सिरसा: डेरा सच्चा सौदा की गद्दी को लेकर आ रही अफवाहों पर अब खुद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने ही विराम लगा दिया है. चीफ राम रहीम ने साफ कर दिया है कि वे डेरा की गद्दी पर बने रहेंगे. रोहतक की सुनारिया जेल (Rohtak Sunaria Jail) से डेरा के दूसरे गद्दीनशीन शाह सतनाम महाराज के अवतार माह और नए साल पर डेरा प्रेमियों के नाम लिखी चिठ्ठी में गुरमीत राम रहीम ने स्पष्ट किया कि वे गुरु थे और वे ही गुरु रहेंगे. उन्होंने यह भी लिखा कि एमएसजी गुरु के रूप में वह अपने अनुयायियों को प्रवचन देते रहेंगे.
दरअसल डेरा सच्चा सौदा की गद्दी को लेकर कई तरह की खबरें पिछले कुछ समय से चर्चा में बनी हुई हैं. ऐसी भी चर्चा सामने आई थी कि डेरा प्रमुख की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत को डेरा सच्चा सौदा की गद्दी सौंपी जा सकती है. ऐसे संकेतों को उस समय बल मिला जब डेरा प्रमुख की बेटियां अमरप्रीत इन्सां चरणप्रीत इन्सां दोनों दामाद और उनके बच्चे डेरा सच्चा सौदा सिरसा मुख्यालय से विदेश में सैटल हो गए. फिलहाल डेरा के शाही परिवार में डेरा प्रमुख की मां और पत्नी के अलावा बेटा जसमीत इन्सां और उनका परिवार है.
डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय सिरसा में है और साल 1990 में राम रहीम ने 23 साल की उम्र में डेरा की गद्दी संभाली थी. अभी कुछ समय पहले राम रहीम 40 दिन की फरलो पर जेल से बाहर आए थे. इस दौरान वे उत्तरप्रदेश के बरनावा आश्रम में रुके थे. इस दौरान शाही परिवार के कुछ सदस्यों के अलावा हनीप्रीत भी उनके साथ थी. इस दौरान डेरा प्रमुख ने सत्संग भी किए और हनीप्रीत का नाम बदलकर उन्होंने रूहानी दीदी रखा था.
इससे पहले इसी साल डेरा प्रमुख (Dera Sacha Sauda Chief Gurmeet Ram Rahim) ने अपनी फैमिली आईडी में भी कुछ अपडेट किया था. तभी से लेकर यह चर्चा जारी थी कि डेरा सच्चा सौदा को एक तरीके से हनीप्रीत ही संचालित कर रही हैं. हनीप्रीत मूल रूप से फतेहाबाद की रहने वाली हैं. उनका असली नाम प्रियंका तनेजा है. वह पढ़ाई के सिलसिले में डेरा सच्चा सौदा के स्कूल में आई थीं. इसके बाद वे डेरा के अनुयायी बन गई. उनका परिवार पहले से ही डेरा से जुड़ा हुआ था.
डेरा से जुड़ने के बाद साल 1999 में वैलेंटाइन डे के दिन डेरा प्रमुख राम रहीम ने ही हनीप्रीत की शादी घरौंडा के व्यापारी विश्वास गुप्ता के साथ करवाई थी. हालांकि बाद में विश्वास गुप्ता और हनीप्रीत का तलाक हो गया था. हनीप्रीत के पिता और भाई डेरा में बड़ा कारोबार संभालते हैं. हनीप्रीत ही वह शख्स है जो बाबा को फिल्मों में लेकर आईं. पिछले कुछ समय से भी यह कयास लगाए गए थे कि डेरा प्रमुख की गद्दी में जल्दी ही बदलाव हो सकता है, लेकिन अब राम रहीम ने एक बार फिर से चिठ्ठी के जरिए साफ कर दिया है कि वहीं डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बने रहेंगे. बता दें कि डेरा सच्चा सौदा का हेड क्वार्टर हरियाणा के सिरसा में है.
ये लिखा है चिठ्ठी में: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने चिठ्ठी में लिखा है कि जब हम 40 दिन पैरोल पर रहे तो आप सबने नशा व बुराइयों को छुड़वा कर लाखों लोगों को राम नाम से जोड़ा. यह सेवा बहुत ही महान व सर्वश्रेष्ठ है. हम आपके गुरु होने के नाते आपको वचन करते हैं कि जिसने एक भाई बहन का नारा व बुराई छुड़वाने की सेवा की प्रभु उसे अंदर बाहर सैकड़ों खुशियां प्रदान करेंगे. हम ही गुरु थे हम ही गुरु हैं और हम ही गुरु रहेंगे. मानवता व सृष्टि की भलाई के साथ संगत के लिए सेवा सिमरन एकता के वचन आपके सामने आकर गुरु के रूप में हम ही करेंगे और कोई भी आपको कुछ भी कहे आप उसकी बातों में मत आना.
