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Chemicals used in vegetable: हरी सब्जियां भी पहुंचा सकती हैं आपकी सेहत को नुकसान, कैसे? पढ़ें पूरी खबर

हरी सब्जियों को बनाने से पहले उसे जांच परख जरूर लें क्योंकि बाजारों में मिलने वाली सब्जियों में रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल किया जा रहा (Disadvantages of chemical rich vegetables) है. जो आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है.

Chemicals used in vegetables
सब्जियों में रसायन का इस्तेमाल
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Published : Sep 29, 2022, 12:05 PM IST

Updated : Sep 29, 2022, 12:44 PM IST

सिरसा: हरी सब्जियां खाने के शौकीन जरा सावधान हो जाएं क्योंकि स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानी जाने वाली सब्जियां आपके सेहत को नुकसान पहुंचा (Disadvantages of chemical rich vegetables) सकती है. ऐसा हम नहीं बल्कि वैज्ञानिक का मानना है. दरअसल, सब्जियों को तैयार करने के लिए जिस रसायन का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह सेहत के लिए अच्छा नहीं है. बागवानी विभाग की लैब टेस्टिंग से ये जानकारी मिली है कि प्याज आलू और हरी सब्जियों में रसायन की मात्रा ज्यादा पाई जाती है. बागवानी विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक पिछले साल सिरसा फतेहाबाद और हिसार से 500 सेंपल लिए गए, जिसमे से 35 सैंपल में कीटनाशक की मात्रा ज्यादा पाई गई. लेकिन उस समय ये सेंपल फेल पाए (Chemicals used in vegetables) गए.

इस साल लिए गए 11 जिलों के 440 सेंपल (vegetables sample in Sirsa) में से 40 की बात करें तो हरी सब्जियों में भिंडी, पालक, प्याज, आलू और किन्नू के सैंपल फेल पाए गए. वहीं कुछ जगह धान के सैंपल भी फेल हुए हैं. गौरतलब है कि सब्जियों में तय मात्रा से ज्यादा कीटनाशक का प्रयोग करने से लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है.

प्रदेश सरकार की तरफ से धान सब्जियों और फ्रूट पर कीटनाशक के प्रभाव की टेस्टिंग के लिए सिरसा और घरौंदा में लैब की स्थापना की गई है. दोनों लैब को 11 जिले दिए गए हैं. जहां से कृषि विभाग के अधिकारी सैंपल जमा करते हैं और उसमें कीटनाशक की मात्रा को जांचा जाता है. इस लैब में किसान खुद भी अपनी फसल की गुणवत्ता की जांच करा सकते हैं और ये बिल्कुल फ्री है. इस लैब में फसल सब्जियों और फ्रूट्स पर छिड़के जाने वाले कीटनाशक की मात्रा की जांच की जाती है. वहीं विभाग की तरफ से किसानो को ज्यादा कीटनाशक स्प्रे इस्तेमाल ना करने के प्रति जागरूक करने के लिए समय-समय पर कैंप का आयोजन भी किया जाता है.

सिरसा में स्थित गुणवत्ता जांच केंद्र में वैज्ञानिक डॉ. दीक्षा तिन्ना ने बताया कि पिछले साल से ही विभाग की तरफ से फसलों पर कीटनाशक की प्रभाव की जांच शुरू की गई है. डॉ. दीक्षा तिन्ना ने बताया कि इसमें सिरसा हिसार और फतेहाबाद जिलों से 500 सेंपल लिए गए थे, उसमे 35 सेंपल फेल पाए गए. उन्होंने बताया कि सिरसा में जो 14 सेंपल फेल हुए उसमें धान के 7 किन्नू के 4 और आलू के ज्यादातर सैंपल फेल हुए थे.

केमिकल युक्त सब्जियों के नुकसान

वहीं दीक्षा तिन्ना ने बताया कि इस साल 11 जिले जिसमें भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, हिसार, रोहतक, सिरसा, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, जींद, कैथल से सैंपल लिए गए, जिसमें से हरी मिर्च और प्याज के सैंपल फेल पाए गए. वहीं डॉ. दीक्षा ने बताया कि इस साल अब तक सब्जियों के 440 सैंपल की जांच की जा चुकी है. जिसमे से 20 सैंपल फेल पाये हैं. उसमे ज्यादा फेल सेंपल प्याज और चिल्ली हरी मिर्च के आये हैं. वहीं ग्रीन वेजिटेबल में भिंडी और पालक के सैंपल फेल पाए गए है. साथ ही उन्होंने बताया कि जिस किसान के सैंपल फेल आ रहे हैं. उन्हें इसके प्रति जागरूक भी किया जा रहा है कि वे ज्यादा कीटनाशक का प्रयोग न करें.

