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कृषि कानून रद्द होने के बाद भी सिरसा में किसानों को मिल रहे समन

सिरसा में कई किसानों को किसान आंदोलन के दौरान हुए मुकदमों को लेकर समन भेजे जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के दौरान आंदोलन के चलते किसानों पर हुए मुकदमों को भी खारिज करने की बात कही गई थी, फिर समन क्यों भेजे जा रहे हैं.

sirsa farmers getting summons
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Published : Apr 11, 2022, 4:19 PM IST

सिरसा: केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों का किसानों द्वारा बढ़ चढ़कर विरोध किया गया था. करीबन 1 वर्ष के आसपास किसानों द्वारा दिल्ली के बॉर्डर पर पक्का मोर्चा लगाया गया था. दिल्ली के साथ-साथ किसानों द्वारा हरियाणा-पंजाब में भी लगातार बीजेपी-जेजेपी के नेताओं का विरोध किया गया. जिसके चलते सरकार द्वारा कई किसानों पर मुकदमें भी किए गए थे. हालांकि सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया गया और आंदोलन के चलते किसानों पर हुए मुकदमों को भी खारिज करने की बात कही गई थी.

बावजूद इसके किसानों पर हुए मुकदमों को लेकर अभी भी सरकार द्वारा किसानों को समन भेजे जा रहे हैं. सिरसा के गांव थराज के 6 किसानों के नाम समन भेजे गए हैं. समन भेजे गए किसानों में से 6 नामजद हैं बाकी अन्य हैं. कुल 100 किसानों के पास समन भेजा गया है. जिसके चलते आज हरियाणा किसान मंच द्वारा सिरसा की जाट धर्मशाला में बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में हरियाणा किसान मंच के तमाम सदस्य मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें- किसानों ने एक बार फिर अंबाला का शम्भू टोल प्लाजा किया फ्री, ये हैं मांगें

हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा ने बताया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा आंदोलन चलाया गया था. उस आंदोलन में हमारे कई किसानों पर मुकदमें हुए थे. उन्होंने बताया कि आंदोलन रद्द होने के साथ-साथ किसानों पर हुए मुकदमों को भी सरकार ने खारिज करने की बात कही थी. मुकदमें खारिज करने की बजाय अब किसानों को समन भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसी के साथ-साथ फसल खराबी को लेकर मुआवजा, बुढ़ापा पेंशन आदि कुछ मांगों को लेकर हमने 18 दिनों तक लघु सचिवालय के बाहर धरना दिया था जिसके बाद सरकार ने हमने आश्वासन दिया था कि मार्च के अंत तक मुआवजा दे दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा वायदा करने के बावजूद भी मांगें पूरी नहीं हो रही हैं. इन्हीं मुद्दों को लेकर आज हमने बैठक की है.

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सिरसा: केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों का किसानों द्वारा बढ़ चढ़कर विरोध किया गया था. करीबन 1 वर्ष के आसपास किसानों द्वारा दिल्ली के बॉर्डर पर पक्का मोर्चा लगाया गया था. दिल्ली के साथ-साथ किसानों द्वारा हरियाणा-पंजाब में भी लगातार बीजेपी-जेजेपी के नेताओं का विरोध किया गया. जिसके चलते सरकार द्वारा कई किसानों पर मुकदमें भी किए गए थे. हालांकि सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया गया और आंदोलन के चलते किसानों पर हुए मुकदमों को भी खारिज करने की बात कही गई थी.

बावजूद इसके किसानों पर हुए मुकदमों को लेकर अभी भी सरकार द्वारा किसानों को समन भेजे जा रहे हैं. सिरसा के गांव थराज के 6 किसानों के नाम समन भेजे गए हैं. समन भेजे गए किसानों में से 6 नामजद हैं बाकी अन्य हैं. कुल 100 किसानों के पास समन भेजा गया है. जिसके चलते आज हरियाणा किसान मंच द्वारा सिरसा की जाट धर्मशाला में बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में हरियाणा किसान मंच के तमाम सदस्य मौजूद रहे.

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हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा ने बताया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा आंदोलन चलाया गया था. उस आंदोलन में हमारे कई किसानों पर मुकदमें हुए थे. उन्होंने बताया कि आंदोलन रद्द होने के साथ-साथ किसानों पर हुए मुकदमों को भी सरकार ने खारिज करने की बात कही थी. मुकदमें खारिज करने की बजाय अब किसानों को समन भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसी के साथ-साथ फसल खराबी को लेकर मुआवजा, बुढ़ापा पेंशन आदि कुछ मांगों को लेकर हमने 18 दिनों तक लघु सचिवालय के बाहर धरना दिया था जिसके बाद सरकार ने हमने आश्वासन दिया था कि मार्च के अंत तक मुआवजा दे दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा वायदा करने के बावजूद भी मांगें पूरी नहीं हो रही हैं. इन्हीं मुद्दों को लेकर आज हमने बैठक की है.

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