रोहतक: कुछ दिन पहले हुई ओलावृष्टी और बे मौसम की बारिश से अभी किसान उभर नहीं पाया था, कि कुदरत ने एक बार फिर कहर बरपा दिया. बीती रात हुई बारिश ने अन्नदाता की कमर तोड़कर रख दी है. इस बे मौसमी बारिश से किसानों को फायदा कम नुकसान ज्यादा हुआ है. किसान गेहूं की बुबाई एक-दो बार नहीं बल्कि अब तक तीन बार कर चुके हैं.
कई बार हो चुकी है गेहूं की बुबाई
बीती रात हुई बारिश के आगे धरती के अन्नदाता कहे जाने वाले किसान बेबस नजर आए. किसान तीन-तीन बार गेहूं की बुबाई कर चुके हैं. हर बार बारिश और ओलावृष्टि किसानों की फसल को बर्बाद कर देती है.
बारिश से बर्बाद फसल
बारिश के कारण उगने से पहले ही गेहूं का दाना जमीन में सड़ जाता है. जब बारिश बंद हो जाती है तो धूप के कारण ऊपर की जमीन सख्त हो जाती है, जिसके कारण बचे कुचे दाने से बना पौधा मिट्टी की पपड़ी को तोड़कर बाहर नहीं निकल पाता और अंदर ही सड़ जाता है. इसलिए किसान को हर बार नए सिरे से बुबाई करनी पड़ती है. इस बार हुई बारिश के कारण किसान को चौथी बार बुबाई करने पड़ेगी.
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मौषम की मार झेलने वाले किसान इस बारिश के कारण कुछ भी नहीं समझ पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस बारिश के कारण फायदा कम नुकसान ज्यादा है. जिन किसानों का गेहूं उग गया है उसमें इस बारिश का फायदा है. लेकिन जिन किसानों का गेहूं अभी उगा नहीं है उनके लिए ये बारिश बहुत ही नुकसान दायक है.