रोहतक: भारत सरकार की अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद सेना में जाने की इच्छा रखने वाले युवकों पर मानसिक दबाव का असर दिखने लगा है. खबर है कि रोहतक स्थित एक पीजी में सेना की भर्ती के लिए तैयारी कर रहे जींद जिले के लीजवाना कलां गांव निवासी 23 वर्षीय सचिन ने फांसी (youth commits suicide in rohtak) लगा ली. बताया जा रहा है कि ओवर ऐज होने के डर से (youth hurt by agneepath scheme in rohtak) सचिन ने ये कमद उठाया है.
परिजनों के अनुसार सचिन ने 2 वर्ष पूर्व सर्विसमैन कोटे के तहत गोवा में सेना भर्ती के लिए फिजिकल और मेडिकल टेस्ट पास कर लिया था, सचिन की उम्र निकलती जा रही थी और उसे लिखित परीक्षा का इंतजार था, लेकिन आज उसके सब्र का बांध टूट गया और उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया गया है कि सचिन केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद मानसिक दबाव में इसलिए था कि सरकार सेना की स्थाई भर्तियों की जगह अस्थाई भर्ती करना शुरू कर देगी.
परिजनों के मुताबिक युवक को डर था कि स्थाई भर्ती के लिए उनकी उम्र निकल जाएगी. इसलिए उसने ये कदम उठाया. फिलहाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया है. घटना की जांच करने पहुंचे हरियाणा पुलिस के एएसआई घटना की जानकारी देते हुए भावुक हो गए. उन्होंने बताया कि युवक का शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है. मृतक सचिन के चचेरे भाई प्रदीप सिहाग ने बताया के सचिन पढ़ाई में काफी होशियार था और स्वभाव से काफी विनम्र था.
उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि सचिन इस तरह का कदम उठाएगा, लेकिन जब से केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना की घोषणा की है, तब से लगातार वो मानसिक दबाव झेल रहा था. सचिन के पिता भी सेना में नायक पद से अभी साल भर पहले ही सेवानिवृत्त हुए हैं. सचिन के परिजनों ने सेना की भर्ती कर रहे दूसरे युवाओं से आग्रह किया है कि वो आत्महत्या जैसा भयानक कदम ना उठाएं अगर सेना में भर्ती ना हो पाए तो कोई दूसरा काम भी कर सकते हैं.
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