सिरसा: हरी सब्जियां खाने के शौकीन जरा सावधान हो जाएं क्योंकि स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानी जाने वाली सब्जियां आपके सेहत को नुकसान पहुंचा (Disadvantages of chemical rich vegetables) सकती है. ऐसा हम नहीं बल्कि वैज्ञानिक का मानना है. दरअसल, सब्जियों को तैयार करने के लिए जिस रसायन का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह सेहत के लिए अच्छा नहीं है. बागवानी विभाग की लैब टेस्टिंग से ये जानकारी मिली है कि प्याज आलू और हरी सब्जियों में रसायन की मात्रा ज्यादा पाई जाती है. बागवानी विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक पिछले साल सिरसा फतेहाबाद और हिसार से 500 सेंपल लिए गए, जिसमे से 35 सैंपल में कीटनाशक की मात्रा ज्यादा पाई गई. लेकिन उस समय ये सेंपल फेल पाए (Chemicals used in vegetables) गए.

इस साल लिए गए 11 जिलों के 440 सेंपल (vegetables sample in Sirsa) में से 40 की बात करें तो हरी सब्जियों में भिंडी, पालक, प्याज, आलू और किन्नू के सैंपल फेल पाए गए. वहीं कुछ जगह धान के सैंपल भी फेल हुए हैं. गौरतलब है कि सब्जियों में तय मात्रा से ज्यादा कीटनाशक का प्रयोग करने से लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है.

प्रदेश सरकार की तरफ से धान सब्जियों और फ्रूट पर कीटनाशक के प्रभाव की टेस्टिंग के लिए सिरसा और घरौंदा में लैब की स्थापना की गई है. दोनों लैब को 11 जिले दिए गए हैं. जहां से कृषि विभाग के अधिकारी सैंपल जमा करते हैं और उसमें कीटनाशक की मात्रा को जांचा जाता है. इस लैब में किसान खुद भी अपनी फसल की गुणवत्ता की जांच करा सकते हैं और ये बिल्कुल फ्री है. इस लैब में फसल सब्जियों और फ्रूट्स पर छिड़के जाने वाले कीटनाशक की मात्रा की जांच की जाती है. वहीं विभाग की तरफ से किसानो को ज्यादा कीटनाशक स्प्रे इस्तेमाल ना करने के प्रति जागरूक करने के लिए समय-समय पर कैंप का आयोजन भी किया जाता है.

सिरसा में स्थित गुणवत्ता जांच केंद्र में वैज्ञानिक डॉ. दीक्षा तिन्ना ने बताया कि पिछले साल से ही विभाग की तरफ से फसलों पर कीटनाशक की प्रभाव की जांच शुरू की गई है. डॉ. दीक्षा तिन्ना ने बताया कि इसमें सिरसा हिसार और फतेहाबाद जिलों से 500 सेंपल लिए गए थे, उसमे 35 सेंपल फेल पाए गए. उन्होंने बताया कि सिरसा में जो 14 सेंपल फेल हुए उसमें धान के 7 किन्नू के 4 और आलू के ज्यादातर सैंपल फेल हुए थे.

केमिकल युक्त सब्जियों के नुकसान

वहीं दीक्षा तिन्ना ने बताया कि इस साल 11 जिले जिसमें भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, हिसार, रोहतक, सिरसा, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, जींद, कैथल से सैंपल लिए गए, जिसमें से हरी मिर्च और प्याज के सैंपल फेल पाए गए. वहीं डॉ. दीक्षा ने बताया कि इस साल अब तक सब्जियों के 440 सैंपल की जांच की जा चुकी है. जिसमे से 20 सैंपल फेल पाये हैं. उसमे ज्यादा फेल सेंपल प्याज और चिल्ली हरी मिर्च के आये हैं. वहीं ग्रीन वेजिटेबल में भिंडी और पालक के सैंपल फेल पाए गए है. साथ ही उन्होंने बताया कि जिस किसान के सैंपल फेल आ रहे हैं. उन्हें इसके प्रति जागरूक भी किया जा रहा है कि वे ज्यादा कीटनाशक का प्रयोग न करें.

Last Updated : Sep 29, 2022, 12:44 PM IST
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