सिरसा: किसान आंदोलन को लेकर विपक्षी नेता सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं. वहीं पूर्व कांंग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने सरकार के साथ-साथ कांग्रेस पर भी निशाना साधा है. सिरसा में पूर्व कांंग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने सरकार व किसानों के बीच हुई बातचीत को लेकर बयान भी दिया है.
उन्होंने कहा कि बातचीत मात्र औपचारिकता है और किसानों के प्रति सरकार संवेदनशील नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार पूंजीपतियों के दबाव में ये कानून वापस नहीं ले रही है. अशोक तंवर बुधवार को सिरसा में एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून किसान व मजदूर का शोषण करने वाले व प्राकृतिक सम्पदा का दोहन करने वाले कानून हैं. सरकार को किसानों के प्रति संवेदना दिखाते हुए इस समस्या का हल तुरंत करना चाहिए. तंवर ने कहा कि जिस प्रकार से किसानों का आंदोलन चल रहा है अब ये आंदोलन जन क्रांति का रूप ले चुका है.
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस द्वारा किसानों को समर्थन देने को तंवर पर जमकर बरसे और कहा कि किसानों को सौ-सौ रुपये के चेक बांटने वाले आज किसान समर्थन की बात कर रहे हैं.
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये जगजाहिर है कि अडानी, अंबानी को स्थापित करने वाले लोग कौन हैं. कांग्रेस ने बड़े-बड़े पूंजीपतियों को जमीन कौड़ियों के भाव दी, वही लोग आज किसानों के हित की बात कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मिलीभगत से आज किसानों को ये दिन देखने पड़ रहे हैं. आगामी 8 जनवरी को होने वाली बैठक में बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है फिर भी उनकी सरकार से अपील है कि इस मसले का हल करना चाहिए.
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