सिरसा: नौकरी से हटाए गए स्वास्थ्य विभाग में ठेकारत कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इतना ही नहीं प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने अपने खून से स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के नाम पत्र लिखकर प्रशासनिक अधिकारियों का सौंपा.
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें विभाग द्वारा मनमर्जी कर नौकरी से हटाया गया है और रिश्वत लेकर नई दूसरे लोगों की भर्ती की गई हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना संकट काल में उनके साथ अन्याय हुआ है. इसी के विरोध में पहले भी ठेकारत स्वास्थ्य कर्मियों ने अर्धनग्न होकर क्रमिकअनशन किया था, जिसके बाद एसडीएम जयवीर यादव ने कंपनी के मैनेजर को बुलाकर इन कर्मचारियों को दोबारा से नौकरी पर रखने और इनका बकाया वेतन देने के आदेश दिए थे.
लेकिन आदेश के बावजूद इन कर्मचारियों को नौकरी पर कंपनी ने वापस नहीं रखा. इसी के विरोध में ये कर्मचारी दोबारा अर्धनग्न होकर लघुसचिवालय में तपती धूप में धरने पर बैठे हैं. गुरुवार को चौथे दिन इन कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री को खून से लिखकर पत्र भेजा है. जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में भ्र्ष्टाचार की जांच करवाने और उन्हें दोबारा नौकरी पर रखने की मांग की है.
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धरने पर बैठे सुनील गोदारा ने बताया कि अस्पताल में ठेकेदारों के साथ गलत हुआ है. निकाले गए कर्मचारी कंपनी की मनमर्जी का शिकार हुए हैं. ये ठेकेदार नई भर्तियों के नाम पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर रिश्वत ले रहे हैं. पुराने कर्मचारियों को नौकरी से हटाया जा रहा है.