दोषी करार देने के बाद हुई थी हिंसा: 25 अगस्त 2017 को डेरा प्रमुख को साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकूला की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था और 28 अगस्त 2017 को उन्हें 20 साल की सजा सुनाई थी. जब डेरा प्रमुख को दोषी करार दिया गया तो पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में हिंसा हुईं. हरियाणा के पंचकूला में 32 लोग जबकि सिरसा में 6 लोग मारे गए. करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा. सबसे अधिक नुकसान रेलवे और बीएसएनल को पहुंचा था.
ऐसे मिलती रही पैरोल: डेरा प्रमुख को सबसे पहले 24 अक्तूबर 2020 को अपनी बीमार मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल दी गई थी. इससे पहले 12 मई 2021 को उनकी तबीयत बिगड़ने पर पीजीआई रोहतक ले जाया गया. 17 मई 2021 को बीमार मां से मिलने के लिए उन्हें फिर से पैरोल दी गई. 3 जून 2021 को तबीयत बिगड़ने पर फिर से पीजीआई रोहतक ले जाया गया और 6 जून 2021 को गुरुग्राम के मेदांता में दाखिल करवाया गया. साध्वी यौन शोषण मामले में रोहतक सुनारिया जेल में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम को पहली बार 21 दिन के लिए 7 फरवरी 2022 को फरलो मिली थी. इसके बाद 17 जून को 30 दिन के लिए पैरोल मिली. बाद में अक्तूबर 2022 में राम रहीम को फिर से 40 दिन की पैरोल दी गई थी. इन 40 दिनों में राम रहीम ने गीत भी गाए वीडियो भी बनाए और सत्संग भी किए थे.
ये है डेरा का शाही परिवार: गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय सिरसा में हैं. देशभर में डेरा के 1000 से अधिक नाम चर्चा हर घर हैं जबकि कई बड़े शहरों में डेरे बने हुए हैं.
मस्ताना महाराज ने की थी स्थापना: डेरा सच्चा सौदा का हैडक्वार्टर सिरसा में है. 1948 में मस्ताना महाराज ने डेरा की स्थापना की थी. 1960 में शाह सतनाम इस डेरे के गद्दीनशीन बने. इसके बाद साल 1990 में महज 23 साल की आयु में गुरमीत सिंह इस डेरे के प्रमुख बने. गुरमीत के डेरा चीफ बनने के बाद ही डेरा में राजनीतिक गतिविधियों का सिलसिला शुरू हुआ. 23 सितम्बर 1990 को गुरमीत राम रहीम डेरा सच्चा सौदा के चीफ बन गए. गुरमीत राम रहीम ने डेरा की गद्दी संभालते ही कमर्शियल गतिविधियों का सिलसिला शुरू कर दिया. गद्दी संभालने के कुछ समय बाद उन्होंने डेरा में एक वातानुकूलित मार्केट का निर्माण करवाया. दो मंजिला इमारत में करीब 100 से अधिक दुकानें थीं. अब इस मार्केट को नए सिरे से बनाया गया.
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ऐसे बढ़ता गया डेरे का दायरा: इसके अलावा डेरा में एक आधुनिक रेस्टोरेंट बनाया गया. कशिश नाम से बना यह रेस्टोरेंट एक तरह से छोटे से कृत्रिम जलाशय के बीच बना हुआ है. यहां पर बोटिंग के अलावा एक पार्क और एक वाटर पार्क भी बनवाया गया. इसी रेस्टोरेंट परिसर में ही एक होटल का निर्माण भी कराया गया. डेरा में दो स्कूल व दो कालेज बनाए गए. इसके बाद तो सिलसिला बढ़ता चला गया. डेरा में हर साल विशेष अवसरों पर भंडारे होने लगे. भंडारों में भीड़ जुटने लगी. डेरा की आमदनी बढ़ने लगी. कुछ समय बाद डेरा सच्चा सौदा को शिफ्ट गांव बेगू से आगे नेजिया गांव के पास शिफ्ट कर दिया गया.
नए डेरा में राम रहीम ने सात अजुबाघर बनवाए. एक आयुर्वेदिक अस्पताल बनवाया. यहीं पर अपना, अपनी बेटियों के फार्महाउस बनाए. तीन कॉलोनियों विकसित कर दी. एक मल्टीस्पैशलिटिी अस्पताल बनवा दिया. 50 एकड़ में सत्संग स्थल बना दिया. आसपास की जमीन डेरा खरीदने लगा. डेरा के पास कुल 900 एकड़ जमीन है. इसमें से 750 एकड़ सिरसा डेरा मुख्यालय में है.
200 एकड़ में भवन हैं तो शेष पर खेती होती है. यहां पर बागवानी के अलावा सब्जियों ऐलोवेरा फूलों के अलावा फलों की खेती होती है. डेरा प्रमुख के जेल चले जाने के बाद डेरा की खेती पर भी संकट साफ नजर आया. खैर डेरा सच्चा सौदा साल 2005 तक एक अलग ही दुनिया बन चुका था. यह एक तरह से बाबा की नई सल्तनत के रूप में विकसित हो गया. सात अजूबा घर फाइव स्टार होटल माही सिनेमा बेशुमार दुकानें कैंटीन से लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम से लेकर खेल गांव तक यहां बना दिया गया.