सिरसा: हरियाणा सिख समाज के प्रधान व गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य दीदार सिंह नलवी ने आज सिरसा में गुरद्वारा चिल्ला साहिब में मीडिया को संबोधित करते हुए हरियाणा सरकार द्वारा गठित हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को गौर कानूनी बताते हुए जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सरेआम अवहेलना कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस कमेटी को भंग कर तत्काल प्रभाव से नई कमेटी का गठन करना चाहिए. अगर सरकार ने नई कमेटी का गठन नहीं किया तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
दीदार सिंह नलवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर माह में हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पक्ष में फैसला दिया था. 22 सालों की लड़ाई के बाद हरियाणा सरकार ने एक 38 सदस्यीय कमेटी का गठन किया, जो कि बिना सिख समाज से सलाह मशविरा किए बना दी गई. उन्होंने कहा कि उक्त कमेटी के चुनाव का एजेंडा विधानसभा में पारित किया गया था, जिसमें कुछ शर्तें भी रखी गई थीं. उन्होंने कहा कि शर्त के मुताबिक कमेटी का प्रधान किसी महंत को नहीं बनाया जा सकता.
उन्होंने कहा कि शर्त के अनुसार, कमेटी का सदस्य वही व्यक्ति बन सकता है, जो अमृतधारी सिख हो, किसी प्रकार का नशा न करता हो और वह पंजाबी गुरुमुखी का अच्छा ज्ञाता हो, लेकिन यहां सरकार ने सभी नियमों व कानून को ताक पर रखकर जो नई कमेटी बनाई है, उसमें शामिल सदस्य इस कमेटी के सदस्य बनने लायक नहीं है, क्योंकि इनमें से अधिकतर सदस्य सरकारी सोच के हैं और न ही एक्ट की शर्तों के मुताबिक हैं और तो और कुछ सदस्यों पर तो अलग-अलग प्रकार का नशा करने के आरोप हैं, जबकि सरेआम सिख धर्म के साथ खिलवाड़ है.
दीदार सिंह नलवी ने कहा कि, गुरुद्वारों के गुल्लक में हर माह 8 से 9 करोड़ रुपए की राशि एकत्रित होती है, लेकिन हैरानी की बात है कि अभी तक सरकार हरियाणा के गुरुद्वारों का चार्ज शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से नहीं ले पाई है. अगर सरकार ने उनसे गुरुद्वारों का चार्ज नहीं ले सकती तो फिर बादल परिवार से इस लड़ाई को लड़ने का कोई औचित्य ही नहीं है. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द से जल्द इस कमेटी को भंग कर 6 माह में चुनाव करवाकर नई कमेटी का गठन किया जाए. अन्यथा सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
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