटाने, भृष्ट अधिकारियों पर केस दर्ज करने, ऐलनाबाद डिस्ट्रीब्युटरी को पक्का करने और ऐलनाबाद शहर के जलघर को बुढीमेडी नहर से जोड़ने की मांग को लेकर धरना दे रहे थे.

Intro:एंकर - ऐलनाबाद के गांव बेहरवाला खुर्द में पिछले चार महीनों से चल रहा किसानों का धरना आज स्थगित कर दिया गया है। किसान लगातार 4 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे। जिसमें नहर में लगे नाजायज राईस सूटों को बंद करवाना, भृष्ट अधिकारियों पर केस दर्ज करना, ऐलनाबाद डिस्ट्रीब्युटरी को पक्का करना व ऐलनाबाद शहर के जलघर को बुढीमेडी नहर से जोडना मांगे थी। चार महीनों तक प्रशासन ने किसानों की मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसे में किसानों के दिन प्रतिदिन बढते आंदोलन को देख प्रशासन ने नाजायज राईस सूटों को बंद करवा दिया और किसानों से बची हुई तीन मांगों के लिए समय मांगा ऐसे में किसानों ने प्रशासन को 30 मई तक का समय देते हुए अपना धरना स्थगित कर दिया।

Body:वीओ- किसानों का कहना है कि वे पिछले 120 दिनों से लगातार धरने पर बैठे हैं इस दौरान विधान सभा चुनाव भी आए और दीवाली का त्यौहार भी आया लेकिन किसानों का आंदोलन लगातार जारी रहा। किसानों का कहना है कि सर्वप्रथम उनका धरना 20 जुलाई को शुरू हुआ था जिस पर जिला उपायुक्त ने 3 अगस्त को उनकी मांगे मानने का आश्वासन दिया था लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो किसानों ने अपना धरना 14 अगस्त को फिर से शुरू कर दिया। उसके बाद ना तो उनके पास अधिकारी आए और ना ही नेता। किसान अपना आंदोलन शांतिप्रिय तरीके से चलाते रहे। लेकिन जैसे ही प्रशासन ने अवैध राईस सूटों पर एक्शन लेते हुए शेश कार्यों के लिए किसानों से समय मांगा तो किसानों ने 6 महीनों के लगभग समय देते हुए अपना धरना स्थगित कर दिया है। साथ ही किसानों का कहना है कि किसान धरने पर हरियाणा सरकार जिंदाबाद के नारे नहीं लगे और तब तक नहीं लगेंगे जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती। इसके साथ ही किसानों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि इस समय सीमा के दौरान उनकी मांगे पूरी नहीं होती तो आने वाले समय में वे अधिकारियों के आवास के आगे धरना देंगे। और इससे भी तेज आंदोलन की शुरूआत करेंगे जिसके जिम्मेवाद अधिकारी व सरकार होगी।

बाईट - भीम सेन, मंगल सिंह, रमेश, सुभाश किसान।
Conclusion:
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