सिरसा: बलात्कार और हत्या के दोष में जेल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 48 घंटे की कस्टडी पैरोल दी गई है. राम रहीम को ये पैरोल अपनी बीमार मां से मिलने के लिए दी गई है. वहीं राम रहीम को मिली पैरोल पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने सवाल उठाए हैं. साथ ही इसे लेकर हरियाणा सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.
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राम रहीम को पैरोल दिए जाने का विरोध करते हुए अंशुल छत्रपति ने कहा कि वो सरकार के इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. राम रहीम जैसे खूंखार कैदी को पैरोल देना निंदनीय है. उन्होंने सरकार पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की मिलीभगत से ये खेल खेला गया है.
अंशुल छत्रपति ने कहा कि कभी राम रहीम को 24 घंटे तो कभी 48 घंटे की कस्टडी पैरोल देकर ट्रैक तैयार किया जा रहा है ताकि राम रहीम को आगे पैरोल पर सिरसा लाया जा सके. उन्होंने कहा कि जिस तरह पहले अपनी बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल जाना और फिर डॉक्टरों द्वारा फिट बताए जाने के बाद पैरोल के लिए आवेदन करना. ये दर्शाता है कि किस तरह सरकार की मिलीभगत से राम रहीम को मां की बीमारी का ढोंग रचकर जेल से बाहर लाने की कोशिश की जा रही है.
बीमार मां से मिलने के लिए मिली कस्टडी पैरोल
गौरतलब है कि रोहतक की सुनारिया जेल में दुष्कर्म और पत्रकार की हत्या के दोष में जेल में बंद सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 48 घंटे की कस्टडी पैराेल मिली है. राम रहीम को ये पैरोल अपनी बीमार मां को देखने के लिए दी गई है. राम रहीम अपनी बीमार मां से मिलने के लिए गुरुग्राम गया है.
कौन हैं अंशुल छत्रपति?
अंशुल छत्रपति पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे हैं. उनके पिता रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार 'पूरा सच' में वो गुमनाम चिट्ठी छापी थी जिसमें गुरमीत राम रहीम पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था. बाद में रामचंद्र छत्रपति की उनके घर में हत्या कर दी गई थी.