रोहतक: हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव बीरेंद्र सिंह धनखड़ ने गठबंधन सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में काफी लंबे समय से चली आ रही कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को धरातल पर लागू करने की मांग की. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो जल्द ही महासंघ प्रदेश की बैठक बुलाकर बड़े आंदोलन का फैसला लेगा. ये जानकारी धनखड़ ने रोहतक स्थित हरियाणा कर्मचारी महासंघ के कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर दी.
कर्मचारियों महासंघ की मांग
- राज्य में लंबी अवधि से कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने
- पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने
- समान काम समान वेतनमान देने
- एक्ग्रशिया रोजगार स्कीम में सेवा और आयु की लगाई गई शर्त हटाने
- जोखिम भरा कार्य करने वाले कर्मियों को जोखिम भत्ता देने
- सेवानिवृत कर्मचारियों की प्रत्येक पांच वर्ष बाद पेंशन बढ़ाने
- मकान किराया भत्ता की बढ़ोतरी जनवरी 2016 से लागू करने
- पंजाब के समान वेतनमान
- राज्य में रिक्त पड़े लाखों पदों पर नियमानुसार पक्की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ करने
- आंदोलन के दौरान कर्मचारी और जनसंगठनों पर अष्मा तथा सभी प्रकार की प्रताड़ना समाप्त करने
- परिवहन विभाग में किलोमीटर स्कीम रद्द करके रोडवेज की बसों का बेड़ा प्रदेश की आबादी अनुसार बढ़ाने
- आवश्यकता अनुसार विभागों में नए पद सृजित करने की मांग
धनखड़ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कैबिनेट की बैठक में उनकी मांगों से संबंधित मुद्दों पर विचार नहीं किया गया तो जल्द ही महासंघ प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाकर बड़े आंदोलन का ऐलान किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान उन्हें बातचीत करने के लिए कई बार बुलाया गया, लेकिन यह सिर्फ दिखावा था
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किसी भी मांग पर सही तरीके से विचार नहीं किया गया. उन्होंने मुख्यमंत्री से आह्वान किया कि विभिन्न विभागों के आला अधिकारियों पर लगाम लगाकर प्रदेश के कर्मचारियों के हित का ध्यान रखा जाए. आला अधिकारी ही प्रदेश के कर्मचारियों के हित में काम नहीं होने देना चाहते.